उत्तर भारत के लिए आई गेहूं की सुपर किस्म, बीमारियों से बचाव और रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन

करण खुशबू (DBW-386): खेती में आए दिन बदलाव हो रहे हैं। मौसम की मार और पानी की कमी ने किसानों के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। लेकिन अब भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), करनाल ने एक ऐसी गेहूं की किस्म तैयार की है, जो इन मुश्किलों को पार करके किसानों की जेब भर सकती है। इस नई किस्म का नाम है करण खुशबू, जिसे DBW-386 भी कहते हैं। यह किस्म न सिर्फ ज्यादा पैदावार देती है, बल्कि गर्मी, कम पानी, और रोगों को भी झेल सकती है। आइए, जानते हैं कि यह किस्म कैसे किसानों के लिए वरदान बन रही है।

करण (DBW-386) खुशबू की खासियत

करण खुशबू गेहूं की यह किस्म 123 दिन में तैयार हो जाती है, जो अन्य किस्मों से काफी कम समय है। प्रति हेक्टेयर औसतन 52 क्विंटल पैदावार मिल सकती है, जो किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 1.25 लाख रुपये का मुनाफा दे सकती है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है गर्मी और सूखे को सहन करने की क्षमता। साथ ही, यह पत्ती झुलसा रोग और अन्य संक्रमणों से लड़ने में सक्षम है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम पानी वाली सिंचाई से भी यह अच्छा प्रदर्शन करती है, जिससे छोटे किसानों को विशेष लाभ होता है।

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किन राज्यों में होगी बंपर खेती

करण खुशबू गेहूं की खेती उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए वरदान है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के किसान इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के खेतों में भी यह किस्म शानदार नतीजे दे सकती है। अगर आप जम्मू-कश्मीर या उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में खेती करते हैं, तो वहाँ भी यह गेहूं अच्छा उत्पादन देगा। बस आपके खेत में सिंचाई का अच्छा इंतजाम होना चाहिए। यह किस्म उन इलाकों में सबसे ज्यादा फायदा देती है, जहाँ पानी की थोड़ी कमी हो, लेकिन मिट्टी अच्छी हो।

बुवाई का सही समय

गेहूं की खेती में सही समय का बहुत महत्व है। करण खुशबू की बुवाई के लिए नवंबर का महीना सबसे अच्छा है। खासकर अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से लेकर नवंबर के तीसरे हफ्ते तक बीज बोने से फसल शानदार होती है। बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार करें। मिट्टी में नमी होनी चाहिए, और पानी की निकासी का भी पक्का इंतजाम करें। अगर मिट्टी की जाँच करवा लें और जरूरी खाद डालें, तो फसल और भी अच्छी होगी। इस किस्म की खेती में मेहनत कम और फायदा ज्यादा है।

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अगर आप गेहूं की खेती करते हैं, तो करण खुशबू को जरूर आजमाएँ। यह किस्म कम पानी और मुश्किल मौसम में भी अच्छा उत्पादन देती है। बुवाई से पहले अपने नजदीकी कृषि केंद्र से इसके बीज और खेती की सही जानकारी ले लें। भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के वैज्ञानिकों ने इस किस्म को खास तौर पर छोटे और मझोले किसानों के लिए तैयार किया है। अपने गाँव के दूसरे किसानों को भी इस किस्म के बारे में बताएँ ताकि सभी मिलकर ज्यादा मुनाफा कमा सकें। अगर खेत में रोग या कीट दिखें, तो तुरंत स्थानीय कृषि अधिकारी से संपर्क करें।

सरकार और वैज्ञानिकों का साथ

कृषि वैज्ञानिक और सरकार मिलकर किसानों के लिए ऐसी नई किस्में ला रहे हैं, जो खेती को आसान और फायदेमंद बनाएँ। करण खुशबू जैसी किस्में जलवायु परिवर्तन और पानी की कमी जैसे संकटों से लड़ने में मदद करेंगी। अगर आप इस किस्म की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क करें। वहाँ से आपको बीज और खेती के तरीकों की पूरी जानकारी मिलेगी। यह समय है नई तकनीक और नई किस्मों को अपनाकर अपनी खेती को चमकाने का।

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  • Shashikant

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