अब किसान होंगे मालामाल! खीरे की खेती के इस धांसू तरीका से बदलेगी आपकी किस्मत

Khire Ki Kheti: फरवरी का तीसरा हफ्ता खत्म हो चुका है, और गर्मी की फसलों की तैयारी जोरों पर है। गर्मी में खीरे की डिमांड आसमान छूती है, और किसान भाई इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहते। हजारीबाग में खीरे की खेती बड़े स्तर पर होती है, और बेहतर कमाई के लिए फसल को सही तरीके से तैयार करना जरूरी है। इसके लिए बीज से स्वस्थ पौधा बनाना सबसे बड़ी बात है। अगर पौधा मजबूत हुआ, तो फसल भी लहलहाएगी। फरवरी के आखिरी हफ्ते से मार्च के दूसरे हफ्ते तक का समय इसके लिए बेस्ट है। चलो, इसे आसान तरीके से समझते हैं।

पौधे तैयार करने का देसी नुस्खा

हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के लुपुंग गाँव के एक्सपर्ट किसान वीरेंद्र कुमार मेहता बताते हैं कि खीरा मुनाफे की फसल है, पर पौधे सही न हुए तो नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। वो कहते हैं कि सबसे पहले कोकोपीट को रात भर पानी में भिगो दें। फिर सुबह अतिरिक्त पानी निकालकर इसमें केंचुआ खाद मिलाएँ। कई किसान बिना केंचुआ खाद के पौधे तैयार करते हैं, पर इससे ग्रोथ सही नहीं होती। मिश्रण को एक दिन आराम दें, फिर सीडलिंग ट्रे में भरकर ऊपर से खीरे के दाने डाल दें। 18 से 21 दिन में पौधा तैयार हो जाएगा। इसे ग्रीन हाउस में रखें, ताकि धूप और कीट-पतंगों से बचा रहे।

कीट-पतंगों से बचाव

वीरेंद्र आगे बताते हैं कि पौधों को समय-समय पर कीटनाशक और दवाएँ देना जरूरी है। ग्रीन हाउस में रखने से सीधी धूप और कीटों का खतरा कम हो जाता है। वहीं, हजारीबाग के तरबा खरवा स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार कहते हैं कि खीरे की फसल में कीट-पतंगे सबसे बड़ी मुसीबत हैं। इनसे बचने के लिए फंगीसाइड से ट्रीटमेंट करें। बीज का चुनाव अपनी पसंद से करें, लेकिन ये देख लें कि फसल की माँग बाजार में अच्छी हो, वरना मेहनत बेकार जा सकती है। सही देखभाल से फसल चमक उठेगी।

खीरे की खेती का फायदा

खीरे की खेती आसान है और मुनाफा शानदार। गर्मी में इसकी डिमांड बढ़ने से किसानों की जेब भरती है। वीरेंद्र जी का कहना है कि कोकोपीट और केंचुआ खाद का मिश्रण पौधों को ताकत देता है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है। अगर शुरू से सही तैयारी करें, तो नुकसान की चिंता नहीं रहती। डॉ. अरविंद जी भी मानते हैं कि सही बीज और स्वस्थ पौधे ही बंपर उत्पादन की नींव हैं। ये फसल आपके खेत को सोने की खान बना सकती है।

छोटी सावधानी, बड़ी कामयाबी

कई किसानों से बात करके पता चला कि खीरे की खेती में शुरूआत ही सब कुछ तय करती है। कोकोपीट और केंचुआ खाद का इस्तेमाल करने वाले किसानों ने बताया कि उनके पौधे मजबूत हुए और फसल ज्यादा मिली। ग्रीन हाउस में कीटों से बचाव आसान हो जाता है। एक किसान ने कहा कि उसने फंगीसाइड का छिड़काव किया, और कीटों का प्रकोप कम हुआ। थोड़ी सी सावधानी से मेहनत रंग लाती है।

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  • Shashikant

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