एक एकड़ में हरियाली ही हरियाली, कोराई घास से कमाई कीजिए प्रति एकड़ 3 लाख रूपये

Korai Grass Farming: कोराई घास, जो चटाई बुनाई और हस्तशिल्प के लिए मशहूर है, अब किसानों के लिए लाखों रुपये कमाने का सुनहरा जरिया बन सकती है। ये फसल सूखा सहनशील है और कम मेहनत में अच्छा मुनाफा देती है। एक एकड़ से 10-15 टन पैदावार होने की संभावना है, और बाजार में इसकी कीमत ₹10,000 से ₹30,000 प्रति टन तक जाती है। सही देखभाल और मार्केटिंग से एक एकड़ से 1-2 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से हो सकती है। जून-जुलाई का मौसम इसकी बुआई के लिए बिल्कुल उपयुक्त है, क्योंकि बारिश की शुरुआत इसे बढ़ने में मदद करती है। आइए, जानते हैं कि कोराई घास की खेती कैसे करें, मुनाफा कैसे दोगुना करें।

कोराई घास का सुनहरा अवसर

कोराई घास, जिसे वैज्ञानिक नाम Cyperus corymbosus से जाना जाता है, तमिलनाडु और दक्षिण भारत में चटाई बनाने के लिए लोकप्रिय है। इसकी मजबूत और लचीली प्रकृति इसे हस्तशिल्प उद्योग के लिए आदर्श बनाती है। स्थानीय बाजार में चटाइयों, टोकरियों, और अन्य उत्पादों की मांग बढ़ रही है, वहीं निर्यात बाजार में भी इसकी कीमत अच्छी मिलती है। एक एकड़ से 10-15 टन पैदावार होने पर, अगर बाजार भाव ₹20,000 प्रति टन रहा, तो 2-3 लाख रुपये की आय संभव है। लागत में बीज, खाद, और मेहनत शामिल है, जो लगभग ₹50,000-₹70,000 प्रति एकड़ आती है, यानी शुद्ध मुनाफा 1.5-2 लाख रुपये तक हो सकता है।

ये भी पढ़ें – 25 हजार रुपए लीटर! इस अनोखी घास के तेल से होगी बंपर कमाई

खेत में कोराई घास की शुरुआत

कोराई घास की खेती शुरू करने का सही समय अब है, जब जून-जुलाई की बारिश शुरू हो रही है। खेत को हल से जोतकर समतल करें और गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें, ताकि मिट्टी की उर्वरता बढ़े। इस फसल को बेलों या जड़ों से उगाया जाता है, जिन्हें छितुआ विधि से खेत में बिछाकर हल्की मिट्टी से ढक दें। बेलों को 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएँ, ताकि जड़ें फैल सकें और बढ़ने की जगह मिले। बारिश होने पर सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है, लेकिन अगर पानी कम हो, तो हल्की सिंचाई करें।

कोराई घास की बेलें या जड़ें पाने के लिए नजदीकी कृषि केंद्र या नेशनल सीड कॉर्पोरेशन (NSC) स्टोर का रुख करें, जहाँ प्रमाणित पौध उपलब्ध हैं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और अन्य राज्यों की सहकारी समितियों में भी ये आसानी से मिलते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, जैसे Amazon India, Flipkart, या कृषि मंत्रालय की वेबसाइट्स, भी अच्छे विकल्प हैं। बेलें खरीदते समय उनकी ताजगी और जड़ों की सेहत चेक करें। बुआई से पहले इन्हें हल्के पानी में 4-6 घंटे भिगोएँ, ताकि जड़ें मजबूत हों और जल्दी पकड़ बनाएँ।

मिट्टी और पर्यावरण का ख्याल

कोराई घास की खेती मिट्टी की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसकी गहरी जड़ें मिट्टी को बांधकर कटाव को रोकती हैं और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती हैं। दोमट या रेतीली मिट्टी में इसे उगाना आसान है, और हर 6 महीने में मिट्टी की जाँच से पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखें। गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालने से लागत कम होती है और पैदावार बढ़ती है। ये फसल कम पानी में उगती है, जो सूखे इलाकों के लिए वरदान है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाती। बारिश के मौसम में खेत में पानी का प्रबंधन जरूरी है, ताकि जड़ों को नुकसान न हो।

ये भी पढ़ें – खेत में बार-बार उगता है मोथा? इस दवा से होगा जड़ से सफाया, खरपतवार भी होंगे खत्म

बाजार और बिक्री की रणनीति

कोराई घास की बिक्री के लिए सही बाजार चुनना जरूरी है। स्थानीय हाटों और मंडियों में थोक में बेचकर शुरुआत करें, जहाँ प्रति टन ₹15,000-₹20,000 मिल सकता है। चटाई बनाकर खुदरा बिक्री पर ध्यान दें, क्योंकि इससे मुनाफा दोगुना हो सकता है। शहरों के होटल, दुकानें, और सजावट उद्योग में इसकी मांग बढ़ रही है। ऑनलाइन बिक्री के लिए Flipkart, Amazon Handmade, या सरकार के eNAM पोर्टल का इस्तेमाल करें। निर्यात के लिए तमिलनाडु हस्तशिल्प विकास निगम से संपर्क करें, जहाँ प्रति टन ₹25,000-₹30,000 तक कीमत मिल सकती है। पैकिंग को आकर्षक बनाएँ और ग्राहकों से फीडबैक लें, ताकि बिक्री लगातार बढ़े।

कोराई घास से किसानो का भविष्य

कोराई घास की खेती न सिर्फ़ मुनाफा देती है, बल्कि गाँवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। एक एकड़ से 1-2 लाख रुपये की कमाई और चटाई बुनाई से अतिरिक्त आय इसे किसानों के लिए आकर्षक बनाती है। कम पानी और देसी खाद से उगने वाली ये फसल पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। जून 2025 से शुरूआत कर इसे अपने खेत में लाएँ और लाखों की कमाई का सपना साकार करें। सही देखभाल, मार्केटिंग, और सरकारी सहायता से ये फसल आपका जीवन बदल सकती है।

ये भी पढ़ें – नेपियर घास जिसे खाने के बाद गाय-भैंस बाल्टी भर कर देंगी दूध

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment