मध्य प्रदेश के डेयरी किसानों के लिए एक बड़ी खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली से इंदौर में 76.5 करोड़ रुपये की लागत से बने नए मिल्क पाउडर प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह आधुनिक सुविधा इंदौर कोऑपरेटिव मिल्क यूनियन के तहत स्थापित की गई है और प्रतिदिन 30 मीट्रिक टन दूध पाउडर बनाने की क्षमता रखती है। इस मौके पर पीएम ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी कई अन्य परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया, जो किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगी।
डेयरी क्षेत्र में मध्य प्रदेश की नई उड़ान
इंदौर में आयोजित इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव मौजूद रहे। उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह प्लांट राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) का हिस्सा है, जो राज्य के डेयरी उद्योग को नई ताकत देगा। वर्तमान में मध्य प्रदेश देश के कुल दूध उत्पादन में लगभग 9 प्रतिशत का योगदान देता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले पांच सालों में इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। यह प्लांट न केवल दूध पाउडर के उत्पादन को बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय किसानों को उनकी उपज का बेहतर बाजार और सही दाम दिलाने में भी मदद करेगा।
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किसानों को मिलेगा उचित दाम
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार डेयरी किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में गेहूं और सोयाबीन जैसे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार वृद्धि की है, जिससे मध्य प्रदेश के किसानों को काफी राहत मिली है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने सोयाबीन उत्पादकों के लिए भावांतर भुगतान योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, अगर बाजार में व्यापारी सोयाबीन को एमएसपी से कम दाम पर खरीदते हैं, तो सरकार उस अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा करेगी। यादव ने जोर देकर कहा कि धनतेरस से पहले यह राशि किसानों तक पहुंच जाएगी, जिससे उनके चेहरों पर खुशी आएगी।
कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस द्वारा इस योजना पर सवाल उठाए जाने पर मुख्यमंत्री ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी किसानों के हितों की चिंता नहीं की और यही कारण है कि जनता ने उसे सत्ता से बाहर कर दिया। इस नए प्लांट और सरकारी योजनाओं से न केवल इंदौर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में डेयरी और कृषि क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। यह पहल किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। साथ ही, दूध के प्रसंस्करण और मार्केटिंग में सुधार से किसानों को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
पूसा में हुआ भव्य आयोजन
यह उद्घाटन दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुआ। इस मौके पर पीएम मोदी ने दलहन की खेती करने वाले किसानों से भी बातचीत की, जिन्हें कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन में मूल्य श्रृंखला आधारित योजनाओं का लाभ मिला है। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह भी शामिल थे। पीएम ने इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की हर योजना का मकसद किसानों की आय दोगुनी करना और उनकी मेहनत को सही मूल्य दिलाना है।
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