मुर्गी-बत्तख छोडिये करिए इस पक्षी का पालन 40 दिन में देती है अंडे, बाजार में है बम्पर मांग

Japani Bater Palan: खेती-किसानी के साथ-साथ अब पशुपालन भी किसानों की कमाई का ज़बरदस्त ज़रिया बन रहा है। इनमें जापानी बटेर पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो कम खर्च और कम जगह में मोटा मुनाफा दे सकता है। जापानी बटेर के अंडे और मांस की बाज़ार में अच्छी मांग है, जिससे ये छोटे और बड़े किसानों के लिए सुनहरा मौका बन रहा है। चाहे गाँव हो या शहर, इस व्यवसाय को शुरू करना आसान है और कुछ ही महीनों में कमाई शुरू हो जाती है। आइए, जानते हैं कि जापानी बटेर पालन कैसे शुरू करें और ये किसानों के लिए क्यों फायदेमंद है।

बटेर पालन के लिए आसान शुरुआत

जापानी बटेर पालन (Japani Bater Palan) शुरू करने के लिए ज्यादा जगह या पैसे की ज़रूरत नहीं। एक छोटा सा शेड या पिंजरा ही काफी है। बटेर को हवादार और साफ-सुथरा माहौल चाहिए, ताकि वो स्वस्थ रहें। पिंजरे का तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस के बीच रखें, क्योंकि ज्यादा गर्मी या ठंड इनके लिए ठीक नहीं। पिंजरे में लकड़ी का बुरादा या भूसा बिछाएं, ताकि बटेर आराम से रह सकें। छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए 50-100 बटेर के चूजे खरीदें। अगर आप अंडों से शुरू करना चाहते हैं, तो इनक्यूबेटर में 17-18 दिन में चूजे निकल आते हैं। शुरुआत में कम संख्या से शुरू करें, ताकि काम आसान रहे।

सही नस्ल और आहार का ध्यान

बटेर की कई नस्लें हैं, जैसे फैरो, टेक्सास व्हाइट और गोल्डन बटेर। इनमें से स्वस्थ और रोगमुक्त नस्ल चुनें। चूजों को खरीदते वक्त उनकी चमकदार आँखें और फुर्ती देखें। बटेर के लिए खाना बहुत ज़रूरी है। छोटे चूजों को 25-30% प्रोटीन वाला आहार दें, जिसमें मक्का, सोयाबीन, चावल की भूसी और गेहूं का चोकर मिला हो। बड़ों को दिन में दो बार खाना और हमेशा ताज़ा पानी दें। खाने में खनिज लवण भी मिलाएं, ताकि बटेर की सेहत अच्छी रहे। साफ पानी का इंतज़ाम करें, क्योंकि गंदा पानी बीमारी ला सकता है। सही खाना बटेर को जल्दी बड़ा करता है और अंडे देने की क्षमता बढ़ाता है।

बीमारियों से बचाव का तरीका

बटेर को बीमारियों से बचाने के लिए पिंजरे और आसपास की जगह को साफ रखें। समय-समय पर टीकाकरण करवाएं, ताकि रेणुकेट्स, कोक्सीडियोसिस और न्यूकैसल जैसी बीमारियों से बचाव हो। अगर बटेर सुस्त दिखें या खाना कम करें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें। साफ-सफाई और सही देखभाल से बटेर स्वस्थ रहते हैं और उनकी मृत्यु दर कम होती है। नियमित जांच और साफ पिंजरे बीमारियों को दूर रखने का सबसे आसान तरीका है।

अंडे और मांस से मोटी कमाई

जापानी बटेर 6-7 सप्ताह में अंडे देना शुरू कर देते हैं। एक बटेर साल में 250-300 अंडे दे सकती है, जो बाज़ार में अच्छे दाम पर बिकते हैं। बटेर के अंडे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जिसकी वजह से इनकी मांग हेल्थ स्टोर्स और रेस्तरां में बढ़ रही है। बटेर का मांस भी स्वादिष्ट और पौष्टिक है, जो 500 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। अगर आप 100 बटेर से शुरुआत करते हैं, तो कुछ ही महीनों में अंडे और मांस से अच्छी कमाई शुरू हो सकती है। बाज़ार में इनकी डिमांड स्थिर है, जिससे कमाई का सिलसिला बना रहता है।

कम मेहनत, ज़्यादा फायदा

बटेर पालन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें मेहनत कम लगती है। ये छोटे पक्षी हैं, जो जल्दी बीमार नहीं पड़ते। इन्हें दिन में सिर्फ़ दो बार खाना देना होता है और साफ-सफाई का ध्यान रखना होता है। दूसरों पशुओं की तरह इन्हें बड़े बाड़े या ज्यादा देखभाल की ज़रूरत नहीं। छोटे खेतों वाले किसान या गाँव-शहर के युवा इसे आसानी से शुरू कर सकते हैं। सरकार की योजनाएं, जैसे पशुपालन के लिए सस्ते लोन, इस व्यवसाय को और आसान बना रही हैं।

पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद

बटेर पालन में पानी और संसाधनों का कम इस्तेमाल होता है, जो इसे पर्यावरण के लिए अनुकूल बनाता है। ये व्यवसाय ज्यादा जगह या बिजली की ज़रूरत नहीं मांगता। साथ ही, ये गाँव और शहरों में रोज़गार का मौका देता है। महिलाएं और युवा इसे छोटे स्तर पर शुरू करके अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं। बटेर पालन न सिर्फ़ जेब भरता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता।

जापानी बटेर पालन (Japani Bater Palan) कम खर्च में मोटी कमाई का शानदार रास्ता है। इसके लिए न ज्यादा जगह चाहिए, न ज्यादा पैसे। बस सही नस्ल, अच्छा खाना और थोड़ी सी देखभाल से आप कुछ ही महीनों में कमाई शुरू कर सकते हैं। अगर आप नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो जापानी बटेर पालन आजमाएं और अपनी मेहनत को मुनाफे में बदलें।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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