प्यारे किसान भाइयों, आपके खेतों की मेहनत से ही गन्ने की मिठास घर-घर पहुँचती है। गन्ना हमारी खेती का गहना है, जिससे चीनी, गुड़, और खांडसारी बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गन्ने में “मदरशूट” को निकालना कितना जरूरी है? ये वो पहला तना है, जो बुवाई के बाद उगता है और फसल की ताकत पर असर डालता है। इसे सही समय और तरीके से हटाएँ, तो गन्ने की पैदावार बढ़ सकती है। आइए, गाँव के देसी अंदाज में समझें कि मदरशूट क्यों निकालें, कब निकालें, और कैसे निकालें।
मदरशूट निकालने की वजह
मदरशूट वो पहला अंकुर है, जो गन्ने की गांठ से सबसे पहले निकलता है। इसे “माँ का तना” कहते हैं, क्यूंकि ये बाकी अंकुरों को जन्म देता है। मगर इसे हटाना क्यों जरूरी है?
- पोषण का बँटवारा: मदरशूट मोटा और लंबा होता है, जो खेत का सारा रस और खाद अपने लिए खींच लेता है। इससे नए अंकुर कमजोर रह जाते हैं।
- ज्यादा टिलर्स: इसे हटाने से नए और मजबूत अंकुर (टिलर्स) निकलते हैं, जो फसल की मात्रा बढ़ाते हैं।
- गुणवत्ता में सुधार: नए अंकुरों से गन्ना एकसमान, रसदार, और मीठा होता है, जिससे चीनी की रिकवरी बढ़ती है।
- कीट और बीमारी से बचाव: मदरशूट पर शूट बोरर और फफूंद जल्दी लगती है। इसे हटाकर फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
गाँव के बुजुर्ग कहते हैं, “मदरशूट को रास्ते से हटाओ, तो गन्ना खेत में लहलहाएगा।” ये छोटा कदम बड़ा फायदा देता है।
सही समय का चयन
मदरशूट निकालने का सही वक्त पकड़ना जरूरी है, वरना फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है।
- बुवाई के 30-45 दिन बाद: गन्ने की बुवाई (फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर) के बाद जब पौधा 1-1.5 फीट का हो जाए, यानी 30-45 दिन में, मदरशूट हटाएँ। इस वक्त नए अंकुर निकलने की तैयारी में होते हैं।
- रैटून फसल में: अगर पिछले साल की फसल की कटाई फरवरी से पहले हुई हो, तो मार्च-अप्रैल में मदरशूट निकालें। देर हुई तो नए अंकुर दब जाएँगे।
- पत्तियों का संकेत: जब मदरशूट की निचली पत्तियाँ हल्की पीली पड़ने लगें, समझ लें कि अब निकालने का समय है।
अगर 20 दिन से पहले हटाया, तो नए अंकुर तैयार नहीं होंगे, और 60 दिन बाद हटाया, तो मदरशूट ज्यादा बढ़कर फसल को नुकसान देगा। सही समय पर कदम बढ़ाएँ।
मदरशूट निकालने का देसी तरीका
अब जानते हैं कि इसे कैसे हटाएँ, ताकि गन्ने को चोट न लगे और फायदा पूरा मिले।
- हाथ से तोड़ें: छोटे खेत में मदरशूट को जड़ के पास से पकड़ें, हल्का मोड़ दें, और तोड़ लें। ध्यान रखें कि बाकी जड़ें न उखड़ें।
- खुरपी से काटें: बड़े खेत में खुरपी या छोटी कुदाल से मदरशूट को जमीन से 2-3 सेमी ऊपर से काटें। इससे नए अंकुरों को जगह मिलेगी।
- खेत साफ रखें: निकाले गए मदरशूट को खेत से बाहर करें। इसे गाय-भैंस के चारे में डाल सकते हैं, मगर खेत में न छोड़ें, वरना कीट पनपेंगे।
- हल्की गुड़ाई करें: मदरशूट हटाने के बाद खेत की हल्की गुड़ाई करें। पौधों की जड़ों पर मिट्टी चढ़ाएँ, ताकि नए अंकुर मजबूत बनें।
- पानी का इंतजाम: इसके बाद हल्की सिंचाई करें। मिट्टी नम रहेगी, तो टिलर्स तेजी से बढ़ेंगे।
गाँव में कहते हैं, “मदरशूट को सम्मान से हटाओ, गन्ना तुम्हें इनाम देगा।” सावधानी से काम करें, फायदा हाथ लगेगा।
फायदे का हिसाब
मदरशूट निकालने से प्रति हेक्टेयर 10-15 टन तक गन्ने की उपज बढ़ सकती है। अगर सामान्य उपज 60-70 टन है, तो ये 80-85 टन तक जा सकती है। बाज़ार में गन्ना 300-400 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है, यानी 30,000-50,000 रुपये का अतिरिक्त मुनाफा। लागत सिर्फ 500-1000 रुपये मजदूरी की, और फायदा लाखों का!
सावधानियाँ और टिप्स
- बहुत जल्दी या देर से न हटाएँ।
- काटते वक्त पौधे की जड़ को चोट न लगे।
- निकालने के बाद खेत में नमी बनाए रखें।
- शूट बोरर का खतरा हो, तो नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) छिड़कें।
तो, किसान भाइयों, गन्ने की खेती में मदरशूट को नजरअंदाज न करें। सही समय और तरीके से इसे हटाएँ, और खेत से मिठास के साथ मुनाफा काटें। कुछ पूछना हो तो बताना, मैं तैयार हूँ!
ये भी पढ़ें – बंजर जमीन पर करें सहजन की खेती, एक एकड़ से होगी 6 लाख की कमाई
