इस नवीन तकनीक से कीजिए, लकड़ी के लट्ठे में मशरूम की खेती, सिर्फ 6 महीने में कमाइए 3 लाख

मशरूम की खेती आज भारत में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में एक लोकप्रिय और लाभकारी व्यवसाय बन चुकी है। खास तौर पर ऑयस्टर मशरूम की खेती अपनी कम लागत और आसान प्रक्रिया के लिए जानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लकड़ी के बोटे (लट्ठे) में ड्रिल करके भी मशरूम उगाए जा सकते हैं? यह एक ऐसी नवीन तकनीक है, जो कम जगह और संसाधनों में उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम का उत्पादन करती है। यह लेख लकड़ी के बोटे में मशरूम की खेती की पूरी प्रक्रिया, आवश्यक सामग्री, लागत, और लाभ की जानकारी देगा, जो किसानों और युवा उद्यमियों के लिए उपयोगी है।

Lakdi Par Mashroom Kaise Ugaye

मशरूम की खेती और लकड़ी के बोटे की भूमिका

मशरूम एक प्रकार का कवक है, जो प्रोटीन, विटामिन डी, और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ऑयस्टर मशरूम को उगाने के लिए आमतौर पर गेहूं का भूसा, चावल की भूसी, या कम्पोस्ट का उपयोग होता है, लेकिन लकड़ी के बोटे में खेती एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है। इस विधि में लकड़ी के लट्ठों में छेद करके मशरूम के बीज (स्पॉन) डाले जाते हैं, जो नमी और सही तापमान में तेजी से बढ़ते हैं। यह तकनीक छोटे स्तर पर खेती करने वालों के लिए आदर्श है, क्योंकि यह कम निवेश में अधिक उत्पादन देती है।

लकड़ी के बोटे में खेती का तरीका

लकड़ी के बोटे में मशरूम की खेती एक व्यवस्थित प्रक्रिया है, जिसे सही तरीके से अपनाने पर अच्छा मुनाफा मिलता है। इस विधि में ऑयस्टर मशरूम को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि यह लकड़ी पर तेजी से बढ़ता है। प्रक्रिया को समझने के लिए निम्नलिखित चरणों पर ध्यान दें:

सबसे पहले, 3-4 फीट लंबे और 6-8 इंच व्यास वाले लकड़ी के बोटे चुनें। नीम, आम, या जामुन जैसे पर्णपाती पेड़ों की लकड़ी इसके लिए उपयुक्त है, क्योंकि ये जल्दी सड़ती नहीं। लकड़ी ताजा कटी होनी चाहिए, ताकि उसमें पर्याप्त नमी हो। बोटे को साफ पानी से धोकर 24 घंटे भिगो दें। इसके बाद, ड्रिल मशीन से बोटे में 1-2 इंच गहरे और 1 इंच व्यास वाले छेद करें। छेद 4-6 इंच की दूरी पर पूरे बोटे पर बनाएं।

छेदों में ऑयस्टर मशरूम का उच्च गुणवत्ता वाला स्पॉन डालें। स्पॉन को छेद में हल्के से दबाएं और ऊपर से मोम (वैक्स) या मिट्टी से बंद कर दें, ताकि नमी बनी रहे और कीट प्रवेश न करें। बोटे को छायादार और नम जगह पर रखें, जहां तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस और नमी 70-90% हो। नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें ताकि लकड़ी सूखे नहीं। 15-20 दिनों में माइसेलियम (सफेद फफूंद) फैलने लगेगा, और 25-30 दिनों में मशरूम निकलने शुरू होंगे।

आवश्यक सामग्री और तैयारी

लकड़ी के बोटे में मशरूम की खेती के लिए कुछ बुनियादी सामग्री चाहिए। ये सामग्री स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध हैं और लागत को कम रखती हैं। मुख्य सामग्री में शामिल हैं:

लकड़ी के बोटे, जो ताजा और सख्त हों। ऑयस्टर मशरूम का स्पॉन, जिसे कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या विश्वसनीय बीज दुकानों से खरीदा जा सकता है। ड्रिल मशीन और 1 इंच की ड्रिल बिट छेद बनाने के लिए। मोम या मिट्टी छेद को सील करने के लिए। साफ पानी और स्प्रे बोतल नमी बनाए रखने के लिए। इसके अलावा, एक छायादार शेड या कमरा, जहां सूरज की सीधी रोशनी न आए।

लकड़ी को तैयार करने के लिए उसे 2% फॉर्मलिन के घोल में 2-3 घंटे भिगोकर स्टरलाइज करें, ताकि हानिकारक बैक्टीरिया न रहें। स्पॉन को ठंडी और साफ जगह पर स्टोर करें, और उपयोग से पहले उसकी गुणवत्ता जांच लें। ये तैयारियां खेती की सफलता के लिए जरूरी हैं।

तापमान और नमी का प्रबंधन

मशरूम की खेती में तापमान और नमी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। ऑयस्टर मशरूम के लिए 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान और 70-90% नमी आदर्श है। लकड़ी के बोटे को ऐसी जगह रखें, जहां हवा का प्रवाह हो, लेकिन सीधी धूप न पड़े। गर्मियों में शेड में पानी का छिड़काव करें और सर्दियों में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग कर सकते हैं।

कमरे या शेड में तापमान 30 डिग्री से अधिक होने पर दीवारों पर पानी छिड़कें या कूलर का उपयोग करें। नमी कम होने पर बोटे सूख सकते हैं, जिससे माइसेलियम का विकास रुक सकता है। नियमित निगरानी से मशरूम की गुणवत्ता और उपज बढ़ती है।

कटाई और देखभाल

मशरूम की पहली कटाई बीज बोने के 25-30 दिन बाद शुरू होती है। जब मशरूम की टोपी पूरी तरह खुल जाए, लेकिन किनारे मुड़े न हों, तब उन्हें हल्के से तोड़ लें। एक बोटे से 3-4 कटाई हो सकती है, जो 2-3 महीने तक चलती है। प्रत्येक कटाई के बाद बोटे पर पानी का छिड़काव करें और मृत माइसेलियम को हटाएं।

खेती के दौरान रोगों और कीटों से बचाव जरूरी है। यदि बोटे में हरा या काला मोल्ड दिखे, तो प्रभावित हिस्से को हटाकर 0.1% बाविस्टिन का छिड़काव करें। मशरूम मक्खियों से बचने के लिए शेड में जाल लगाएं। ये छोटी सावधानियां उपज को सुरक्षित रखती हैं।

लागत और मुनाफा कितना आ सकता है

लकड़ी के बोटे में मशरूम की खेती कम लागत वाला व्यवसाय है। 10 बोटों की खेती शुरू करने की अनुमानित लागत 8,000-12,000 रुपये है, जिसमें लकड़ी (3,000 रुपये), स्पॉन (2,000 रुपये), ड्रिल मशीन और अन्य सामग्री (3,000 रुपये), और शेड निर्माण (2,000 रुपये) शामिल हैं। एक बोटे से औसतन 2-3 किलो मशरूम मिलता है, और बाजार में ऑयस्टर मशरूम 120-200 रुपये प्रति किलो बिकता है।

10 बोटों से 20-30 किलो मशरूम प्राप्त हो सकता है, जिसकी कीमत 2,400-6,000 रुपये होगी। तीन महीने की खेती में 7,000-15,000 रुपये का शुद्ध मुनाफा संभव है। बड़े पैमाने पर खेती करने पर यह मुनाफा लाखों में हो सकता है,और यदि आप 300 बोटो से शुरू करतें हैं तो तो आराम से ६ महीने में 3 लाख रूपये कम सकतें हैं।

लाभ और बाजार की संभावनाएं

लकड़ी के बोटे में मशरूम की खेती के कई लाभ हैं। यह तकनीक कम जगह में लागू की जा सकती है, जैसे घर का आंगन या छोटा शेड। लकड़ी का उपयोग पर्यावरण-अनुकूल है और भूसे की तुलना में लंबे समय तक टिकता है। इस विधि से उत्पादित मशरूम जैविक होते हैं, जिनकी बाजार में मांग अधिक है।

भारत में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि लोग इसके पोषक तत्वों और स्वाद के प्रति जागरूक हो रहे हैं। रेस्तरां, होटल, और सुपरमार्केट में ऑयस्टर मशरूम की नियमित मांग रहती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon और BigHaat पर भी मशरूम बेचे जा सकते हैं। प्रसंस्करण (जैसे मशरूम पाउडर, अचार) से आय और बढ़ाई जा सकती है।

लकड़ी के बोटे में ड्रिल करके मशरूम की खेती एक नया और लाभकारी व्यवसाय है। यह तकनीक कम लागत, कम जगह, और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम उगाने का अवसर देती है। सही प्रक्रिया, तापमान प्रबंधन, और देखभाल से पशुपालक और युवा उद्यमी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अपने नजदीकी KVK से संपर्क करें, प्रशिक्षण लें, और इस खेती को शुरू करें। यह न केवल आपकी आय बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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