राजस्थान के किसान भाइयों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बिजली की हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों से प्रभावित होने वाली जमीन के लिए अब ज्यादा मुआवजा मिलेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की नई ट्रांसमिशन लाइनों के लिए मुआवजा नीति में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से उन किसानों को फायदा होगा, जिनके खेतों से बिजली की लाइनें गुजरती हैं और जिन्हें फसल न उगाने की वजह से नुकसान होता है। यह कदम किसानों की पुरानी माँग को पूरा करता है और उनकी आर्थिक मदद करेगा।
नई नीति से किसानों को बड़ा फायदा
राजस्थान सरकार ने 8 नवंबर 2024 को लागू मुआवजा नीति में बदलाव किया है। यह बदलाव खास तौर पर 400 केवी और उससे ज्यादा वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइनों के लिए है। ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि नई नीति से किसानों को उनके खेतों में बिजली के टावर और लाइनों की वजह से होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई मिलेगी। यह नीति न सिर्फ किसानों को आर्थिक ताकत देगी, बल्कि बिजली आपूर्ति के लिए जरूरी प्रोजेक्ट्स को भी तेजी से पूरा करने में मदद करेगी। इससे गाँवों और शहरों में बिजली की गुणवत्ता बेहतर होगी।
ट्रांसमिशन लाइन का पथाधिकार क्या है
पथाधिकार यानी वह जमीन का हिस्सा, जहाँ बिजली की लाइनें बिछाने, टावर लगाने और उनके रखरखाव का काम होता है। इस जगह पर पेड़, इमारतें या कोई और चीज जो बिजली लाइनों में बाधा डाले, उसे हटाया जाता है। इससे किसानों को उस जमीन पर फसल उगाने में दिक्कत होती है। नई नीति के तहत अब इस नुकसान की भरपाई के लिए ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा। यह नियम राजस्थान के सभी गाँवों और शहरों में लागू होगा, चाहे प्रोजेक्ट सरकारी हो या निजी।
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कितना मिलेगा मुआवजा
नई नीति के अनुसार, बिजली के टावर के आधार क्षेत्र यानी टावर के चारों पैरों और उसके आसपास एक मीटर के दायरे में आने वाली जमीन के लिए मुआवजा डीएलसी दर के 200 प्रतिशत के अलावा अब अतिरिक्त 200 प्रतिशत और मिलेगा। यानी कुल मिलाकर किसानों को टावर की जगह के लिए चार गुना मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा, पथाधिकार कॉरिडोर के लिए गाँवों में जमीन के मूल्य का 30 प्रतिशत, नगर पालिका और शहरी नियोजन क्षेत्रों में 45 प्रतिशत, और नगर निगम या महानगरीय क्षेत्रों में 60 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा किसानों को उनकी जमीन के नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगा।
सभी प्रोजेक्ट्स पर लागू होगी नीति
यह नई मुआवजा नीति राजस्थान में सभी 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की ट्रांसमिशन लाइनों पर लागू होगी। चाहे प्रोजेक्ट पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी सरकारी कंपनी कर रही हो या कोई निजी कंपनी, सभी को इस नीति का पालन करना होगा। यह नियम राज्य के अंदर और बाहर दोनों तरह के प्रोजेक्ट्स पर लागू होगा। ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम न सिर्फ किसानों के हक की रक्षा करेगा, बल्कि बिजली आपूर्ति को और बेहतर बनाने में भी मदद करेगा।
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