सोलर इंसैक्ट ट्रैप: किसानों के लिए एक ऐसी तकनीक आई है, जो खेतों में कीटों का प्राकृतिक तरीके से सफाया करेगी और रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत को कम कर देगी। ICAR-केंद्रीय पोस्ट-हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान (CIPHET), लुधियाना ने “डे एंड नाइट सोलर इंसैक्ट ट्रैप” विकसित किया है, जो सूरज की ऊर्जा से चलता है और दिन-रात काम करता है। यह ट्रैप कीटों को आकर्षित करके फंसाता है, बिना बिजली या मैनुअल मेहनत के।
किसान भाई अब अपने खेतों और स्टोरेज एरिया में इस आसान डिवाइस को लगा सकते हैं, जो कई फसलों के लिए प्रभावी है। यह नवाचार पर्यावरण, फसलों और किसानों की सेहत को सुरक्षित रखते हुए पेस्ट मैनेजमेंट को आसान बनाता है। अगर आप कीटों से परेशान हैं, तो यह ट्रैप आपके लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सोलर इंसैक्ट ट्रैप की खासियत
ICAR-CIPHET के वैज्ञानिकों ने इस ट्रैप को डिजाइन किया है, जो सौर ऊर्जा पर निर्भर है और पूरी तरह स्वचालित है। इसमें सोलर पैनल, बैटरी बॉक्स, नीले और पीले स्टिकी ट्रैप्स, लाइट सोर्स और पानी के बेसिन शामिल हैं। ऊंचाई एडजस्ट करने वाली सपोर्ट स्टैंड से इसे खेत में कहीं भी लगाया जा सकता है। दिन में पीले और नीले रंग की स्टिकी प्लेट्स कीटों को आकर्षित करती हैं, जबकि रात में विजिबल लाइट कीटों को खींचती है। कीट ट्रैप में फंसकर पानी के बेसिन में डूब जाते हैं या स्टिकी प्लेट्स से चिपक जाते हैं।
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कोई बिजली की जरूरत नहीं पड़ती, और यह दिन-रात बिना रुके काम करता है। यह डिवाइस हल्का है, आसानी से कैरी किया जा सकता है और सेटअप में सिर्फ कुछ मिनट लगते हैं। ICAR के अनुसार, यह ट्रैप प्राकृतिक तरीकों से कीटों को नियंत्रित करता है, जैसे रंग और लाइट का इस्तेमाल, जो सुरक्षित और प्रभावी है। किसान इसे कई फसलों जैसे सरसों, धान, सब्जियां और फलों के बागों में लगा सकते हैं, साथ ही स्टोरेज एरिया में भी।
पर्यावरण और किसानों के लिए सुरक्षित
यह सोलर ट्रैप कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करके पर्यावरण को बचाता है। पारंपरिक कीटनाशकों से मिट्टी, पानी और हवा दूषित होते हैं, लेकिन यह डिवाइस प्राकृतिक विधियों से काम करता है, इसलिए फसलों पर कोई अवशेष नहीं छोड़ता। किसानों की सेहत भी सुरक्षित रहती है, क्योंकि स्प्रे करने की जरूरत नहीं पड़ती। ICAR-CIPHET के मुताबिक, यह ट्रैप कई कीटों जैसे एफिड्स, व्हाइटफ्लाई और थ्रिप्स को प्रभावी तरीके से फंसाता है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।
स्टोरेज में रखे अनाज और सब्जियों को कीटों से बचाने के लिए भी यह उपयोगी है। एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसे सोलर ट्रैप्स से कीटों की संख्या 70-80% तक कम हो जाती है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है। किसान भाई बताते हैं कि इससे खर्चा कम होता है, क्योंकि कीटनाशकों पर हजारों रुपये बच जाते हैं। यह नवाचार सस्टेनेबल फार्मिंग को बढ़ावा देता है, और क्लाइमेट चेंज के दौर में सौर ऊर्जा का उपयोग एक स्मार्ट कदम है।
🌞 ICAR–CIPHET, Ludhiana has developed a solar-powered universal insect trap — an eco-friendly alternative to chemical pest control.
It operates day & night, trapping pests in crops & storage, promoting sustainable, chemical-free farming.#ICAR @ChouhanShivraj @PIB_India pic.twitter.com/xOczU12n19— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) October 24, 2025
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किसान कैसे लें लाभ
ICAR-CIPHET ने इस ट्रैप को कई कंपनियों को लाइसेंस दिया है, जैसे एमएस पराशर एग्रोटेक बायो प्राइवेट लिमिटेड, ताकि इसे बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराया जा सके। यह डिवाइस बाजार में 2000-3000 रुपये में मिल सकती है, जो किसानों के लिए किफायती है। ICAR की वेबसाइट या CIPHET के केंद्रों से संपर्क करके ज्यादा जानकारी ली जा सकती है।
लुधियाना में संस्थान के वैज्ञानिक किसानों को ट्रेनिंग भी देते हैं, जहां डिवाइस को लगाने और मेंटेन करने की ट्रेनिंग मिलती है। देशभर के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) इस ट्रैप को प्रमोट कर रहे हैं, और कुछ राज्यों में सब्सिडी भी उपलब्ध है। किसान अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क करें या ICAR की हेल्पलाइन पर कॉल करें। यह ट्रैप पोर्टेबल है, इसलिए छोटे खेतों से लेकर बड़े फार्म्स तक हर जगह फिट बैठता है।
खेती में क्रांति, फसलें सुरक्षित और उत्पादन बढ़ा
यह सोलर ट्रैप कई फसलों पर काम करता है, जैसे सरसों के खेतों में जहां कीटों का हमला आम है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इसे अपनाकर कीटनाशकों का इस्तेमाल 50% कम किया, और फसल की गुणवत्ता बेहतर हुई। स्टोरेज एरिया में अनाज को कीटों से बचाने के लिए भी यह प्रभावी है, जहां रात में लाइट कीटों को आकर्षित करती है।
किसानों का कहना है कि इससे समय और मेहनत दोनों बचती है, क्योंकि मैनुअल स्प्रे की जरूरत नहीं पड़ती। ICAR की यह इनोवेशन केमिकल-फ्री फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है, जो ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग को पूरा करती है। भविष्य में ऐसी तकनीकें किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगी, और पर्यावरण को भी बचाएंगी। अगर आप कीटों से परेशान हैं, तो इस ट्रैप को आजमाएं और फर्क देखें।
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