Kacche Aam Ko Prakritik Tarike se Kaise pakaye: गर्मियाँ आते ही आम की बात हर जुबान पर होती है। कच्चे आम बाजार में दिखते ही लोग इन्हें घर लाते हैं, ताकि पकाकर इसका लुत्फ उठा सकें। लेकिन जल्दबाजी में कई लोग रसायनों का सहारा लेते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके आम प्राकृतिक तरीके से पकें, स्वादिष्ट हों, और सेहत के लिए सुरक्षित रहें, तो कुछ देसी नुस्खे आपके काम आ सकते हैं। ये तरीके ना सिर्फ आसान हैं, बल्कि सस्ते और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं। आइए जानें कैसे आप घर पर कच्चे आम को सुरक्षित पका सकते हैं।
आम पकाने का सबसे आसान तरीका
कच्चे आम को पकाने का सबसे पुराना और कारगर तरीका है पेपर बैग। कच्चे आमों को एक कागज के बैग में रखें। अगर आपके पास पेपर बैग नहीं है, तो अखबार में लपेटना भी बढ़िया काम करता है। बैग में एक पका हुआ केला या सेब भी डाल दें। केला और सेब एथिलीन नाम की प्राकृतिक गैस छोड़ते हैं, जो आम को तेजी से पकाने में मदद करती है।
बैग को कमरे के तापमान पर, सूखी और हवादार जगह पर रखें, जहाँ सीधी धूप न पड़े। हर दिन आमों को चेक करें। आम तौर पर 2 से 4 दिन में आम नरम हो जाते हैं, और डंठल के पास से मीठी खुशबू आने लगती है। जब आप हल्का दबाएँ और आम नरम लगे, तो समझ लें कि ये खाने के लिए तैयार है।
अगर आपके पास पेपर बैग नहीं है या आप ढेर सारे आम पकाना चाहते हैं, तो कपड़े वाला तरीका आजमाएँ। कच्चे आमों को एक साफ बर्तन या टोकरी में रखें और ऊपर से साफ सूती कपड़ा ढक दें। इस तरीके में आम धीरे-धीरे पकते हैं, जिससे आप लंबे समय तक ताजे आम खा सकते हैं। बर्तन को हवादार जगह पर रखें और हर दो दिन में आमों को चेक करें।
ये तरीका 5 से 7 दिन ले सकता है, लेकिन आम का स्वाद और पोषण बरकरार रहता है। खासकर गाँवों में ये नुस्खा बरसों से आजमाया जाता है, क्योंकि ये सस्ता और आसान है। अगर आप चाहते हैं कि आम धीरे-धीरे पकें और बारी-बारी से खाने को मिलें, तो ये तरीका आपके लिए बढ़िया है।
चावल या भूसे में पकाने का देसी जुगाड़
गाँवों में कच्चे आमों को पकाने का एक और पुराना तरीका है चावल या भूसे का इस्तेमाल। एक बर्तन में चावल या सूखा भूसा भरें और उसमें कच्चे आम दबा दें। चावल और भूसा गर्मी और नमी को रोकते हैं, जिससे आम 3 से 5 दिन में पक जाते हैं। इस दौरान बर्तन को हवादार जगह पर रखें और आमों को रोज चेक करें। ये तरीका खासकर तब काम आता है, जब आपके पास ढेर सारे आम हों। चावल में पकाए गए आमों का स्वाद लाजवाब होता है, और ये पूरी तरह प्राकृतिक होता है। बस ध्यान रखें कि चावल साफ हों, ताकि आम खराब न हों।
कैल्शियम कार्बाइड से बचें
बाजार में कई दुकानदार जल्दी मुनाफे के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल करते हैं। ये रसायन नमी के साथ मिलकर एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जो आम को पकाने में मदद तो करता है, लेकिन सेहत के लिए खतरनाक है। इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे जहरीले तत्व होते हैं, जो सिरदर्द, चक्कर, पेट में जलन, और उल्टी जैसी समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।
लंबे समय तक ऐसे आम खाने से पेट और लीवर की गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। सबसे बड़ी बात, कैल्शियम कार्बाइड से पके आम स्वाद में फीके होते हैं। इनमें ना तो वो मिठास होती है, ना ही प्राकृतिक आम की खुशबू। भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस रसायन के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। अगर आप बाजार से आम खरीद रहे हैं, तो पूछ लें कि वो प्राकृतिक तरीके से पके हैं या नहीं।
प्राकृतिक तरीके के फायदे
प्राकृतिक तरीके से पके आम ना सिर्फ सेहत के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि इनका स्वाद और खुशबू भी बेमिसाल होती है। ये तरीके पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाते और आपके पैसे भी बचाते हैं। पेपर बैग, चावल, या कपड़े जैसे नुस्खे हर घर में आसानी से आजमाए जा सकते हैं। अगर आप गाँव में रहते हैं, तो भूसा या चावल का तरीका आपके लिए और सुविधाजनक होगा। प्राकृतिक तरीके से पके आमों में पोषक तत्व बरकरार रहते हैं, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
आम पकाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। हमेशा साफ पेपर बैग, कपड़ा, या बर्तन इस्तेमाल करें, ताकि आम खराब न हों। ज्यादा गर्म या नम जगह पर आम न रखें, वरना वो सड़ सकते हैं। पके केले या सेब को बैग में ज्यादा समय न छोड़ें, क्योंकि वो जल्दी खराब हो सकते हैं। अगर आप बाजार से कच्चे आम खरीद रहे हैं, तो सख्त और हरे आम चुनें, जिनमें कोई कट या दाग न हो। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से प्राकृतिक खेती और फल पकाने के और नुस्खे सीखें।
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