वर्मी कम्पोस्ट असली है या नकली? 6 आसान तरीकों से करें पहचान!

How to identify Real Vermicompost: जैविक खेती, किचन गार्डनिंग, और रूफ गार्डनिंग का चलन आजकल तेजी से बढ़ रहा है। इनके लिए वर्मी कम्पोस्ट यानी केंचुआ खाद बहुत जरूरी होती है, क्योंकि ये मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और पौधों को पोषण देती है। कई लोग इस खाद को घर पर बनाना पसंद करते हैं, लेकिन समय की कमी या ज्यादा जरूरत होने पर बाजार से खरीदना पड़ता है। बाजार में नकली या खराब खाद मिलने का डर रहता है। ऐसे में असली और अच्छी वर्मी कम्पोस्ट की पहचान करना जरूरी है, ताकि फसल और पौधे स्वस्थ रहें। इस लेख में कुछ आसान तरीके बताए गए हैं, जिनसे असली केंचुआ खाद को पहचाना जा सकता है।

Table of Contents

1. खाद की गंध से करें शुरुआत

अच्छी वर्मी कम्पोस्ट की पहचान उसकी गंध से की जा सकती है। असली केंचुआ खाद से मिट्टी जैसी हल्की और ताजी खुशबू आती है, जो नाक को अच्छी लगती है। अगर खाद से सड़ांध या तेज बदबू आ रही है, तो ये खराब होने या उसमें रसायन मिलाए जाने का संकेत हो सकता है। ऐसी खाद को खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि ये पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है। खाद को सूंघकर उसकी गुणवत्ता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

2. रंग और बनावट का रखें ध्यान

वर्मी कम्पोस्ट का रंग और बनावट भी उसकी गुणवत्ता बताते हैं। अच्छी केंचुआ खाद का रंग गहरा भूरा या हल्का काला होता है। इसकी बनावट चायपत्ती की तरह दानेदार और बारीक होती है। जब इसे हाथ में लिया जाए, तो ये हल्की और मुलायम महसूस होती है। अगर खाद में बड़े-बड़े ढेले हैं या ये बहुत सख्त लगती है, तो उसमें मिट्टी या दूसरी चीजें मिली हो सकती हैं। ऐसी खाद पौधों के लिए कम फायदेमंद होती है।

3. नमी की मात्रा हो संतुलित

वर्मी कम्पोस्ट में नमी का सही स्तर होना बहुत जरूरी है। अच्छी खाद में 20 से 30 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए। इसे हाथ में लेने पर हल्का गीलापन महसूस होना चाहिए, लेकिन ये टपकनी नहीं चाहिए। अगर खाद बहुत ज्यादा सूखी है, तो उसमें पोषक तत्व कम हो सकते हैं। वहीं, बहुत ज्यादा गीली खाद से पौधों की जड़ें खराब हो सकती हैं। नमी की जांच के लिए खाद को हल्के से दबाकर देखना चाहिए। अगर वो आसानी से बिखर जाए, तो नमी सही है।

4. केंचुओं की मौजूदगी है अच्छा संकेत

असली वर्मी कम्पोस्ट में कई बार जिंदा केंचुए दिखाई देते हैं, जो इसकी अच्छी गुणवत्ता का सबूत है। केंचुए खाद को बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, और उनकी मौजूदगी बताती है कि खाद ताजी और स्वस्थ है। अगर खाद में मरे हुए केंचुए दिखें, तो ये चिंता की बात हो सकती है। ये पीएच लेवल में गड़बड़ी, कीटनाशक की मिलावट, या ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है। ऐसी खाद को खरीदने से पहले दोबारा जांच कर लेनी चाहिए।

5. पोषक तत्वों की जांच

अच्छी वर्मी कम्पोस्ट में नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश जैसे मुख्य पोषक तत्वों के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व और एंजाइम भी होते हैं। ये तत्व पौधों की ग्रोथ और फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर खाद की पैकेजिंग पर पोषक तत्वों की जानकारी दी गई है, तो उसे पढ़ लेना चाहिए। साथ ही, विश्वसनीय विक्रेता से खाद खरीदना बेहतर है, जो जैविक खेती के लिए प्रमाणित खाद बेचता हो। ऐसी खाद फसलों और गार्डन के पौधों को ज्यादा फायदा देती है।

6. वजन से भी होती है पहचान

वर्मी कम्पोस्ट की एक और खासियत उसका हल्का वजन है। असली केंचुआ खाद को उठाने पर वो भारी नहीं लगती। अगर खाद बहुत ज्यादा भारी महसूस हो रही है, तो उसमें मिट्टी, रेत, या दूसरी चीजें मिलाई गई हो सकती हैं। ऐसी मिलावटी खाद पौधों के लिए कम असरदार होती है और मेहनत बेकार कर सकती है। खाद खरीदते समय उसका वजन जांचने के लिए थोड़ी मात्रा को उठाकर देख लेना चाहिए।

सही खाद चुनने का फायदा

जैविक खेती और गार्डनिंग के लिए असली वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। बाजार या ऑनलाइन खरीदते समय इन आसान तरीकों से खाद की गुणवत्ता की जांच कर लेनी चाहिए। सही खाद न सिर्फ फसल और पौधों को स्वस्थ रखती है, बल्कि पैदावार भी बढ़ाती है। गंध, रंग, बनावट, नमी, केंचुओं की मौजूदगी, और वजन जैसी चीजों का ध्यान रखकर नकली या खराब खाद से बचा जा सकता है। इससे खेती और गार्डनिंग का काम आसान हो जाता है, और मेहनत का पूरा फल मिलता है।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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