जमुनापार बकरी का दूध-मांस बेंचकर किसान हो जाएँगे मालामाल, हर दिन देती है 2-5 लिटर दूध

Jamunapari Bakri Palan: भारत में बकरी पालन एक पारंपरिक और लाभकारी व्यवसाय है, जो ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक बड़े पैमाने पर किया जाता है। इस व्यवसाय में जमुनापारी नस्ल की बकरी को विशेष महत्व प्राप्त है। यह नस्ल मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के एटा, आगरा, मथुरा और आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है। जमुनापारी बकरी को न केवल उसके आकर्षक आकार और सुंदर बनावट के लिए जाना जाता है, बल्कि यह भारत की सबसे बेहतर दूध देने वाली नस्लों में से एक मानी जाती है। यही कारण है कि यह नस्ल किसानों और पशुपालकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है और व्यवसायिक बकरी पालन के लिए आदर्श मानी जाती है।

जमुनापारी बकरी की पहचान और विशेषताएं

जमुनापारी बकरी का शरीर लंबा और मजबूत होता है। इसके पैर भी लंबे होते हैं, जो इसे और खास बनाते हैं। इसका रंग सफेद होता है और इसके कान लंबे और लटकते हुए होते हैं। यही इसकी मुख्य पहचान है। यह बकरी मुख्य रूप से दूध के लिए जानी जाती है। एक बकरी रोजाना 2 से 3 लीटर दूध देती है, और कुछ बकरियां 5 लीटर तक दूध भी दे सकती हैं। इसका दूध स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, जिसकी मांग बाजार में हमेशा रहती है।

जमुनापारी बकरी एक बार में 2 से 3 बच्चों को जन्म देती है। इसकी प्रजनन क्षमता अच्छी होने के कारण यह नस्ल तेजी से बढ़ती है। यह नस्ल स्थानीय जलवायु के अनुकूल है और इसमें रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है। इसलिए, इसे पालना आसान होता है।

जमुनापारी बकरी पालन (Jamunapari Bakri Palan) के फायदे

जमुनापारी बकरी पालन के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती है। इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जा सकता है। इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। जमुनापारी बकरी से दूध के साथ-साथ मांस भी मिलता है। इसका मांस भी बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है। इस तरह, यह दोहरा लाभ देती है।

बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करता है। यह महिलाओं और युवाओं के लिए भी एक अच्छा व्यवसाय है। बकरी के गोबर से उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद बनाई जा सकती है, जो खेती के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

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जमुनापारी बकरी पालन (Jamunapari Bakri Palan) के लिए जरूरी बातें

बकरियों के लिए साफ-सुथरा और हवादार आवास बहुत जरूरी है। बकरियों को बारिश और तेज धूप से बचाने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। आवास में बकरियों के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। बकरियों को संतुलित आहार देना चाहिए। हरा चारा जैसे बरसीम, लोबिया और नेपियर घास बकरियों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा, उन्हें सूखा चारा और पौष्टिक दाना भी देना चाहिए।

बकरियों का नियमित टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच जरूरी है। रोगों से बचाव के लिए समय-समय पर पशु चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। बकरियों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बकरियों को उनकी उम्र और लिंग के अनुसार अलग-अलग रखना चाहिए। बच्चों, मादा और नर बकरियों को अलग-अलग समूह में रखने से उनकी देखभाल आसान हो जाती है।

जमुनापारी बकरी पालन  की चुनौतियां

कभी-कभी दूध और मांस की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे मुनाफे पर असर पड़ सकता है। इसलिए, बाजार की सही जानकारी होना जरूरी है। बकरियों में संक्रामक रोगों का खतरा होता है। इसलिए, नियमित टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल बहुत जरूरी है। कई किसानों को बकरी पालन के आधुनिक तरीकों की जानकारी नहीं होती है। इसके लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिनका लाभ उठाया जा सकता है।

जमुनापारी बकरी पालन (Jamunapari Bakri Palan) एक सरल और लाभदायक व्यवसाय है, जिसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सही प्रबंधन, आधुनिक तकनीक और उचित देखभाल के साथ इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। सरकार द्वारा भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है। अगर आप एक छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो जमुनापारी बकरी पालन एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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