घर बैठे ऑर्डर करें जई ( ओट्स ) के बीज, कम लागत में कमाई होगी बम्पर

Oats Farming: किसान भाइयों के लिए जई (ओट्स) की खेती एक सुनहरा अवसर बन सकता है। यह फसल न सिर्फ मिट्टी को उपजाऊ बनाती है, बल्कि सेहतमंद अनाज भी देती है, जो आजकल बाजार में खूब मांग में है। जई में प्रोटीन, फाइबर, और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इसे सुपरफूड बनाते हैं। चाहे आप इसे चारा के लिए उगाएं या बाजार में बेचें, यह फसल आपकी जिंदगी में खुशहाली ला सकती है। सितंबर 2025 की शुरुआत में मौसम ठंडक की ओर बढ़ रहा है, जो जई की बुआई के लिए आदर्श समय है। आइए जानते हैं, कैसे आप अपने खेत में जई उगाकर कमाई और सेहत दोनों हासिल कर सकते हैं।

खेत की तैयारी, मिट्टी को बनाएं दोस्त

जई की खेती से पहले खेत को तैयार करना सबसे जरूरी कदम है। दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी, जिसमें पानी की अच्छी निकासी हो, इस फसल के लिए सबसे मुफीद है। अगर आपका खेत भारी मिट्टी वाला है, तो उसमें गोबर की खाद और बालू मिलाकर उसे हल्का करें। सितंबर के आखिरी हफ्ते से अक्टूबर की शुरुआत में जुताई शुरू करें। दो से तीन बार गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और जड़ों को सांस लेने की जगह मिले। जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को समतल करें, ताकि पानी जमा न हो। अगर खेत में पुरानी फसल के अवशेष हैं, तो उन्हें हटाकर खाद में मिलाएं।

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बुआई का सही समय

जई की बुआई का समय मौसम पर निर्भर करता है। 03 सितंबर 2025 को मौसम ठंडक की ओर बढ़ रहा है, जो रबी फसल के लिए बिल्कुल सही है। अक्टूबर से नवंबर के बीच बुआई शुरू करें, ताकि फसल फरवरी-मार्च में तैयार हो जाए। ज्यादा गर्मी या बारिश से बचें, क्योंकि यह जई के पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है। बीज को 3-5 सेंटीमीटर गहराई में बोएं और पंक्तियों के बीच 20-25 सेंटीमीटर का फासला रखें। प्रति हेक्टेयर 80-100 किलोग्राम बीज काफी है। बुआई के बाद हल्की सिंचाई करें, ताकि बीज जल्दी अंकुरित हों। मौसम की जानकारी के लिए नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें, ताकि आप सही समय का फायदा उठा सकें।

खाद और पानी, पौधों की सेहत

जई की फसल को अच्छी पैदावार देने के लिए खाद का सही इस्तेमाल जरूरी है। जुताई से पहले प्रति हेक्टेयर 10-15 टन गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट डालें और मिट्टी में मिलाएं। बुआई के 20-25 दिन बाद 50-60 किलोग्राम नाइट्रोजन और 40 किलोग्राम फॉस्फोरस प्रति हेक्टेयर डालें। अगर मिट्टी कमजोर है, तो वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल करें, जो प्राकृतिक और सस्ता है। पानी की बात करें, तो जई को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं। बुआई के बाद और फसल बढ़ने के समय दो-तीन बार हल्की सिंचाई करें। ज्यादा पानी जमा होने से बचें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। गाँव में कई किसान नहर के पानी को नियंत्रित करके फसल को सींचते हैं, जो एक अच्छा तरीका है।

फायदे और पैदावार, कमाई का रास्ता

जई की खेती से कई फायदे हैं। यह मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ाती है, जो अगली फसल के लिए फायदेमंद होती है। इसका हरा चारा पशुओं के लिए उत्तम है, और दाने बाजार में अच्छी कीमत लाते हैं। प्रति हेक्टेयर 25-30 क्विंटल दाने और 50-60 टन हरा चारा मिल सकता है। बाजार में ओट्स का दाना 20-30 रुपये प्रति किलो और चारा 2-3 रुपये प्रति किलो बिकता है, जो 50,000-80,000 रुपये का मुनाफा दे सकता है। शहरी क्षेत्रों में ओट्स की मांग बढ़ रही है, क्योंकि लोग इसे सेहत के लिए इस्तेमाल करते हैं। छोटे किसान भी अपने खेत में जई उगाकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।

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बीज कैसे प्राप्त करें

जई की खेती के लिए अच्छे बीज का चयन बहुत जरूरी है। नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) आपके लिए एक शानदार विकल्प है। NSC का 10 किलोग्राम “केंट” सर्टिफाइड जई बीज पैक सिर्फ 700 रुपये में उपलब्ध है, जो उनके ऑनलाइन स्टोर mystore.in पर ऑर्डर किया जा सकता है। यह वेबसाइट (https://mystore.in/en/product/nsc-oat-kent-certified-seed-seed-10-kg-bag-1) पर जाकर आप घर बैठे ऑर्डर कर सकते हैं, और बीज सीधे आपके दरवाजे पर डिलीवर हो जाएगा।

NSC के बीज उच्च गुणवत्ता वाले और सर्टिफाइड होते हैं, जो अच्छा अंकुरण और पैदावार की गारंटी देते हैं। यह संगठन, जो भारत सरकार के अधीन काम करता है, देशभर में 5,000 से ज्यादा डीलरों के नेटवर्क के जरिए किसानों तक बीज पहुंचाता है। अगर आपका गाँव में NSC का डीलर है, तो वहां से भी बीज ले सकते हैं। ऑनलाइन ऑर्डर के लिए पेमेंट सुरक्षित है, और डिलीवरी 5-7 दिन में हो जाती है। सितंबर 2025 में ऑर्डर करने का यह सही समय है, ताकि आप बुआई के लिए तैयार रहें। NSC की यह सेवा छोटे और बड़े किसानों के लिए एक वरदान है, जो उन्हें सस्ते और भरोसेमंद बीज उपलब्ध कराती है।

कीट और बीमारी से बचाव

जई की फसल में कुछ कीट और बीमारियां परेशानी पैदा कर सकती हैं। पत्ती खाने वाले कीड़ों से बचने के लिए नीम के तेल को पानी में मिलाकर छिड़काव करें। अगर फफूंदी दिखे, तो तुरंत बोर्डो मिश्रण (तांबा सल्फेट और चूना) का छिड़काव करें। ज्यादा नमी से जड़ सड़न हो सकती है, इसलिए खेत में जल निकासी का इंतजाम रखें। गाँव में कई किसान मिट्टी में लहसुन की कलियां दबाते हैं, जो कीटों को भगाने में मदद करती है। नियमित रूप से खेत का निरीक्षण करें और अगर समस्या बढ़े, तो नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें। यह सावधानी आपकी फसल को सुरक्षित रखेगी।

मुनाफे की राह, भविष्य की योजना

जई की खेती से न सिर्फ तुरंत मुनाफा होता है, बल्कि यह लंबे समय में भी फायदेमंद है। शहरी बाजारों में ओट्स की मांग बढ़ रही है, और आप इसे प्रोसेस करके फ्लेक्स या आटा बनाकर बेच सकते हैं। छोटे किसान गाँव के हाट या स्थानीय बाजार में चारा और दाने बेचकर शुरूआत कर सकते हैं। अगर आप 1 हेक्टेयर में जई उगाते हैं, तो सालाना 60,000-1,00,000 रुपये की कमाई संभव है। भविष्य में मशीनरी और कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल करके उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। यह फसल आपके परिवार की आय को स्थिर करने का एक मजबूत आधार बनेगी।

जई की खेती न सिर्फ आपके खेत को हरा-भरा करेगी, बल्कि सेहत और मुनाफे का नया रास्ता भी खोलेगी। सही तैयारी, अच्छे बीज, और मेहनत से आप इस फसल को अपने गाँव की शान बना सकते हैं। तो देर किस बात की, आज से शुरुआत करें और जई की खेती से अपने सपनों को हकीकत में बदलें!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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