ऐसे करें लहसुन की आर्गेनिक खेती, जानें स्टेप बाय स्टेप पूरी विधि

Lahsun ki Organic Kheti Kaise Karen: हमारे गाँवों में लहसुन की खेती बरसों से होती आ रही है। ये ना सिर्फ खाने को स्वाद देता है, बल्कि इसके औषधीय गुण इसे हर घर में खास बनाते हैं। आजकल लोग सेहत को लेकर जागरूक हो गए हैं, इसलिए बाज़ार में आर्गेनिक लहसुन की मांग तेजी से बढ़ रही है। आर्गेनिक खेती में रासायनिक खाद या कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे फसल पूरी तरह सेहतमंद रहती है। इससे मिट्टी की ताकत भी बरकरार रहती है। सबसे बड़ी बात, आर्गेनिक लहसुन अच्छे दाम में बिकता है, जो किसानों के लिए मुनाफे का रास्ता खोलता है। अगर आप इस खेती को शुरू करना चाहते हैं, तो ये मौका आपके लिए सुनहरा है।

Lahsun ki Organic Kheti Kaise Karen

लहसुन की आर्गेनिक खेती क्यों करें?

लहसुन को ठंडा मौसम बहुत पसंद है। 10 से 25 डिग्री तापमान इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है। सर्दियों की शुरुआत, यानी अक्टूबर से नवंबर, इसकी बुवाई का सही समय है। अगर आप किसी ठंडे इलाके में रहते हैं, तो लहसुन की फसल आपके लिए और आसान होगी। मिट्टी की बात करें तो दोमट मिट्टी इसके लिए बिल्कुल सही है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए। ये भी ध्यान रखें कि खेत में पानी जमा ना हो, वरना जड़ें खराब हो सकती हैं। खेत को अच्छे से जोतकर और पानी निकासी का इंतजाम करके आप फसल के लिए मजबूत नींव तैयार कर सकते हैं।

बढ़िया किस्मों का चयन

लहसुन की खेती शुरू करने से पहले सही किस्म चुनना बहुत जरूरी है। भारत में कई मशहूर किस्में हैं, जो आर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त हैं। जमुनागढ़ी लहसुन बाज़ार में खूब बिकता है। श्वेता लहसुन अपने मध्यम आकार की वजह से मशहूर है। अगर आप आर्गेनिक बाज़ार को टारगेट करना चाहते हैं, तो पुंछ लहसुन भी अच्छा विकल्प है। अपने इलाके की जलवायु और बाज़ार की मांग के हिसाब से किस्म चुनें। सही किस्म से ना सिर्फ पैदावार बढ़ेगी, बल्कि मुनाफा भी ज्यादा होगा।

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खेत को देसी तरीके से तैयार करें

आर्गेनिक खेती में खेत की तैयारी का खास ख्याल रखना पड़ता है। खेत को 2-3 बार अच्छे से जोत लें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। रासायनिक खाद की जगह गाय का गोबर, वर्मी कम्पोस्ट, या घर का बना कंपोस्ट डालें। ये मिट्टी को ताकत देता है और फसल को सेहतमंद रखता है। खेत में 15 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारें बनाएँ और पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर का फासला रखें। इससे पौधों को बढ़ने की पूरी जगह मिलेगी और फसल अच्छी आएगी।

बुवाई और पानी का सही इंतजाम

लहसुन की बुवाई के लिए उसकी कलियों को बीज की तरह इस्तेमाल करते हैं। बुवाई से पहले इन कलियों को जैविक फफूंदनाशक से उपचारित करें, ताकि बीमारियों से बचाव हो। अक्टूबर-नवंबर में बुवाई शुरू करें। बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। इसके बाद हर 10-15 दिन में पानी देते रहें। ध्यान रखें कि ज्यादा पानी ना डालें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। आर्गेनिक खेती में पानी का सही प्रबंधन फसल की गुणवत्ता को और बढ़ाता है।

Lahsun ki Organic Kheti Kaise Karen
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कीट और बीमारियों से देसी नुस्खे

आर्गेनिक खेती में रासायनिक कीटनाशक इस्तेमाल नहीं होते, लेकिन देसी तरीके बड़ा कमाल करते हैं। नीम का तेल कीटों को भगाने में बहुत असरदार है। अगर जड़ सड़न या पत्तियों की बीमारी दिखे, तो जैविक फफूंदनाशक का छिड़काव करें। फेरोमोन ट्रैप्स की मदद से कीड़ों को पकड़ा जा सकता है। खेत को साफ रखें और समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें। इससे आपकी फसल स्वस्थ और मजबूत रहेगी।

कटाई और स्टोरेज का आसान तरीका

लहसुन की फसल 4-5 महीने में तैयार हो जाती है। जब पत्तियाँ पीली पड़ने लगें और सूख जाएँ, तो समझ लें कि कटाई का समय है। लहसुन को खेत से निकालकर सूखी और हवादार जगह पर रखें। लकड़ी की पेटियों या जालीदार थैलों में स्टोर करें, ताकि ये खराब ना हो। अगर बाज़ार में अच्छा दाम मिल रहा हो, तो तुरंत बेच दें। आर्गेनिक लहसुन की मांग हमेशा बनी रहती है, तो मुनाफा पक्का है।

आर्गेनिक सर्टिफिकेशन कैसे लें

अगर आप अपनी फसल को आर्गेनिक बाज़ार में बेचना चाहते हैं, तो सर्टिफिकेशन लेना जरूरी है। भारत में नेशनल प्रोग्राम फॉर आर्गेनिक प्रोडक्शन (NPOP) इस काम को देखता है। अपने नजदीकी प्रमाणन एजेंसी से संपर्क करें, सारे दस्तावेज जमा करें, और खेत का निरीक्षण करवाएँ। सर्टिफिकेशन मिलने के बाद आपका लहसुन आर्गेनिक टैग के साथ बिकेगा, जिससे दाम और बढ़ेगा।

मुनाफे का देसी हिसाब

लहसुन की आर्गेनिक खेती कई तरह से फायदेमंद है। ये रसायनमुक्त होता है, तो सेहत के लिए बढ़िया है। बाज़ार में इसके दाम अच्छे मिलते हैं। मिट्टी की ताकत बनी रहती है, और रासायनिक खाद का खर्चा भी बचता है। ये खेती ना सिर्फ आपकी जेब भरेगी, बल्कि पर्यावरण और गाँव की सेहत को भी फायदा देगी। तो इस सर्दी में लहसुन की आर्गेनिक खेती शुरू करें और मुनाफे का स्वाद चखें।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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