सर्दी का मौसम आते ही घरों और खेतों में लगे तुलसी के पौधे सूखने लगते हैं, जो किसानों और घरेलू बागवानी करने वालों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन जाता है। तुलसी न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि इसके पत्तों का औषधीय उपयोग भी खेती-बाड़ी में आम है। बारिश खत्म होने और ठंड की शुरुआत में नमी और तापमान के बदलाव से पौधा कमजोर पड़ जाता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ आसान उपायों से आप इसे हरा-भरा रख सकते हैं।
गार्डनिंग विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर की गई देखभाल से तुलसी न सिर्फ जीवित रहेगी, बल्कि घनी और स्वस्थ भी हो जाएगी। आइए जानते हैं उन चार जरूरी कामों के बारे में, जो सर्दी में तुलसी को सूखने से बचाएंगे, साथ ही एक सस्ती खाद का राज भी।
पौधे को धूप की रोशनी में लाएँ
सर्दी की शुरुआत में सबसे पहला कदम तुलसी के पौधे को उसकी जगह बदलना है। बारिश के बाद अगर पौधा छायादार कोने में रखा हो, तो उसे तुरंत सीधी धूप वाली जगह पर ले जाएँ। धूप न सिर्फ पौधे को गर्माहट देती है, बल्कि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को तेज करती है, जिससे पत्तियाँ हरी और मजबूत बनी रहती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि रोजाना कम से कम 4-5 घंटे की धूप पौधे को ऊर्जा प्रदान करेगी और ठंड की मार से बचाएगी। अगर घर के आँगन में जगह कम हो, तो खेत के किनारे पर भी इसे शिफ्ट करें। इससे न सिर्फ पौधा स्वस्थ रहेगा, बल्कि अगले मौसम में नई शाखाएँ भी निकलेंगी।
मिट्टी को ढीला करें, जड़ों को सांस दें
तुलसी की जड़ों को सांस लेने का मौका देना भी बहुत जरूरी है, खासकर जब मिट्टी नम और भारी हो जाती है। बारिश के बाद मिट्टी सख्त हो जाती है, जिससे जड़ें दम घुटने लगती हैं। एक छोटे हाथ के औजार से ऊपरी सतह की मिट्टी को हल्का-हल्का खोदें, लेकिन जड़ों को छूने से बचें। इससे हवा और सूरज की किरणें जड़ों तक पहुँचेंगी, जो फंगस के विकास को रोकेंगी और पौधे की ग्रोथ को बढ़ावा देंगी। किसान भाइयों को सलाह है कि हर 10-15 दिन में एक बार यह काम करें। इससे मिट्टी की नमी संतुलित रहेगी और तुलसी की जड़ें मजबूत होकर नई पत्तियाँ उगाने लगेंगी।
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मंजरी काटें, सूखी टहनियाँ हटाएँ
तुलसी पर मंजरी लगते ही पौधे की सारी ताकत बीज बनाने में लग जाती है, जिससे पत्तियाँ कमजोर पड़ने लगती हैं। इसलिए मंजरी को तुरंत काट दें। साथ ही, सूखी पत्तियाँ और टहनियाँ भी हटा दें, क्योंकि ये फंगस और कीड़ों को आकर्षित करती हैं। यह छंटाई न सिर्फ पौधे को सुंदर बनाएगी, बल्कि नई शाखाओं को उगने का मौका देगी। विशेषज्ञों का अनुभव है कि इससे तुलसी घनी हो जाती है और सर्दी में भी हरी-भरी दिखती है। कटी हुई मंजरियों को धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल करें या खाद के रूप में मिट्टी में मिला दें।
फंगस और कीड़ों से बचाव का घरेलू नुस्खा
सर्दी में नमी बढ़ने से तुलसी पर काली धब्बे और छोटे कीड़े लग जाते हैं, जो पत्तियों को खराब कर देते हैं। इससे बचने के लिए 15-20 लौंग को 250 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब तक पानी का रंग न बदल जाए। ठंडा होने पर इसे आधा लीटर पानी में मिलाकर पतला करें और पत्तियों पर छिड़काव करें। लौंग का प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण फंगस को मार गिराएगा और कीड़ों को भगाएगा। यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित है और पौधे को नुकसान नहीं पहुँचाता। नियमित छिड़काव से तुलसी की पत्तियाँ चमकदार और बिना दाग की रहेंगी।
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10 रुपये की सस्ती खाद से पौधा घना बनेगा
तुलसी को पोषण देने के लिए महंगी खादों की जरूरत नहीं। सरसों की खली (पीला पाउडर) सबसे सस्ता और असरदार विकल्प है, जो 10 रुपये में आसानी से मिल जाती है। 100 ग्राम खली को एक लीटर पानी में भिगोएँ और 5 दिनों तक रखें। रोजाना हिलाते रहें ताकि किण्वन प्रक्रिया ठीक से हो। 5 दिन बाद घोल को 20 गुना पानी में पतला करके मिट्टी में डालें। यह खाद पौधे को प्रोटीन और पोषक तत्व देगी, जिससे नई पत्तियाँ निकलेंगी और तुलसी घनी हो जाएगी। विशेषज्ञ कहते हैं कि महीने में एक बार यह डालने से सर्दी में भी पौधा कभी सूखेगा नहीं।
तुलसी को स्वस्थ रखें, घर को हरा-भरा बनाएँ
इन चार उपायों और सस्ती खाद से तुलसी का पौधा सर्दी की ठंड में भी हरा-भरा रहेगा। यह न सिर्फ धार्मिक महत्व की वस्तु है, बल्कि खेती में भी उपयोगी साबित होती है। किसान भाइयों और घरेलू बागवानों को चाहिए कि समय पर इन टिप्स को अपनाएँ। इससे न सिर्फ पौधा सुरक्षित रहेगा, बल्कि आपके घर या खेत में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहेगी।
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