Khajoor ki Kheti : माननीय किसान भाइयों, आज हम बात करेंगे खजूर की उन्नत खेती की, जो कम पानी और मेहनत में लंबे वक्त तक मुनाफा दे सकती है। खजूर का पेड़ सूखे और गर्म इलाकों में खूब फलता-फूलता है। इसके मीठे और पौष्टिक फल बाज़ार में 200-500 रुपये किलो तक बिकते हैं। भारत में राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा जैसे सूखे इलाकों में इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है। उन्नत तरीकों से खजूर उगाकर आप पैदावार और कमाई दोनों बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं कि खजूर की उन्नत खेती कैसे करें।
खजूर के पेड़ को समझें
खजूर का पेड़ 40-50 फीट तक बढ़ता है और 6-8 साल में फल देना शुरू करता है। ये 50-60 साल तक चलता है। इसके फल पीले, लाल या भूरे होते हैं, जो सूखने पर और मीठे हो जाते हैं। एक पेड़ से 50-100 किलो फल मिल सकते हैं। ये कम पानी में उगता है और गर्मी-सूखा सह लेता है। विटामिन, आयरन और फाइबर से भरपूर खजूर को ताजा, सूखा या गुड़ बनाकर बेच सकते हैं। उन्नत खेती से फलों की क्वालिटी और पैदावार बढ़ती है।
खेत को तैयार करें
खजूर की खेती के लिए ऐसी जगह चुनें जहाँ धूप खूब पड़े और पानी जमा न हो। रेतीली या दोमट मिट्टी इसके लिए बढ़िया है, जिसका pH 7-8 हो। खेत को जोत लें और 5-10 किलो गोबर की खाद प्रति गड्ढा डालें। गड्ढे 3 फीट गहरे और 3 फीट चौड़े खोदें, पेड़ों के बीच 20-25 फीट की दूरी रखें। जल निकासी का इंतजाम करें, क्यूंकि ज्यादा पानी जड़ों को नुकसान पहुँचाता है। फरवरी-मार्च या सितंबर-अक्टूबर में खेत तैयार करें। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाएँ, इससे पानी की बचत होगी।
पौधा कैसे लगाएं
खजूर को ऊतक संवर्धन (टिश्यू कल्चर) से तैयार पौधों से उगाना उन्नत तरीका है। नर्सरी से 1-2 साल के पौधे लें, जैसे ‘मेदजूल’, ‘बरही’ या ‘खद्रावी’ किस्में। बीज से भी उगा सकते हैं, मगर इसमें वक्त ज्यादा लगता है। गड्ढे में पौधा लगाएँ, जड़ों को मिट्टी से ढकें और हल्का पानी दें। रोपाई के बाद ड्रिप से 10-15 लीटर पानी हर 7-10 दिन में दें। गर्मियों से पहले (फरवरी-मार्च) रोपाई करें। नर और मादा पौधे 1:8 के अनुपात में लगाएँ, ताकि परागण अच्छा हो।
बीज या पौधा कहाँ से लें
खजूर के उन्नत पौधे नर्सरी से मिलते हैं। राजस्थान या गुजरात की नर्सरियों से संपर्क करें, जहाँ टिश्यू कल्चर पौधे 500-1000 रुपये में मिलते हैं। सरकारी बागवानी केंद्र या कृषि विश्वविद्यालय से भी सस्ते में पौधे ले सकते हैं। ऑनलाइन नर्सरी लाइव या इंडिया मार्ट पर 700-1200 रुपये में उपलब्ध हैं। बीज चाहिए तो ताजे खजूर से निकालें, मगर उन्नत खेती के लिए पौधे ही लें। पौधे स्वस्थ और प्रमाणित हों, ये चेक करें।
पानी और देखभाल का तरीका
पहले 2-3 साल हफ्ते में 10-15 लीटर पानी ड्रिप से दें। बड़े पेड़ को 15-20 दिन में 20-25 लीटर पानी काफी है। हर 3-4 महीने में गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट और नीम की खली डालें। खरपतवार को हटाएँ। कीट (जैसे तना छेदक) से बचाने के लिए नीम का तेल छिड़कें। परागण के लिए नर फूलों को मादा पेड़ों पर हाथ से लगाएँ। गर्मी में पत्तियों को छाया दें। कटाई-छंटाई से पेड़ को 20-25 फीट पर रखें।
कटाई और मुनाफा
खजूर 6-8 साल में फल देता है। जुलाई-अक्टूबर में फल पकते हैं पीले या लाल होने पर तोड़ लें। एक पेड़ से 50-100 किलो फल मिलते हैं। प्रति हेक्टेयर 100-150 पेड़ लगाकर 50-70 टन फल मिल सकते हैं। लागत पहले साल 1-2 लाख रुपये (पौधे, ड्रिप, खाद) आती है, मगर बाद में सिर्फ देखभाल का खर्च। बिक्री से 10-15 लाख रुपये सालाना कमाई हो सकती है। सूखे खजूर का दाम ज्यादा मिलता है।
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