जुलाई-अगस्त में करें फूलगोभी की इन 5 अगेती किस्मों की बुवाई, 60 दिन बाद होगी बंपर कमाई!

July-August Me Ageti Gobhi ki 5 Unnat Kismen : गोभी सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सब्ज़ियों में से एक है। आमतौर पर इसे ठंड की फसल माना जाता है, लेकिन अब ऐसी कई उन्नत किस्में उपलब्ध हैं, जो जुलाई-अगस्त की बरसात और गर्मी में भी अच्छी उपज देती हैं। इन्हें अगैती गोभी कहते हैं, जो जल्दी तैयार होकर मंडी में अच्छा दाम दिलाती हैं। पूसा अर्ली सिंथेटिक, पूसा हिमज्योति, गोल्डन एकर, प्राइड ऑफ इंडिया, और नमधारी एनएस 43 जैसी किस्में बरसात में खेती के लिए खास हैं। आइए, इन किस्मों की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं, ताकि किसान भाई सही किस्म चुनकर मुनाफा कमा सकें।

पूसा अर्ली सिंथेटिक: तेज़ उपज, मज़बूत फूल

पूसा अर्ली सिंथेटिक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईएआरआई) द्वारा विकसित एक उन्नत किस्म है। यह बरसात के मौसम में खेती के लिए खास तौर पर बनाई गई है, क्योंकि यह गर्मी और नमी को अच्छे से सहन कर लेती है। यह किस्म 60 से 65 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

इसका फूल मध्यम आकार का, सफेद, और बहुत ठोस होता है, जो मंडी में अच्छा भाव लाता है। प्रति हेक्टेयर इसकी उपज 120 से 150 क्विंटल तक हो सकती है। फूल का वजन आमतौर पर 600 से 800 ग्राम होता है। यह किस्म रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है और जलभराव वाली मिट्टी में भी अच्छा प्रदर्शन करती है। जुलाई में बुवाई करने वाले किसानों के लिए यह एक भरोसेमंद विकल्प है।

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पूसा हिमज्योति: कॉम्पैक्ट और बाजार में पसंदीदा

पूसा हिमज्योति भी आईसीएआर-आईएआरआई की एक शानदार किस्म है, जो बरसात और गर्मी के मौसम में उगाई जा सकती है। यह 65 से 70 दिन में तैयार हो जाती है। इसका फूल सफेद, बहुत कॉम्पैक्ट, और देखने में आकर्षक होता है, जिससे मंडी में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। प्रति हेक्टेयर उपज 160 से 180 क्विंटल तक हो सकती है, और फूल का वजन 500 से 600 ग्राम होता है।

इसकी पत्तियाँ हल्की नीली-हरी होती हैं, जो इसे रोगों और कीटों से कुछ हद तक बचाती हैं। यह किस्म उन किसानों के लिए अच्छी है, जो बरसात में मध्यम जल निकासी वाली मिट्टी में खेती करते हैं। इसका फूल बाजार में जल्दी बिक जाता है, क्योंकि यह आकार में एकसमान और वजन में भारी होता है।

गोल्डन एकर: छोटे खेतों के लिए भरोसेमंद

गोल्डन एकर एक पुरानी लेकिन भरोसेमंद अगैती किस्म है, जो बरसात में छोटे खेतों या घरेलू खेती के लिए बहुत अच्छी है। यह 55 से 60 दिन में तैयार हो जाती है, जो इसे सबसे तेज़ तैयार होने वाली किस्मों में से एक बनाती है। इसका फूल गोल, ठोस, और सफेद होता है, जिसका वजन 500 से 700 ग्राम तक होता है। प्रति हेक्टेयर उपज 100 से 130 क्विंटल तक हो सकती है।

यह किस्म गर्मी और नमी को अच्छे से झेल लेती है, और इसकी खेती के लिए ज्यादा जगह की ज़रूरत नहीं होती। गोल्डन एकर उन किसान भाइयों के लिए फायदेमंद है, जो कम समय में अच्छी फसल चाहते हैं और मंडी में जल्दी बिक्री करना चाहते हैं।

प्राइड ऑफ इंडिया: हाइब्रिड का दम

प्राइड ऑफ इंडिया एक हाइब्रिड किस्म है, जो बरसात के मौसम में शानदार प्रदर्शन करती है। इसका फूल बड़ा, सफेद, और बहुत ठोस होता है, जिसका वजन 800 ग्राम से 1 किलोग्राम तक हो सकता है। यह 60 से 65 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर इसकी उपज 150 से 180 क्विंटल तक हो सकती है। यह किस्म गर्मी और नमी को अच्छे से सहन करती है और रोगों के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता रखती है। मंडी में इसका फूल देखने में सुंदर और वजन में भारी होने की वजह से अच्छा दाम लाता है। जिन किसान भाइयों को ज्यादा मुनाफा चाहिए, उनके लिए यह किस्म एक बढ़िया विकल्प है।

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नमधारी एनएस 43: रोगमुक्त और तेज़ उपज

नमधारी सीड्स की एनएस 43 एक उन्नत हाइब्रिड किस्म है, जो खास तौर पर गर्म और नम मौसम के लिए बनाई गई है। यह 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती है। इसका फूल सफेद, कॉम्पैक्ट, और मध्यम से बड़ा होता है, जिसका वजन 700 से 900 ग्राम तक होता है। प्रति हेक्टेयर उपज 140 से 170 क्विंटल तक हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह डैम्पिंग ऑफ और डाउनी मिल्ड्यू जैसे रोगों के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता रखती है। यह किस्म उन किसानों के लिए अच्छी है, जो बरसात में रोगमुक्त फसल चाहते हैं। इसका फूल बाजार में जल्दी बिकता है और अच्छा भाव मिलता है।

बरसात में गोभी की खेती का सही तरीका

बरसात में गोभी की खेती के लिए सही समय जुलाई का पहला या दूसरा हफ्ता है, जब नर्सरी की बुवाई करनी चाहिए। रोपाई जुलाई के आखिरी हफ्ते या अगस्त के पहले हफ्ते तक कर देनी चाहिए। प्रति हेक्टेयर 400 से 500 ग्राम बीज काफी होता है। खेत में अच्छी सड़ी गोबर की खाद डालें और एनपीके उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल करें।

बरसात में जलभराव से बचने के लिए खेत में अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी चुनें। डैम्पिंग ऑफ और डाउनी मिल्ड्यू जैसे रोगों से बचाव के लिए ट्राइकोडर्मा या जैविक कवकनाशी का उपयोग करें। इन सावधानियों के साथ, ऊपर बताई गई किस्में बरसात में अच्छी उपज दे सकती हैं और मंडी में अच्छा मुनाफा दिला सकती हैं।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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