किसान भाइयों, आज हम एक खास फसल की बात करेंगे जिसका नाम है- कीवी। कीवी एक रसीला और स्वादिष्ट फल है, जो हरे या पीले रंग का होता है। भारत में हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम और उत्तराखंड में इसकी खेती बढ़ रही है। ये ठंडी जगहों में खूब फलता है और बाज़ार में 100-200 रुपये किलो बिकता है। विटामिन C से भरपूर कीवी को उगाकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। गाँव में इसे देसी तरीके से उगाने का तरीका आसान है। आइए जानते हैं कि कीवी की खेती कैसे करें।
कीवी का परिचय समझें
कीवी का पौधा बेल की तरह बढ़ता है, जो 15-20 फीट तक फैलता है। ये 3-5 साल में फल देना शुरू करता है और 20-25 साल तक चलता है। इसके फल छोटे-भूरे और अंदर से हरे या पीले होते हैं। एक पौधे से 20-50 किलो फल मिल सकते हैं। ये ठंडा मौसम (10-25°C) और नम मिट्टी पसंद करता है। नर और मादा पौधे अलग होते हैं, तो परागण के लिए दोनों चाहिए। गाँव में इसे खेत या बगीचे में उगा सकते हैं।
खेत तैयार करने का तरीका
कीवी के लिए ऐसी जगह चुनें जहाँ सुबह धूप और दोपहर में हल्की छाया मिले। दोमट मिट्टी बढ़िया है, जिसका pH 5.5-6.5 हो। खेत को जोतें और 5-10 किलो गोबर की खाद प्रति गड्ढा डालें। गड्ढे 2 फीट गहरे और 2 फीट चौड़े खोदें, पौधों के बीच 15-20 फीट दूरी रखें। पानी जमा न हो, इसके लिए जल निकासी बनाएँ। फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर में खेत तैयार करें। बेल को सहारा देने के लिए तार या लकड़ी का ट्रेलिस (जाली) लगाएँ।
पौधा लगाने की देसी विधि
कीवी को नर्सरी से पौधे या बीज से उगाते हैं। ताजे फल से बीज निकालें, धोकर 24 घंटे पानी में भिगो दें, फिर नर्सरी में बोएं। 6-8 महीने बाद पौधे खेत में रोपें। नर्सरी से 1-2 साल के पौधे लेना आसान है। गड्ढे में पौधा लगाएँ, जड़ों को मिट्टी से ढकें और हल्का पानी दें। नर और मादा पौधे 1:5 के अनुपात में लगाएँ। बारिश से पहले (जून-जुलाई) या सर्दियों में रोपाई करें। ट्रेलिस पर बेल चढ़ाएँ।
पौधे कहाँ से जुटाएँ
कीवी के पौधे नर्सरी से मिलते हैं। हिमाचल, सिक्किम या उत्तराखंड की नर्सरियों से संपर्क करें, जहाँ ‘हेवर्ड’, ‘एलिसन’ या ‘मोंटी’ किस्में 100-300 रुपये में मिलती हैं। सरकारी बागवानी केंद्र से सस्ते में ले सकते हैं। ऑनलाइन नर्सरी लाइव या इंडिया मार्ट पर 200-500 रुपये में पौधे उपलब्ध हैं। बीज चाहिए तो ताजे फल से निकालें। पौधे लेते वक्त देखें कि वो स्वस्थ और प्रमाणित हों।
देखभाल के आसान टिप्स
पहले 2 साल हफ्ते में 2-3 बार पानी दें, मिट्टी नम रखें। बड़े पौधे को 7-10 दिन में 10-15 लीटर पानी दें। हर 3-4 महीने में गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट और नीम की खली डालें। कीट (जैसे एफिड्स) से बचाने के लिए नीम का तेल छिड़कें। सर्दियों में ठंड से बचाने के लिए जड़ों पर घास डालें। फूल आने पर परागण के लिए मधुमक्खियाँ आकर्षित करें या हाथ से करें। कटाई-छंटाई से बेल को 10-15 फीट पर रखें।
फल तोड़ने का समय और मुनाफा
कीवी 3-5 साल में फल देता है। अक्टूबर-दिसंबर में फल पकते हैं, जब वो भूरे और नरम हों तो तोड़ लें। एक पौधे से 20-50 किलो फल मिलते हैं। प्रति हेक्टेयर 200-300 पौधे लगाकर 50-70 टन फल ले सकते हैं। लागत पहले साल 2-3 लाख रुपये (पौधे, ट्रेलिस, खाद) आती है। बिक्री से 10-15 लाख रुपये सालाना कमाई हो सकती है। कीवी का जूस, जैम या ताजा फल बेचकर भी फायदा ले सकते हैं।
कीवी के फायदे और सावधानियाँ
कीवी की खेती से बंजर जमीन का इस्तेमाल होता है। ये महंगा बिकता है, 100 रुपये में 4 फल मिलते हैं, यानी अच्छा मुनाफा देता है। ये निर्यात के लिए भी बढ़िया है। फल में विटामिन C भरपूर होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है। मगर ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं। नर-मादा पौधों का सही अनुपात रखें, वरना फल कम होंगे। ठंड में बर्फबारी से बचाएँ। सही देखभाल से ये सालों तक मुनाफा देगा।
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