केमिकल वाले टूथपेस्ट इसके आगे फेल! जानिए इस आयुर्वेदिक दातुन के चमत्कारी फायदे

पुराने ज़माने में लोग सुबह उठते ही दातुन से दांत साफ करते थे। न कोई केमिकल, न कोई झंझट केवल प्रकृति का देसी नुस्खा। आज भले ही टूथपेस्ट का ज़माना हो, लेकिन आयुर्वेद भटवास की दातुन को सेहत का खज़ाना बताता है। यह न सिर्फ दांतों को चमकाता है, बल्कि मसूड़ों को मज़बूत करता है, शुगर को कंट्रोल करता है, और कई बीमारियों से बचाता है। बस्ती के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉ. सौरभ कहते हैं कि भटवास की दातुन और पत्तियाँ प्रकृति का वरदान हैं। आइए, जानते हैं कि यह देसी नुस्खा आपकी सेहत को कैसे संवार सकता है।

दातुन की पुरानी रीत

पहले लोग जंगल से टहनियाँ तोड़कर दातुन करते थे। नीम, बबूल, और भटवास की टहनियाँ सबसे ज़्यादा पसंद की जाती थीं। खासकर भटवास की दातुन को दांतों का दोस्त माना जाता था। गाँवों में आज भी लोग इसे इस्तेमाल करते हैं, और उनके दांत मज़बूत और चमकदार रहते हैं। भटवास की टहनी न सिर्फ दांत साफ करती है, बल्कि मुंह को ताज़गी देती है। आयुर्वेद में इसे खास जगह दी गई है, क्योंकि यह बिना किसी केमिकल के सेहत को फायदा पहुँचाती है। अगर आप टूथपेस्ट के साइड इफेक्ट्स से बचना चाहते हैं, तो भटवास की दातुन आज़माएँ।

दांतों और मसूड़ों का रक्षक

आयुर्वेद के मुताबिक, भटवास की दातुन में कसाय और कटु गुण होते हैं, जो दांतों और मसूड़ों को ताकत देते हैं। रोज़ सुबह इसकी ताज़ी टहनी से दातुन करने से दांतों का दर्द, पायरिया, और मसूड़ों की कमज़ोरी दूर होती है। यह मुंह की बदबू को भी जड़ से खत्म करती है। डॉ. सौरभ बताते हैं कि भटवास की दातुन दांतों पर जमी गंदगी को साफ करती है और बैक्टीरिया को बढ़ने नहीं देती। इससे आपका मुंह तरोताज़ा रहता है, और दांत लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं। यह देसी नुस्खा उन लोगों के लिए वरदान है, जो प्राकृतिक तरीके से मुस्कान चमकाना चाहते हैं।

शुगर कंट्रोल का आयुर्वेदिक नुस्खा

भटवास सिर्फ दांतों तक सीमित नहीं इसकी पत्तियाँ मधुमेह (शुगर) वालों के लिए भी कमाल करती हैं। अगर आपका शुगर लेवल बार-बार बढ़ता है, तो भटवास की पत्तियों का रस आज़माएँ। सुबह-शाम खाली पेट 50 से 100 मिलीग्राम रस पिएँ। इसके लिए ताज़ी पत्तियों को पीसकर रस निकालें। यह रस ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है और शरीर को ताकत देता है। लेकिन ध्यान रहे, इसे लेने से पहले अपने वैद्य या डॉक्टर से सलाह लें, ताकि सही मात्रा और तरीका पता हो। यह छोटा सा नुस्खा आपकी सेहत को बड़ा सहारा दे सकता है।

बीमारियों से जंग का हथियार

भटवास की ताकत सिर्फ दांत और शुगर तक नहीं रुकती। इसमें एंटी-मलेरियल गुण होते हैं, जो मलेरिया जैसे रोगों से बचाने में मदद करते हैं। गाँवों में लोग इसे बुखार और मौसमी बीमारियों के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं, आजकल वैज्ञानिक भटवास का कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में उपयोग ढूंढ रहे हैं। इसकी पत्तियाँ और टहनियाँ प्रकृति का ऐसा खज़ाना हैं, जो कई रोगों से लड़ने की ताकत देती हैं। अगर आपके आसपास भटवास का पेड़ है, तो इसे बेकार न समझें यह आपकी सेहत का रखवाला है।

दातुन का सही तरीका

भटवास की दातुन करना आसान है, लेकिन सही तरीका ज़रूरी है। सुबह ताज़ी टहनी तोड़ें, जो न ज्यादा मोटी हो, न ज्यादा पतली। इसके एक सिरे को चबाएँ, ताकि वह ब्रश जैसा बन जाए। फिर इससे दांतों और मसूड़ों को धीरे-धीरे रगड़ें। 5-7 मिनट दातुन करने के बाद मुंह को साफ पानी से धो लें। रोज़ ऐसा करने से दांत चमकेंगे और मसूड़े मज़बूत होंगे। टहनी को हर बार ताज़ी लें, और इस्तेमाल के बाद फेंक दें। अगर भटवास का पेड़ पास में नहीं है, तो गाँव के हर्बल दुकानदारों से पूछें वे आपको सही टहनी दे सकते हैं।

देसी नुस्खा, सेहत का साथी

भटवास की दातुन और पत्तियाँ आयुर्वेद का अनमोल उपहार हैं। यह न सिर्फ आपके दांतों को केमिकल से बचाती है, बल्कि शुगर, मलेरिया, और मसूड़ों की परेशानियों को दूर करती है। गाँवों में आज भी लोग इसकी ताकत पर भरोसा करते हैं, और आप भी इसे आज़मा सकते हैं। जब आपकी मुस्कान चमकेगी और सेहत सुधरेगी, तो प्रकृति का यह तोहफा आपको और करीब लगेगा। तो आज से ही भटवास की दातुन अपनाएँ, और देसी तरीके से अपनी ज़िंदगी को स्वस्थ बनाएँ।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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