How to Make Soil More Fertile: किसान भाइयों, आज जनसंख्या बढ़ रही है और अनाज की जरूरत भी। मगर चिंता की बात ये है कि खेतों की पैदावार घटती जा रही है। आपके खेत की मिट्टी, जो कभी फसलों को हरा-भरा करती थी, अब धीरे-धीरे मर रही है। उसमें जो जीवांश और बैक्टीरिया फसलों को ताकत देते थे, वो कम हो गए हैं। ये सब रासायनिक खाद के बेतहाशा इस्तेमाल, लगातार खेती और भारी मशीनों की वजह से हुआ है। ज्यादा पानी वाली फसलें और ट्रैक्टरों ने मिट्टी का जीवन छीन लिया है। अगर आप इसे ठीक करना चाहते हैं, तो चलिए समझते हैं कि मिट्टी को फिर से जिंदा कैसे करें।
मिट्टी की ताकत क्यों कम हो रही है
खेत की मिट्टी में 41 फीसदी से ज्यादा जीवाणु होने चाहिए, जो फसलों का मुख्य खाना बनते हैं। मगर बुंदेलखंड जैसे इलाकों में अब सिर्फ 0.6 फीसदी ही बचे हैं। कृषि विभाग के बड़े अफसर बताते हैं कि कीटनाशक और रासायनिक खाद ने मिट्टी के जीवों को खत्म कर दिया है। पहले आप गोबर और ऑर्गेनिक खाद डालते थे, मगर अब रासायनिक खाद ने उसकी जगह ले ली। ऊपर से 3-4 टन के ट्रैक्टर से जुताई करने लगे, जिसके नीचे दबकर मिट्टी के कीटाणु मर गए। नकदी फसलों का लालच भी बढ़ा, जिससे गेहूं-चने की खेती ज्यादा हुई और मिट्टी की ताकत चली गई।

पैदावार पर बुरा असर
मिट्टी की हालत खराब होने से अब पहले से दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। जहाँ पहले 2 जुताई से काम चल जाता था, वहाँ अब 4 बार जोतना पड़ता है। 4 बार सिंचाई की जगह 6 बार पानी देना पड़ता है। फिर भी 2 क्विंटल की जगह 1 क्विंटल ही पैदावार होती है। ये सब जीवांश खत्म होने की वजह से है। अगर आप इसे नजरअंदाज करते रहे, तो खेत बंजर हो जाएँगे और अनाज का संकट खड़ा हो सकता है। पानी की कमी भी बढ़ रही है, जो आने वाले वक्त में बड़ी मुसीबत बन सकती है।
मिट्टी को जिंदा करने का तरीका
मिट्टी को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए आपको प्राकृतिक खेती की तरफ लौटना होगा। सबसे पहले गोबर की सड़ी खाद डालिए। ये मिट्टी में जीवाणु बढ़ाती है और उसे ताकत देती है। खेत के पास तालाब या कुआँ बनवाइए, ताकि बारिश का पानी जमा हो और मिट्टी को नमी मिले। खेत के आसपास पेड़ लगाइए, जैसे नीम, पीपल या बबूल। ये मिट्टी को ठंडक देंगे और जीवांश को बढ़ाएँगे। बरसात का पानी जमीन में जाने का इंतजाम करिए, जैसे गड्ढे बनाकर या नालियाँ खोदकर। ट्रैक्टर की जगह हल से जुताई करिए, ये मिट्टी को नुकसान नहीं पहुँचाता।
ऑर्गेनिक खेती से फायदा
कृषि विभाग के जानकार डॉ. वी.के. सचान कहते हैं कि 99 फीसदी खेतों की उर्वरता खराब हो चुकी है। इसे ठीक करने के लिए ऑर्गेनिक खेती ही रास्ता है। रासायनिक खाद छोड़िए और गोबर, कम्पोस्ट, और हरी खाद का इस्तेमाल करिए। खेत में फसल चक्र बदलते रहिए। एक बार धान बोया, तो अगली बार मूंग या चना बोइए। इससे मिट्टी को आराम मिलेगा और उसकी ताकत लौटेगी। कीटनाशक की जगह नीम का तेल या गोमूत्र छिड़किए, ये सस्ता और मिट्टी के लिए सुरक्षित है।
आपके लिए आसान नुस्खे
मिट्टी को हरा-भरा रखने के लिए कुछ देसी नुस्खे आजमाइए। फसल कटने के बाद बचे डंठल और पत्तियों को खेत में ही सड़ने दीजिए, ये प्राकृतिक खाद बनेगी। गाँव में जो गाय-भैंस का गोबर मिलता है, उसे इकट्ठा कर खेत में डालिए। खेत के किनारे मेड़ बनाइए, ताकि पानी बह न जाए। हर साल थोड़ी जमीन को खाली छोड़ दीजिए, इससे मिट्टी को साँस लेने का मौका मिलेगा। इन छोटे कदमों से आपका खेत फिर से जिंदा हो उठेगा।
तो भाइयों, मिट्टी आपकी मेहनत की नींव है। इसे बचाइए, ऑर्गेनिक खेती अपनाइए, और फसल को बंपर बनाइए। अभी ध्यान नहीं दिया, तो आगे चलकर खेत बंजर हो जाएँगे। थोड़ी समझदारी से अपने खेत को हरा-भरा रखिए और आने वाली पीढ़ी के लिए भी छोड़ जाइए।
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