लू से फसलों को कैसे बचाएं गर्मी में भी रखें हरे-भरे खेत जानें, आसान टिप्स

How to Save Crops from Heat Wave: किसान भाइयों मार्च का महीना शुरू होते ही गर्मी अपनी रंगत दिखाने लगती है, और अप्रैल-मई आते-आते लू का कहर बढ़ जाता है। तेज धूप और गर्म हवाएँ फसलों को मुरझा सकती हैं, लेकिन सही तरीके अपनाएँ तो लू से फसलों को कैसे बचाएं, ये कोई मुश्किल काम नहीं है। चाहे आपकी फसल मूंग हो, भिंडी हो, या तरबूज, कुछ आसान उपायों से आप खेत को हरा-भरा रख सकते हैं। इस आर्टिकल में मैं आपको लू से खेती की सुरक्षा के लिए शानदार टिप्स दूंगा, ताकि आपकी मेहनत बेकार न जाए और फसल लहलहाती रहे। तो चलिए, खेत की तैयारी करें और लू को मात दें!

लू क्या है और फसलों पर इसका असर

लू तेज धूप और गर्म हवाओं का वो जोर है, जो 40 डिग्री से ऊपर तापमान में चलता है। ये फसलों की नमी छीन लेता है, पत्तियाँ झुलसा देता है, और फूल-फल गिरने लगते हैं। मूंग, उड़द, और सब्जियाँ जैसे टमाटर, भिंडी, और तरबूज लू से सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। पौधों की बढ़त रुक जाती है, और पैदावार कम हो सकती है। लेकिन चिंता न करें, सही समय पर सही कदम उठाने से लू से फसलों को कैसे बचाएं (How to Save Crops from Heat Wave), इसका जवाब आपके पास होगा। ये जानकारी आपकी मेहनत को सुरक्षित रखेगी।

लू से पहले मजबूत नींव

लू से खेती की सुरक्षा के लिए खेत को पहले से तैयार करना ज़रूरी है। बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी ढीली और हवादार हो जाए। गोबर खाद (10-15 टन प्रति हेक्टेयर) या वर्मी कंपोस्ट डालें, इससे मिट्टी नमी बनाए रखती है। ऊँची बेड बनाएँ ताकि पानी का निकास अच्छा हो और जड़ें मज़बूत रहें। ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाएँ, जो पानी की बचत करता है और लू में पौधों को राहत देता है। खेत के चारों ओर पेड़ या लंबी फसलों (जैसे मक्का) की बाड़ बनाएँ, जो हवा का झोंका कम करें। ये तैयारी लू से पहले खेत को ताकत देगी।

सही समय पर बुवाई

लू से फसलों को कैसे बचाएं, इसके लिए बुवाई का समय सही चुनना बड़ा टिप्स है। मार्च की शुरुआत में मूंग, उड़द, और भिंडी जैसे जल्दी तैयार होने वाली फसलें बोएँ ताकि मई-जून की तेज लू से पहले फसल पक जाए। बीज को 6-8 घंटे भिगोकर बोएँ, इससे अंकुरण तेज़ होता है। पंक्तियों में 30-40 सेमी की दूरी रखें और बीज 2-3 इंच गहरे डालें। अगर लू देर से शुरू हो रही हो, तो अप्रैल में पीला तरबूज या लौकी बो सकते हैं। सही समय पर बुवाई से फसल लू की मार से बच सकती है।

पानी का सही प्रबंधन

गर्मी में पानी फसलों की जान है। लू से बचाव के उपाय में ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम सबसे बढ़िया है। सुबह जल्दी या शाम को पानी दें, ताकि दिन की गर्मी में नमी बनी रहे। प्रति हेक्टेयर 500-700 लीटर पानी हर 4-5 दिन में दें, लेकिन जलभराव न होने दें। मुल्चिंग करें – सूखी पत्तियाँ, घास, या प्लास्टिक शीट बिछाएँ, इससे मिट्टी की नमी टिकी रहती है और लू का असर कम होता है। टमाटर और भिंडी जैसे पौधों को रोज़ हल्का पानी दें। ये टिप्स फसलों को लू से राहत देंगे।

छाया का इंतज़ाम

गर्मी में फसल देखभाल में छाया बहुत ज़रूरी है। लू से बचाने के लिए खेत में नारियल की पत्तियाँ, बांस की छतरी, या हरा नेट लगाएँ। ये 30-40% धूप को रोकता है और पौधों को झुलसने से बचाता है। छोटे खेतों में गमले या बेड को छायादार जगह पर शिफ्ट करें। मक्का या सूरजमुखी जैसी लंबी फसलें खेत के किनारे बोएँ, जो प्राकृतिक छाया बनाती हैं। पौधों के आसपास सूखी घास डालें, ये मिट्टी को ठंडा रखती है। ये आसान तरीके लू की मार से फसलों को बचा लेंगे।

रोग और कीटों से बचाव

लू के साथ कीट और रोग भी बढ़ते हैं। प्रमुख रोग फफूंदी (मिल्ड्यू) है, जिसमें पत्तियाँ सफेद पड़कर सूखती हैं। इसके लिए जैविक उपाय में नीम तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) हर 10-15 दिन में छिड़कें। रासायनिक दवा में मैन्कोजेब (2 ग्राम प्रति लीटर) का छिड़काव करें। प्रमुख कीट फल मक्खी और सफेद मक्खी हैं, जो फल और पत्तियों को नुकसान पहुँचाते हैं। गोमूत्र (10 मिली प्रति लीटर) या नीम तेल छिड़कें। रासायनिक तौर पर डाइमेथोएट (1 मिली प्रति लीटर) इस्तेमाल करें। लू में ये उपाय फसलों को मज़बूत और सुरक्षित रखते हैं।

फसलों को दें ताकत

लू से फसलों को कैसे बचाएं (How to Save Crops from Heat Wave), इसके लिए पोषण बड़ा टिप्स है। बुवाई से पहले गोबर खाद (10-15 टन प्रति हेक्टेयर) डालें। फूल आने पर वर्मी कंपोस्ट (2-3 टन प्रति हेक्टेयर) या नाइट्रोजन (20-25 किलो), फॉस्फोरस (40 किलो), और पोटाश (30 किलो) डालें। लू में पौधे कमजोर हो जाते हैं, तो पत्तियों पर यूरिया (10 ग्राम प्रति लीटर पानी) का हल्का छिड़काव करें। कैल्शियम (5 ग्राम प्रति लीटर) भी डालें ताकि फल न सड़ें। ये पोषण फसलों को लू की मार से लड़ने की ताकत देगा।

फसलों का सही चयन

गर्मी में फसल देखभाल के लिए ऐसी फसलें चुनें जो लू को झेल सकें। मूंग, उड़द, भिंडी, और पीला तरबूज मार्च में बोने के लिए बढ़िया हैं। मूंग की उन्नत किस्में जैसे पूसा विशाल और भिंडी की पूर्णा क्रांति लू में भी अच्छी पैदावार देती हैं। टमाटर (अर्का रक्षक) और लौकी (पूसा संतुष्टि) भी गर्मी में टिकती हैं। ये फसलें 45-70 दिन में तैयार होती हैं, जिससे लू का सबसे तेज़ समय निकल जाता है। सही चयन आपकी मेहनत को बेकार नहीं जाने देगा।

लू में भी हरे-भरे खेत

कई किसानों से बात करके पता चला कि लू से फसलों को कैसे बचाएं (How to Save Crops from Heat Wave), इसके आसान उपाय कमाल करते हैं। एक भाई ने बताया कि उसने मूंग के खेत में ड्रिप और छाया नेट लगाया, और लू में भी 10 क्विंटल पैदावार ली। एक बहन ने भिंडी की बेलों को गीली घास से ढका, और फसल लहलहाती रही। ये तरीके गाँव और शहर दोनों के लिए बढ़िया हैं। लू से डरने की बजाय इन टिप्स को आजमाइए, और देखिए कैसे खेत गर्मी में भी हरा-भरा रहता है।

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  • Shashikant

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