भारत का प्याज निर्यात इस वर्ष नया रिकॉर्ड कायम करने को तैयार है। पिछले वर्ष के 11.5 लाख टन (1.15 मिलियन टन) के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। उत्पादन में 18 फीसदी की वृद्धि, अनुकूल मौसम और विदेशी बाजारों में लगातार मांग के दम पर यह संभव हो रहा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, रबी फसल से 227 लाख मीट्रिक टन (LMT) प्याज का अनुमान है, जो कुल उत्पादन का 70-75 फीसदी है। महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर, पुणे, जलगांव, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है। लगातार कटाई, मजबूत आपूर्ति श्रृंखला, सरकारी बफर स्टॉक और निगरानी ने मूल्य स्थिरता सुनिश्चित की है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसान भाई इन दिनों अच्छे दाम कमा रहे हैं। फार्म गेट पर लाल प्याज का भाव ₹16 से ₹21 प्रति किलो तक चल रहा है। यह वृद्धि निर्यात मांग से आई है, जहाँ लाइट रेड प्याज सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इसकी लंबी शेल्फ लाइफ, समान आकार और बेहतर गुणवत्ता मध्य पूर्व के उपभोक्ताओं को भा रही है।
नासिक का प्याज पाकिस्तान और मिस्र के मुकाबले हल्के तीखेपन और स्वाद के कारण लोकप्रिय है। वहीं, बेल्लारी रोज़ प्याज दक्षिण भारत में सलाद, सांभर जैसी डिशों के लिए पसंदीदा है। अनुकूल मौसम से कंदों का विकास एकसमान हुआ, रंग चमकदार आया और नमी कम रही, जिससे खराबी घटकर 5 फीसदी से नीचे आ गई। इससे घरेलू और निर्यात व्यापारियों को दोगुना फायदा हो रहा है।
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निर्यात सीजन चरम पर
लाल प्याज का निर्यात सीजन अक्टूबर से अप्रैल तक चलता है, जिसमें दिसंबर से फरवरी चरम काल होता है। कुछ क्षेत्रों में असामयिक बारिश से कटाई में देरी हुई और परिवहन लागत बढ़ी, लेकिन अब आपूर्ति पटरी पर है। बाजार भावना सकारात्मक बनी हुई है। दुबई भारत का सबसे बड़ा बाजार है, जहाँ भारतीय लाल प्याज का 70 फीसदी हिस्सा पहुँचता है। सऊदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन, मलेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और इंडोनेशिया से भी मांग स्थिर है। वर्तमान में निर्यात योग्य प्याज की FOB (फ्री ऑन बोर्ड) कीमत ₹29,000 से ₹35,000 प्रति मीट्रिक टन (USD 350-420/MT) के बीच है, जो मजबूत मांग को दर्शाती है।
सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से प्याज पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क हटा दिया, जिससे निर्यात मात्रा सितंबर 2024 के 0.72 LMT से जनवरी 2025 में 1.85 LMT हो गई। यह कदम किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के लिए घरेलू कीमतें काबू में रखने के लिए उठाया गया। वित्त वर्ष 2024-25 में 18 मार्च तक 11.65 LMT निर्यात हो चुका था। APEDA (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) के आंकड़ों के अनुसार, मासिक निर्यात अब 2 LMT तक पहुँच सकता है। इससे किसानों की आय में 15-20 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, लाल प्याज निर्यात से किसानों को राहत मिल रही है। नासिक और एमपी जैसे क्षेत्रों में भाव स्थिर हैं, और विदेशी मांग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है। किसान भाई APEDA पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर निर्यात अवसर तलाशें।
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