सब्जी की खेती पर मिलेगा ₹48,000 तक अनुदान! सरकार की स्कीम और एक्सपर्ट की सलाह एक साथ

Hybrid Sabji Kshetr Vistar Yojana 2025: खेती-बाड़ी में अब नई तकनीक और जुगाड़ का ज़माना है। सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना शुरू की है। ये योजना गाँव के उन किसानों के लिए वरदान है, जो टमाटर, बैंगन, भिंडी, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों की खेती शुरू करना चाहते हैं। इस योजना से सरकार पैसे की मदद दे रही है, ताकि खेती का खर्चा कम हो और फसल ज़्यादा लहलहाए।

योजना से क्या फायदा मिलेगा

ये योजना गाँव के छोटे-बड़े किसानों के लिए है, जो हाइब्रिड सब्जियों की खेती करना चाहते हैं। इसके तहत खेती की लागत का 40 फीसदी हिस्सा सरकार देगी। मान लीजिए, एक हेक्टेयर में सब्जी की खेती करने में 60,000 रुपये का खर्चा आता है। इस हिसाब से दो हेक्टेयर में 1,20,000 रुपये लगेंगे। सरकार इस लागत का 40 फीसदी, यानी 48,000 रुपये तक की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में भेज देगी। गाँव में कई किसान इस पैसे से भिंडी, लौकी, गिलकी, हरी मिर्च या टमाटर जैसी फसलों की खेती कर रहे हैं। ये योजना सिर्फ़ दो हेक्टेयर तक की ज़मीन के लिए है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को फायदा मिले।

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आवेदन करने का आसान तरीका

इस योजना में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन बहुत आसान है। मध्य प्रदेश उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट mpfsts.mp.gov.in पर जाना होगा। वहाँ ऑनलाइन फॉर्म भरने का विकल्प मिलेगा। फॉर्म भरने के लिए आधार कार्ड, खेत के कागज़ (B1/B2 की नकल), बैंक पासबुक और एक पासपोर्ट साइज़ फोटो चाहिए। अगर कोई किसान अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग से है, तो जाति प्रमाण पत्र भी देना होगा। फॉर्म भरने के बाद ये भोपाल भेजा जाएगा। वहाँ लॉटरी सिस्टम से नाम चुने जाएंगे, और चयन की खबर मोबाइल पर मैसेज से मिल जाएगी। गाँव में कई किसान इस तरह रजिस्टर करके सब्सिडी पा रहे हैं।

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सब्सिडी का पैसा कैसे मिलेगा

इस योजना में दो तरीके से मदद मिलती है। अगर कोई किसान खुद नर्सरी से हाइब्रिड सब्जियों के पौधे खरीदता है, तो पूरी सब्सिडी की रकम उसके बैंक खाते में आएगी। और अगर उद्यानिकी विभाग से जुड़ी किसी एजेंसी से पौधे लेना चाहते हैं, तो वहाँ से भी खरीद सकते हैं। मध्य प्रदेश में कई गाँवों के किसान इस योजना से टमाटर, शिमला मिर्च और भिंडी की खेती कर रहे हैं, और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। ये सब्सिडी बीज वाली फसलों के लिए 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और कंद वाली फसलों जैसे आलू, अरबी के लिए 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक मिल सकती है, जो लागत का 50 फीसदी या इससे कम हो।

ये योजना गाँव के हर उस किसान के लिए है, जो सब्जी की खेती से मुनाफा कमाना चाहता है। हाइब्रिड सब्जियों की खेती न सिर्फ़ ज़्यादा फसल देती है, बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी दिलाती है। उद्यानिकी विभाग की इस योजना से खेती का खर्चा कम होता है, और फसल की पैदावार बढ़ती है। जो किसान इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं, वो जल्दी से रजिस्टर करें। सटीक जानकारी के लिए mpfsts.mp.gov.in पर जाएं या नज़दीकी उद्यानिकी विभाग के दफ्तर में पूछताछ करें। इस योजना से गाँव के खेत लहलहाएंगे, और किसानों की जेब भी भरेगी।

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  • Shashikant

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