How can we improve soil quality : मिट्टी हमारे जीवन का आधार है। यह न सिर्फ पौधों को पोषण देती है, बल्कि एक जीवित चीज की तरह काम करती है, जिसमें अनगिनत छोटे-बड़े जीवों का घर बसता है। मिट्टी में जीवाणु, कवक, शैवाल और कीड़े जैसे सूक्ष्म जीवों से लेकर मोल, श्री (गिलहरी) और भूखंड (केंचुआ) जैसे बड़े जीव तक शामिल हैं। यह विविधता मिट्टी को खास बनाती है और इसे एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में स्थापित करती है। लेकिन आजकल बढ़ते प्रदूषण, अंधाधुंध रासायनिक खादों का प्रयोग और जंगल काटने की वजह से मिट्टी की सेहत खतरे में है। तो आइए, जानते हैं कि मिट्टी की इस अनमोल विशेषता को कैसे बचाया जा सकता है।
मिट्टी (soil) क्यों है खास?
मिट्टी को अगर आप सिर्फ धूल या रेत का ढेर समझते हैं, तो यह गलत होगा। यह एक पूरा पारिस्थितिकी तंत्र है। इसमें मौजूद सूक्ष्म जीव पोषक तत्वों को तोड़ते हैं, जिससे पौधों को बढ़ने में मदद मिलती है। केंचुए मिट्टी को हवा देते हैं और इसकी उर्वरता बढ़ाते हैं। इस तरह मिट्टी न सिर्फ फसल उगाने में सहायक है, बल्कि पर्यावरण को संतुलित रखने में भी बड़ी भूमिका निभाती है। अगर मिट्टी स्वस्थ रहेगी, तो हमारा भोजन, पानी और हवा भी शुद्ध रहेंगे।
मिट्टी (soil) के सामने चुनौतियां
आज मिट्टी को कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल मिट्टी के प्राकृतिक जीवों को मार रहा है। जंगलों की कटाई से मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है, जिससे ऊपरी उपजाऊ परत बह जाती है। इसके अलावा, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने भी मिट्टी को प्रदूषित कर दिया है। अगर हमने अभी ध्यान नहीं दिया, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह अनमोल संसाधन खत्म हो सकता है।
मिट्टी की देखभाल के आसान उपाय
मिट्टी को बचाने के लिए हमें बड़े कदमों के साथ-साथ छोटी-छोटी कोशिशें भी करनी होंगी। ये तरीके न सिर्फ आसान हैं, बल्कि हर कोई इन्हें अपना सकता है:
जैविक खेती को बढ़ावा दें: रासायनिक खादों की जगह गोबर, कम्पोस्ट और हरी खाद का इस्तेमाल करें। इससे मिट्टी के जीवाणु और केंचुए सुरक्षित रहते हैं, और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है।
पेड़-पौधे लगाएं: पेड़ों की जड़ें मिट्टी को जकड़ कर रखती हैं, जिससे कटाव रुकता है। साथ ही, गिरे हुए पत्तों से प्राकृतिक खाद बनती है, जो मिट्टी को पोषण देती है।
मिट्टी का कटाव रोकें: पहाड़ी इलाकों में सीढ़ीनुमा खेती और ढलानों पर घास या पौधे लगाने से मिट्टी बहने से बचती है।
कम जुताई करें: बार-बार जुताई करने से मिट्टी की प्राकृतिक संरचना टूटती है। जरूरत के हिसाब से हल्की जुताई करें, ताकि मिट्टी के जीवों को नुकसान न हो।
फसल चक्र अपनाएं: एक ही फसल बार-बार उगाने से मिट्टी के पोषक तत्व कम होते हैं। अलग-अलग फसलों को बारी-बारी से उगाएं, जैसे दालों के बाद अनाज। इससे मिट्टी की सेहत बनी रहती है।
हम सबकी जिम्मेदारी
मिट्टी (soil) को बचाना सिर्फ किसानों का काम नहीं है, यह हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। घर में बागवानी करते वक्त रासायनिक कीटनाशकों से बचें। कचरे को कम्पोस्ट बनाकर मिट्टी में मिलाएं। अगर आपके पास थोड़ी सी जमीन है, तो उसमें पेड़ लगाएं। छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़ा बदलाव आ सकता है। सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने और मिट्टी संरक्षण के लिए योजनाएं चला रही है, जिनका लाभ उठाया जा सकता है।
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