Milk Adulteration: दिवाली जैसे त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में मिठाइयाँ और दूध से बनी चीजें सजने लगती हैं, लेकिन कुछ लालची व्यापारी दूध में डिटर्जेंट, यूरिया और स्टार्च जैसी जहरीली चीजें मिलाकर नकली माल बेचने लगते हैं। यह मिलावट देखने में तो असली लगती है, लेकिन सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है। किडनी, लिवर और पेट की गंभीर बीमारियाँ इसके सेवन से हो सकती हैं। अच्छी बात यह है कि आप घर पर ही, सिर्फ 10-12 रुपये में, 8-10 मिनट में दूध की शुद्धता की जाँच कर सकते हैं। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल के वैज्ञानिकों ने एक सस्ती टेस्टिंग किट तैयार की है, जो हर किसान और उपभोक्ता के लिए वरदान साबित हो रही है।
मिलावटी दूध का बढ़ता कारोबार
पहले दूध में सिर्फ पानी मिलाने की शिकायतें आती थीं, लेकिन अब हालात और बिगड़ गए हैं। सिंथेटिक दूध बनाकर असली में मिलाया जा रहा है, जिसमें यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर, रिफाइंड तेल और स्टार्च का इस्तेमाल होता है। दूध को गाढ़ा बनाने के लिए चीनी या ग्लूकोज, और ताजा रखने के लिए सोडियम हाइड्रोक्साइड जैसे रसायन डाले जाते हैं। हाइड्रोजन पेरोक्साइड से शेल्फ लाइफ बढ़ाई जाती है। ये सभी मिलावटें दूध को लंबे समय तक बेचने लायक बनाती हैं, लेकिन हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाती हैं। त्योहारों पर खोया, पनीर और मिठाइयों की माँग बढ़ने से यह समस्या और गंभीर हो जाती है।
घर पर मिल्क टेस्टिंग किट से जाँच आसान
एनडीआरआई के वैज्ञानिकों ने एक सरल मिल्क टेस्टिंग किट विकसित की है, जो बिना किसी विशेष ज्ञान के इस्तेमाल की जा सकती है। इस किट में अलग-अलग मिलावटों के लिए कागज की स्ट्रिप्स होती हैं। जाँच का तरीका बेहद आसान है: जिस मिलावट का शक हो, उस स्ट्रिप पर दूध की एक बूंद डालें। अगर मिलावट है, तो रंग बदल जाएगा। यह किट न सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए, बल्कि छोटे डेयरी किसानों और बड़ी कंपनियों के लिए भी उपयोगी है। लागत इतनी कम है कि हर कोई इसे आजमा सकता है।
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टेस्टिंग किट कैसे काम करती है
किट का इस्तेमाल करना बच्चे की खेल जैसा सरल है। स्ट्रिप पर दूध की बूंद डालते ही रिएक्शन शुरू हो जाता है। रंग का बदलाव मिलावट के प्रकार को बता देता है। अगर दूध शुद्ध है, तो कोई खास परिवर्तन नहीं होता। यह तरीका वैज्ञानिक रूप से सटीक है और कुछ ही मिनटों में परिणाम देता है। एनडीआरआई के विशेषज्ञों का कहना है कि यह किट मिलावटखोरों के खेल को बेनकाब करने में कारगर साबित हो रही है।
डिटर्जेंट या यूरिया की जाँच ऐसे करें
अगर दूध में डिटर्जेंट मिला है, तो स्ट्रिप का रंग नीला हो जाएगा। यूरिया की मौजूदगी में पीली स्ट्रिप तीन मिनट में लाल रंग की हो जाती है। चीनी या ग्लूकोज की मिलावट पर सफेद स्ट्रिप दस मिनट बाद लाल दिखेगी। न्यूट्रलाइजर जैसे केमिकल्स की जाँच में स्ट्रिप पीली या गहरी हरी हो जाती है। इन टेस्ट्स से आप तुरंत पता लगा सकते हैं कि दूध सुरक्षित है या नहीं। किसान भाई दूध बेचने से पहले खुद जाँच कर लें, ताकि ग्राहकों का भरोसा बना रहे।
किट कहाँ से प्राप्त करें
यह टेस्टिंग किट एनडीआरआई, करनाल से सीधे मँगवाई जा सकती है। कुछ निजी कंपनियाँ और स्टार्टअप्स भी इसे ऑनलाइन बेच रहे हैं। आप आसानी से वेबसाइट से ऑर्डर कर घर मँगवा सकते हैं। इस सस्ते उपकरण से आप न सिर्फ अपने परिवार को सुरक्षित रखेंगे, बल्कि मिलावट के खिलाफ जागरूकता भी फैला सकेंगे। दिवाली पर शुद्ध दूध और मिठाइयों का आनंद लें, लेकिन सतर्क रहें।
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