कीवी फल, जो अपने रसीले स्वाद और पोषक तत्वों के लिए मशहूर है, अब घर के गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। ये बेल वाला पौधा छोटी जगह जैसे छत, बालकनी, या आँगन में लगाया जा सकता है। भारत में, खासकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल, और महाराष्ट्र में कीवी की माँग बढ़ रही है, और बाजार में 100-200 रुपये प्रति किलो दाम मिलता है। गमले में कीवी की खेती कम लागत में शुरू हो सकती है, और 3-4 साल में फल देती है। एक पौधा सालाना 10-20 किलो फल दे सकता है। आइए जानें इसे कैसे उगाएँ।
कीवी पौधे की खासियत
यह एक बेल वाला पौधा है, जो 15-20 फीट तक फैलता है। इसके फल हरे या सुनहरे, विटामिन C, E, और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये 15-30 डिग्री तापमान और 800-1500 मिमी बारिश में अच्छे से बढ़ता है। भारत में मादा (हेवर्ड, एलिसन) और नर (टॉमूरी) पौधे लगाए जाते हैं, क्योंकि परागण के लिए दोनों जरूरी हैं। एक नर पौधा 4-5 मादा पौधों के लिए काफी है। गमले में कीवी 3-4 साल में फल देना शुरू करता है और 10-15 साल तक उत्पादन देता है। रोग-कीट कम लगते हैं, और ये छोटे गमलों में भी उग सकता है। बाजार में इसकी माँग सलाद, जूस, और डेज़र्ट में बढ़ रही है।
गमले और मिट्टी की तैयारी
कीवी के लिए 18-24 इंच चौड़ा और 12-15 इंच गहरा गमला चुनें। प्लास्टिक या मिट्टी का गमला (200-500 रुपये) जिसमें जलनिकासी के लिए छेद हों, बेस्ट है। मिट्टी में 50% दोमट मिट्टी, 30% गोबर खाद, और 20% रेत या कोकोपीट मिलाएँ। pH 5.5-6.5 रखें। गमले में 2-3 इंच बजरी डालें, ताकि पानी न रुके। कीवी की बेल को सहारा देने के लिए लकड़ी, बाँस, या तार से 6-8 फीट ऊँचा ट्रेलिस बनाएँ, जिसकी लागत 500-1,000 रुपये है। गमले को धूप वाली जगह (6-8 घंटे धूप) जैसे छत या बालकनी में रखें। मार्च-अप्रैल या सितंबर-अक्टूबर में रोपण करें। सही तैयारी से पौधा जल्दी बढ़ता है।
पौधा और रोपण कैसे करें
कीवी के पौधे नर्सरी, कृषि केंद्र, या ऑनलाइन (Amazon, NurseryLive) से लें। एक मादा और एक नर पौधा (500-1,000 रुपये/पौधा) खरीदें। स्वस्थ, 1-2 फीट लंबा पौधा चुनें। रोपण से पहले जड़ों को जीवामृत (500 मिलीलीटर/लीटर पानी) में 2 घंटे भिगोएँ। गमले में मिट्टी भरें, बीच में 4-5 इंच गहरा गड्ढा बनाएँ, और पौधा लगाएँ। मिट्टी दबाकर हल्का पानी दें। नर और मादा पौधे 3-4 फीट दूरी पर अलग गमलों में लगाएँ। बेल को ट्रेलिस पर चढ़ाएँ। 7-10 दिन में पौधा जड़ पकड़ लेता है। रोपण के बाद नियमित देखभाल से 3-4 साल में फल मिलने शुरू होते हैं।
देखभाल और सिंचाई का तरीका
इसकी की देखभाल आसान है। गर्मी में हर 3-4 दिन और सर्दी में 7-10 दिन बाद 1-2 लीटर पानी दें। मिट्टी नम रखें, ज्यादा पानी न डालें। हर 15 दिन में 500 ग्राम वर्मी कम्पोस्ट या गोबर खाद डालें। नीम का तेल (5 मिलीलीटर/लीटर पानी) महीने में एक बार छिड़कें, ताकि कीट (एफिड्स, मकड़ी) न लगें। फफूंद से बचाने के लिए गमले में जलनिकासी रखें। सर्दी में पौधे को पॉलिथीन से ढकें। हर साल जनवरी-फरवरी में पुरानी, सूखी टहनियों की छँटाई करें। बेल को ट्रेलिस पर बाँधें, ताकि फैलाव सही हो। सही देखभाल से पौधा 50-100 फल प्रति साल देता है।
फल उत्पादन और कटाई
कीवी का पौधा 3-4 साल में फल देना शुरू करता है। मार्च-अप्रैल में फूल आते हैं, और परागण के लिए नर-मादा पौधे जरूरी हैं। कीटों (मधुमक्खी) से प्राकृतिक परागण होता है। फल सितंबर-नवंबर में पकते हैं। जब फल हरे से भूरे, हल्के नरम हों, तो कैंची से काटें। एक पौधा 10-20 किलो फल देता है। फलों को छाया में 7-10 दिन रखें, ताकि स्वाद बढ़े।
कीवी को उगाने में कुछ सावधानियाँ बरतें। स्वस्थ पौधे चुनें, नकली नस्ल से बचें। गमले में ज्यादा पानी न रुके। सर्दी में पौधे को ठंड से बचाएँ। नर-मादा पौधे साथ लगाएँ, वरना फल नहीं आएंगे। रासायनिक खाद से बचें, जैविक खाद इस्तेमाल करें। स्थानीय नर्सरी या कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें। छोटे स्तर पर 1-2 पौधों से शुरू करें। सरकारी बागवानी योजनाओं से सब्सिडी लें। गमले में कीवी की खेती न सिर्फ घर को हरा-भरा बनाती है, बल्कि कमाई का शानदार रास्ता भी देती है।
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