अब नीलगाय नहीं करेगी फसल बर्बाद, कृषि वैज्ञानिक की ये सलाह किसानों के लिए वरदान बनी

खेतों में मेहनत और पैसे लगाने के बाद अगर फसल को नीलगाय या जंगली सुअर जैसे जानवर बर्बाद कर दें, तो किसान का दिल टूट जाता है। बिहार के समस्तीपुर जैसे इलाकों में कई किसान नीलगाय की वजह से खेती छोड़ने को मजबूर हो गए। लेकिन हिम्मत और नई सोच के साथ समाधान भी मिल सकता है। समस्तीपुर के एक किसान ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया। उन्होंने नीलगाय से फसल बचाने का देसी और वैज्ञानिक तरीका ढूंढ लिया। उनकी कहानी हर उस किसान के लिए प्रेरणा है, जो जंगली जानवरों की समस्या से जूझ रहा है।

जंगली जानवरों ने छीनी खेती की राह

समस्तीपुर के कल्याणपुर बस्ती के रहने वाले किसान राजू ठाकुर पहले परवल, कद्दू और दूसरी सब्जियां उगाते थे। लेकिन हर बार नीलगाय उनकी फसल को चट कर जाती थी। मेहनत और पैसे दोनों डूब जाते थे। हारकर उन्होंने खेती छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन फिर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और नया रास्ता चुना। राजू ने पूसा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से सलाह ली। वैज्ञानिकों ने बताया कि नीलगाय खट्टी चीजों से दूर रहती है। बस, यहीं से राजू को नींबू की खेती का आइडिया मिला।

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नींबू की खेती कम मेहनत ज्यादा फायदा

राजू ठाकुर ने अपने एक एकड़ खेत में नींबू का बाग लगाया। उन्होंने ‘कुंभ कट’ जैसे नींबू के पौधे चुने, जो सालभर फल देते हैं। वैज्ञानिक सलाह के साथ उन्होंने ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक तकनीक अपनाई। इससे पानी और मेहनत दोनों की बचत हुई। रमेश बताते हैं कि उनके खेत में हर पेड़ साल में करीब दस हजार नींबू देता है। एक कट्ठा जमीन में सोलह पेड़ लगे हैं, यानी एक साल में करीब डेढ़ लाख नींबू का उत्पादन होता है। बाजार में नींबू 25 से 30 रुपये प्रति किलो बिकता है। इस तरह रमेश को अच्छी खासी कमाई हो रही है।

वैज्ञानिक सलाह ने दिखाई राह

राजू की कामयाबी का राज है वैज्ञानिक सलाह और उनकी मेहनत। पूसा विश्वविद्यालय के डॉ. अब्दुल सत्तार जैसे विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि नींबू की खेती नीलगाय से फसल बचाने का आसान तरीका है। नीलगाय खट्टे फलों को नहीं खाती, इसलिए नींबू का बाग पूरी तरह सुरक्षित रहता है। राजू ने बताया कि पहले वह हर साल फसल के नुकसान से परेशान रहते थे, लेकिन अब नींबू की खेती ने उनकी जिंदगी बदल दी। न सिर्फ उनकी फसल सुरक्षित है, बल्कि कमाई भी पहले से ज्यादा हो रही है।

अगर आप भी नीलगाय या जंगली जानवरों से परेशान हैं, तो नींबू की खेती जैसे नए तरीके आजमा सकते हैं। अपने नजदीकी कृषि विश्वविद्यालय या विशेषज्ञों से सलाह लें। जैविक खेती, ड्रिप इरिगेशन, या मौसमी फसलों के नए तौर-तरीके सीखें। ये छोटे-छोटे कदम आपकी खेती को फायदे का सौदा बना सकते हैं। रमेश की तरह हिम्मत और नवाचार अपनाकर आप भी अपने खेतों को जंगली जानवरों से बचा सकते हैं।

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  • Shashikant

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