आप सभी ने लसोड़ा तो देखा ही होगा। यह एक छोटा हरा फल है, जो कच्चा होने पर चटपटा और पकने पर मीठा स्वाद देता है। इसका अचार भी बहुत पसंद किया जाता है। लसोड़ा न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट है, बल्कि खेती के लिए भी बहुत उपयोगी है। बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है, और यह सूखे इलाकों में भी आसानी से उग जाता है। आज हम जानेंगे कि इसे अपने खेत में कैसे उगाया जा सकता है, ताकि हमारे किसान भाई-बहन इससे फायदा उठा सकें।
जमीन और मौसम की तैयारी
लसोड़ा का पेड़ बहुत मजबूत होता है और इसे उगाने के लिए खास जमीन की जरूरत नहीं होती। अगर आपके खेत की मिट्टी थोड़ी सख्त है या पानी कम उपलब्ध है, तब भी यह अच्छे से बढ़ सकता है। दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। बारिश का मौसम पौधे लगाने के लिए सबसे अच्छा होता है, लेकिन सर्दी और गर्मी में भी इसे लगाया जा सकता है। शुरू में थोड़ा ध्यान देना पड़ेगा, लेकिन बाद में यह कम देखभाल में भी चल जाता है।
पौधा कहाँ से लें और कैसे लगाएं
लसोड़ा का पौधा लेने के लिए आप अपने नजदीकी नर्सरी में जा सकते हैं। वहाँ से अच्छी किस्म, करन लसोड़ा, पारस गोंदा, पुष्कर लोकल, का पौधा आसानी से मिल जाएगा। अगर नर्सरी दूर है, तो पके लसोड़े के फल से बीज निकालकर भी इसे उगाया जा सकता है। खेत को पहले अच्छे से जोत लें। इसके बाद 10-12 फीट की दूरी पर गड्ढे बनाएं। हर गड्ढा लगभग डेढ़ से दो फीट गहरा और चौड़ा होना चाहिए। इसमें गोबर की खाद डालकर मिट्टी के साथ मिलाएं। फिर पौधा या बीज डालकर ऊपर से मिट्टी ढक दें और हल्का पानी डालें। आपकी खेती शुरू हो जाएगी।
देखभाल के आसान उपाय
लसोड़ा का पेड़ ज्यादा देखभाल मांगता नहीं है। शुरुआत में हफ्ते में दो-तीन बार पानी देना काफी है, ताकि जड़ें मजबूत हो सकें। जब पेड़ बढ़ने लगे, तो पानी की जरूरत कम हो जाती है, क्योंकि यह सूखे को भी सहन कर लेता है। खेत में खरपतवार को समय-समय पर हटा दें, ताकि पेड़ को पूरा पोषण मिले। साल में एक बार गोबर की खाद या जैविक खाद डालें, इससे पेड़ स्वस्थ रहेगा। कीटों से बचाव के लिए नीम के पत्तों का पानी बनाकर छिड़काव करें, यह एक कारगर और प्राकृतिक तरीका है।
फल कब मिलेगा और कमाई कैसे होगी
अब बात करते हैं फल और कमाई की। अगर आपने बीज से पौधा लगाया है, तो 5-6 साल में फल आने शुरू होंगे। लेकिन अगर कलम से लगाया है, तो 3-4 साल में ही फल मिलने लगते हैं। एक पेड़ से 40-50 किलो तक लसोड़ा मिल सकता है। बाजार में कच्चा लसोड़ा 50-80 रुपये प्रति किलो और पका हुआ 100 रुपये तक बिकता है। गाँव में अगर मंडी दूर है, तो स्थानीय बाजार में भी इसे बेचा जा सकता है। अचार बनाने वाले और छोटे व्यापारी इसे जल्दी खरीद लेते हैं।
कुछ जरूरी सावधानियाँ
खेती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पौधे को ज्यादा पानी न दें, वरना जड़ें खराब हो सकती हैं। गर्मी में अगर पत्तियाँ सूखने लगें, तो हल्की छाया का इंतजाम करें। फल आने पर पक्षियों और जानवरों से बचाव के लिए पेड़ के पास टीन का डिब्बा बाँधकर हल्की आवाज का जुगाड़ कर सकते हैं। यह आसान और पुराना तरीका है, जो बहुत काम आता है।
लसोड़ा की खेती क्यों करें
लसोड़ा की खेती इसलिए फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मेहनत कम लगती है और मुनाफा अच्छा मिलता है। गाँव में जहाँ पानी की कमी रहती है, वहाँ भी यह पेड़ आसानी से उग जाता है। इसका फल और पत्तियाँ दोनों उपयोगी हैं। बाजार में इसकी मांग भी बढ़ रही है। तो अपने खेत में थोड़ी जगह दें और लसोड़ा की खेती शुरू करें। यह आपके लिए कमाई का एक नया और भरोसेमंद रास्ता बन सकता है।
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