खेती को मिल गई वैज्ञानिक ताकत, जानिए वो टेक्निक जो कर देंगी किसानों की आमदनी दोगुनी

Agri Tips : किसान भाइयों, दिल्ली पूसा के वैज्ञानिकों ने आपकी मेहनत को मुनाफे में बदलने की ठान ली है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के वैज्ञानिकों ने खेती और किसानों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए आठ नई तकनीकें तैयार की हैं। जैविक खाद से लेकर स्मार्ट सिंचाई और मौसम की पल-पल खबर देने वाला सिस्टम तक, ये तकनीकें आपके खेतों को सोने की खान बनाएंगी। चाहे आपकी जमीन बंजर हो या छोटी, ये तरीके कम लागत में ज्यादा कमाई का रास्ता खोलेंगे। आइए, जानते हैं कि पूसा के वैज्ञानिकों का यह जादू कैसे काम करेगा।

बंजर जमीन का इलाज

खेत की मिट्टी थक गई है और फसल कम दे रही है? चिंता न करें, क्योंकि पूसा के बायोमास यूटिलाइजेशन यूनिट के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. शिवाधर ने चार तरह की जैविक खाद तैयार की है। यह खाद पत्तों, गोबर, धान के अवशेषों, और वर्मीकंपोस्ट से बनाई गई है, जो पूरी तरह प्राकृतिक है। इसकी मांग इतनी है कि इसे बड़े पैमाने पर तैयार किया जा रहा है। अगर आप इस खाद को बंजर जमीन पर डालेंगे, तो मिट्टी फिर से जिन्दा हो जाएगी। एक किसान ने बताया कि इस खाद से उसकी जमीन ने दो साल में दोगुनी फसल दी। यह खाद न सिर्फ फसल बढ़ाएगी, बल्कि आपकी जेब भी भरेगी।

मौसम की मार झेलने वाला धान

मौसम का मिजाज बिगड़े, तो फसल पर संकट आता है। लेकिन पूसा के वैज्ञानिक राकेश पांडेय ने ऐसा धान विकसित किया है, जो बारिश, सूखा, या तेज गर्मी में भी डटकर खेत में खड़ा रहेगा। इस धान की पैदावार इतनी शानदार है कि आप पूरे साल इसे बेचकर कमाई कर सकते हैं। राकेश जी कहते हैं कि यह धान हर मौसम में मुनाफा देगा, क्योंकि इसे खास तौर पर टिकाऊ बनाया गया है। चाहे बिहार के खेत हों या यूपी के, यह धान हर किसान की उम्मीदों को हरा रखेगा। अगली बुवाई में इसकी बीज जरूर आजमाएँ।

छोटे खेत, बड़ी कमाई

क्या आप सोचते हैं कि पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस सिर्फ बड़े किसानों के लिए है? पूसा के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एम चंद सिंह इस गलतफहमी को तोड़ते हैं। छोटी जमीन पर भी आप पॉलीहाउस बनाकर शिमला मिर्च, टमाटर, और खीरे की फसल उगा सकते हैं। सरकार की सब्सिडी के बाद इसे बनाने में चार से पाँच लाख रुपये खर्च होंगे। अच्छी बात यह है कि इन फसलों से एक साल में ही यह पैसा वसूल हो जाएगा। एक यूपी के किसान ने पॉलीहाउस में टमाटर उगाकर सालाना आठ लाख कमाए। यह तकनीक छोटे किसानों के लिए कमाई का खजाना है।

स्मार्ट सिंचाई सिस्टम

पानी की कमी से फसल मुरझा रही है? पूसा के वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इसका देसी जुगाड़ निकाला है। उन्होंने स्मार्ट सिंचाई सिस्टम बनाया, जो कम पानी में ज्यादा फसल देता है। चाहे आपका खेत ऊँचा-नीचा हो या मिट्टी रेतीली, यह सिस्टम हर जगह कमाल करता है। यह पानी की हर बूंद को जड़ों तक पहुंचाता है, जिससे 30-40 प्रतिशत पानी बचता है। बिहार के एक किसान ने इस सिस्टम से मिर्च की फसल दोगुनी की और मुनाफा भी बढ़ा। यह तकनीक आपकी लागत घटाएगी और जेब भरेगी।

मौसम की पल-पल खबर

बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, या तेज गर्मी से फसल बर्बाद होने का डर खत्म। पूसा की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका कुंडू ने मौसम की पल-पल जानकारी देने वाला हाईटेक सिस्टम बनाया है। कृषि भौतिकी विभाग में काम करने वाली डॉ. मोनिका ने बताया कि किसानों को व्हाट्सएप ग्रुप और वेबसाइट के जरिए मौसम की खबर मिलेगी। इससे आप सही समय पर फसल काट सकेंगे, बुवाई कर सकेंगे, और खेत की देखभाल करके नुकसान बचा सकेंगे। एक हरियाणा के किसान ने इस सिस्टम से अपनी गेहूं की फसल बचाई। यह तकनीक आपका सबसे बड़ा साथी बनेगी।

किसानों की जेब, देश की सेहत

किसान भाइयों, पूसा वैज्ञानिकों की ये आठ तकनीकें खेती को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगी। जैविक खाद बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएगी, टिकाऊ धान हर मौसम में मुनाफा देगा, पॉलीहाउस छोटे खेतों को खजाना बनाएगा, स्मार्ट सिंचाई पानी बचाएगी, और मौसम सिस्टम फसल की रक्षा करेगा। ये तकनीकें न सिर्फ आपकी कमाई बढ़ाएँगी, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण को भी तंदुरुस्त रखेंगी। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से इन तकनीकों की जानकारी लें और खेतों में आजमाएँ। जब आपके खेत लहलहाएंगे और गोदाम भरेगा, तो मेहनत का असली फल मिलेगा।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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