Mango Farming Tips: आम की खेती करने वाले किसानों के लिए यह मौसम चुनौतियों से भरा हो सकता है। बदलते मौसम के साथ-साथ आम के बागानों में रेड बैंडेड मैंगो कैटरपिलर (RBMC) नामक कीट की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह कीट आम के छोटे-छोटे फलों को निशाना बनाता है और उनके अंदर सुरंगें बनाकर फल को खराब कर देता है। नतीजतन, फल काले या भूरे होकर समय से पहले गिर जाते हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। इस लेख में हम आपको इस कीट से निपटने के कुछ सरल और प्रभावी उपाय बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
रेड बैंडेड मैंगो कैटरपिलर क्या है और यह कैसे नुकसान पहुंचाता है?
रेड बैंडेड मैंगो कैटरपिलर एक ऐसा कीट है जो आम के बागानों में व्यापक रूप से पाया जाता है। यह कीट विशेष रूप से आम के कच्चे फलों, जिन्हें हम टिकोले कहते हैं, पर हमला करता है। यह फल के अंदर प्रवेश करके सुरंगें बनाता है, जिससे फल का रंग बदलने लगता है और वह असमय गिर जाता है। कई बार फल के अंदर का हिस्सा पूरी तरह सड़ जाता है, जिससे वह बिक्री के लिए अनुपयुक्त हो जाता है। इस कीट की वजह से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां आम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
कैटरपिलर की समस्या को पहचानें
आम के बागानों में इस कीट की मौजूदगी को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते उपाय किए जा सकें। यदि आपके आम के फल काले या भूरे रंग के हो रहे हैं, या उनमें छोटे-छोटे छेद दिखाई दे रहे हैं, तो यह कैटरपिलर के हमले का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, यदि फल बिना पके ही गिर रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने बाग की जांच करनी चाहिए। इस कीट का प्रभाव ज्यादातर फल बनने के शुरुआती दौर में देखा जाता है, जब फल छोटे और कच्चे होते हैं। इसलिए, इस समय बाग की नियमित निगरानी करना बहुत जरूरी है।
कैटरपिलर से बचाव के प्रभावी उपाय
किसान भाई इस कीट से निपटने के लिए कई तरह के उपाय कर सकते हैं। सबसे पहले, बाग में लाइट ट्रैप का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है। लाइट ट्रैप कीटों को आकर्षित करके उन्हें फंसाता है, जिससे उनकी संख्या को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके लिए रात के समय बाग में लाइट ट्रैप लगाएं और सुबह उन्हें हटा लें। यह तरीका पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है और रासायनिक दवाओं पर निर्भरता को कम करता है।
यदि कीट का प्रकोप अधिक है, तो रासायनिक दवाओं का छिड़काव भी किया जा सकता है। उद्यान विशेषज्ञों के अनुसार, क्लोरोपाइरिफोस (Chloropyriphos 50 + Cypermethrin 5 EC) को 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर पेड़ों पर छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा, इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG को 0.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर भी छिड़काव किया जा सकता है। छिड़काव के दौरान यह सुनिश्चित करें कि दवा पेड़ के सभी हिस्सों, खासकर फलों और पत्तियों पर अच्छी तरह पहुंचे। यदि जरूरत हो, तो 8 से 10 दिन के अंतराल पर इस छिड़काव को दोहराएं।
प्राकृतिक तरीकों से कीट नियंत्रण
रासायनिक दवाओं के अलावा, कुछ प्राकृतिक तरीके भी इस कीट को नियंत्रित करने में कारगर हो सकते हैं। नीम के तेल का उपयोग एक प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है। नीम का तेल कीटों को फलों पर हमला करने से रोकता है और उनके प्रजनन को भी कम करता है। इसके लिए 5 मिलीलीटर नीम तेल को प्रति लीटर पानी में मिलाकर पेड़ों पर छिड़काव करें। इसके साथ ही, बाग में नियमित सफाई रखें और गिरे हुए फलों को तुरंत हटा दें, क्योंकि ये कीटों के लिए प्रजनन स्थल बन सकते हैं।
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