तिलहन की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब सरसों की खेती से कम वक्त में अच्छी पैदावार और मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के वैज्ञानिकों ने सरसों की नई हाइब्रिड किस्म RHH 2101 तैयार की है, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा। पिछले पाँच सालों में HAU ने सरसों की पाँच नई किस्में विकसित की हैं, जो किसानों के लिए सोने का खजाना साबित हो रही हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि RHH 2101 पैदावार और तेल की मात्रा में अब तक की सारी किस्मों को पीछे छोड़ देगी। चलिए, जानते हैं कि इस किस्म में ऐसा क्या खास है, जो आपकी खेती को नई ऊँचाई दे सकता है।
RHH 2101 की खासियतें
HAU के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज बताते हैं कि पहली बार संस्थान ने हाइब्रिड सरसों की ऐसी किस्म तैयार की है, जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। ये किस्म 28 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देगी। मध्यम मोटे दानों वाली इस सरसों में 40% तेल की मात्रा होगी। सिंचित इलाकों के लिए बनाई गई ये फसल सिर्फ 135 से 142 दिन में पककर तैयार हो जाएगी। भिवानी जैसी रेतीली जमीन में इसे 2-3 सिंचाई और हिसार-जींद जैसे मिट्टी वाले खेतों में 1 सिंचाई काफी होगी। कम पानी और कम मेहनत में बंपर पैदावार का ये मौका हर किसान के लिए फायदे का सौदा है।
बाकी किस्मों से 8% ज्यादा पैदावार
HAU के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग कहते हैं कि किसी भी हाइब्रिड किस्म को मंजूरी के लिए पुरानी किस्मों से कम से कम 5% ज्यादा पैदावार देनी चाहिए। RHH 2101 ने ये शर्त नहीं, बल्कि 8% ज्यादा उपज देकर सबको चौंका दिया है। पिछले 4-5 साल के ट्रायल में इसने शानदार नतीजे दिखाए। इसके एक हजार दानों का वजन 5 ग्राम से ज्यादा है, जो इसे और खास बनाता है। यानी दाना भारी, पैदावार ज्यादा और तेल भी भरपूर किसानों के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है?
बीज कब और कैसे मिलेगा
HAU के सरसों विशेषज्ञ डॉ. राम अवतार ने बताया कि अगले साल तक RHH 2101 का बीज किसान भाइयों के हाथों में होगा। जैसे ही ये किस्म नोटिफाई हो जाएगी, कुछ बीज कंपनियाँ भी HAU के साथ एमओयू करके बीज उत्पादन में जुट सकती हैं। संस्थान इस किस्म के बीज को बड़े पैमाने पर तैयार करने में लगा है, ताकि हर जरूरतमंद किसान तक ये पहुँचे। इसका मतलब है कि 2026 की रबी फसल के लिए आप इसे अपने खेत में आजमा सकते हैं।
खेती का सही तरीका
RHH 2101 की खेती के लिए खेत को जोतकर गोबर खाद डालें और मिट्टी भुरभुरी करें। अक्टूबर-नवंबर में बुवाई करें। पंक्तियों में 30-45 सेमी की दूरी रखें। पहली सिंचाई बुवाई के 25-30 दिन बाद करें। रेतीली जमीन में 2-3 और भारी मिट्टी में 1-2 बार पानी दें। नीम तेल (2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) छिड़ककर कीटों से बचाएँ। 135-142 दिन में फसल तैयार होगी। एक हेक्टेयर से 28-30 क्विंटल प्याज और 40% तेल के हिसाब से 1-1.5 लाख का मुनाफा हो सकता है।
मुनाफे का सुनहरा रास्ता
किसान भाइयों, RHH 2101 सरसों की खेती आपके लिए कमाई का नया जरिया बनेगी। कम पानी, कम मेहनत और ज्यादा पैदावार के साथ ये किस्म तेल उत्पादन में भी आगे है। बाजार में सरसों और तेल की माँग हमेशा रहती है। HAU की इस मेहनत को अपनाएँ, अपनी फसल को मजबूत करें और जेब को भारी करें। अगले साल बीज का इंतजार करें और खेती में नया कीर्तिमान बनाएँ।
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