IMD: फसलों को नुकसान से बचाएगी ये एग्रोमेट सलाह, भारी बारिश से पहले किसानों को सतर्क रहने की जरूरत

देश के कई हिस्सों में अगले कुछ दिन बारिश का कहर बरपने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत, उत्तर भारत, बिहार और दक्षिण भारत में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान किसानों को अपनी फसलों और पशुधन को बचाने के लिए पहले से तैयारी करनी होगी। IMD की एग्रोमेट डिवीजन ने खास सलाह दी है, जिससे किसान भाई अपनी मेहनत को बर्बाद होने से बचा सकते हैं। यह सलाह खेतों में पानी के जमाव को रोकने और फसलों को नुकसान से बचाने के लिए है। आइए, जानते हैं कि अलग-अलग इलाकों के लिए क्या करना चाहिए।

पूर्वोत्तर में बंपर बारिश, फसल की सुरक्षा

IMD के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में 8 अगस्त को कुछ जगहों पर बहुत तेज बारिश हो सकती है। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 7 से 13 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश का अनुमान है। ऐसे में किसानों को सावधान रहना होगा। नई बुवाई या रोपाई को कुछ दिन टाल दें। अगर आपके खेत में केले की फसल तैयार है, तो गुच्छों को काटकर सूखी और सुरक्षित जगह पर रख लें। धान, मक्का, कोदो, सोयाबीन और सब्जियों के खेतों में पानी जमा न हो, इसके लिए नालियों का इंतजाम करें। खेत की मेड़ों को मजबूत करें ताकि बारिश का पानी फसल को नुकसान न पहुँचाए।

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उत्तर भारत में जलनिकासी का इंतजाम

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 अगस्त से भारी बारिश का नया दौर शुरू हो सकता है। इन इलाकों के किसानों को अपने खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था पक्की करनी चाहिए। खेत की मेड़ों को ऊँचा और मजबूत करें ताकि मिट्टी का कटाव न हो। सब्जियों की बुवाई को कुछ दिन रोक लें, क्योंकि तेज बारिश से नए पौधे खराब हो सकते हैं। अगर आपके खेत में धान या मक्का जैसी फसलें हैं, तो पानी जमा होने से बचाने के लिए नालियाँ बनाएँ। यह छोटा-सा कदम आपकी फसल को बड़ा नुकसान होने से बचा सकता है।

बिहार में फसलों को बचाने की रणनीति

बिहार के किसानों के लिए भी IMD ने खास सलाह दी है। यहाँ मक्का, प्याज, मिर्च और रागी जैसी फसलों को बारिश से बचाना जरूरी है। तेज बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो सकता है, जो फसलों की जड़ों को नुकसान पहुँचाता है। इसलिए खेतों में पानी निकासी की नालियाँ बनाएँ। मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए खेत की मेड़ों को मजबूत करें। अगर आपके खेत में सब्जियाँ हैं, तो उन्हें सहारा देने के लिए बाँस या लकड़ी का सहारा लगाएँ ताकि तेज हवाएँ पौधों को गिराएँ नहीं। समय पर यह कदम उठाने से आपकी फसल सुरक्षित रहेगी।

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दक्षिण भारत में केला और नारियल की सुरक्षा

दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और तेलंगाना में भी अगले कुछ दिन तेज बारिश और आंधी की आशंका है। यहाँ के किसानों को केले और नारियल के पौधों को खास ध्यान देना होगा। तेज हवाएँ इन पौधों को गिरा सकती हैं, इसलिए इन्हें बाँस या रस्सी से सहारा दें। खेतों में पानी जमा न हो, इसके लिए नालियाँ बनाएँ। अगर आप सब्जियाँ उगा रहे हैं, तो उनकी जड़ों को मजबूत करने के लिए मिट्टी चढ़ाएँ। यह छोटे-छोटे उपाय आपकी फसल को बारिश की मार से बचा सकते हैं।

पशुधन और मछलियों की देखभाल

बारिश का असर सिर्फ फसलों पर नहीं, बल्कि पशुधन और मछलीपालन पर भी पड़ता है। IMD ने पशुपालकों को सलाह दी है कि अपने जानवरों को बारिश के दौरान छप्पर या शेड में रखें। चारे को सूखी और सुरक्षित जगह पर स्टोर करें ताकि वह खराब न हो। मछली पालने वाले किसानों को तालाबों में ज्यादा पानी जमा न होने दें। तालाब के किनारों पर जाल लगाएँ ताकि मछलियाँ बह न जाएँ। अगर तालाब में पानी ज्यादा हो, तो निकासी का इंतजाम करें। ये कदम आपके पशुधन और मछलियों को सुरक्षित रखेंगे।

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  • Shashikant

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