लोबिया की खेती है औषधीय फसल जिससे होगी मोटी कमाई, जानें पूरा तरीका

Lobiya Ki Kheti: किसान साथियों, हमारे यहाँ लोबिया को सब्जी और दाल दोनों के लिए जाना जाता है, लेकिन अब ये औषधीय खाद्य पदार्थ के रूप में भी छा रही है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं, जिसकी वजह से बाजार में इसकी डिमांड बढ़ रही है। मार्च का महीना चल रहा है, और अभी खेत तैयार करने का सही वक्त है, ताकि मानसून में बुआई हो सके। लोबिया की खेती आसान है, कम पानी माँगती है और मुनाफा तगड़ा देती है। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि लोबिया की खेती कैसे करें और इसका फायदा कैसे उठाएँ।

लोबिया की खासियत और बाजार की माँग

लोबिया एक ऐसी फसल है, जो खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए गुणकारी है। इसमें 20-25% प्रोटीन होता है, जो डायबिटीज, दिल की बीमारी और वजन घटाने में मदद करता है। अपने इलाके में इसे उगाने का फायदा ये है कि ये औषधीय खाद्य पदार्थों की कंपनियों और हेल्थ स्टोर्स में खूब बिकती है। सूखी लोबिया 80-120 रुपये किलो और हरी फलियाँ 30-50 रुपये किलो तक बिकती हैं। ये सूखा सहन कर लेती है और मिट्टी को नाइट्रोजन भी देती है। हमारे यहाँ इसे सब्जी, चाट या दाल के लिए यूज़ करते हैं, और अब इसकी डिमांड बढ़ने से कमाई का रास्ता खुल गया है।

खेत तैयार करने का देसी ढंग

लोबिया दोमट या बलुई मिट्टी में अच्छी बढ़ती है। खेतों में मार्च में तैयारी शुरू करें। खेत को 2-3 बार जोत लें और प्रति बीघा 4-5 टन गोबर की सड़ी खाद डालें। नीम की खली या वर्मीकम्पोस्ट 1-2 टन मिलाएँ, ये मिट्टी को ताकत देता है। पानी की निकासी का ध्यान रखें, ताकि मानसून में जलभराव न हो। अपने आसपास अगर मिट्टी सख्त हो, तो हल्की जुताई करें। जून-जुलाई में बुआई के लिए खेत तैयार हो जाएगा। ये तरीका सस्ता है और लोबिया की जड़ों को मजबूत करता है, ताकि फलियाँ ढेर सारी लगें।

बुआई और देखभाल का आसान तरीका

लोबिया के बीज बाजार से लें किस्में जैसे पूसा कोमल  या आरका गरिमा बढ़िया हैं। प्रति बीघा 5-6 किलो बीज काफी है। मानसून की पहली बारिश के बाद 45 सेमी की कतार में 20-25 सेमी की दूरी पर बो दें। बीज को 3-4 सेमी गहरा रोपें और हल्की मिट्टी डाल दें। शुरू में हल्का पानी दें। नीम का पानी हर 15 दिन में छिड़कें, ये कीटों से बचाता है। गोबर का घोल (5 किलो 20 लीटर पानी में) महीने में एक बार डालें। खरपतवार हाथ से हटाएँ। फूल आने पर पानी कम करें। ऐसा करने से 50-60 दिन में हरी फलियाँ तैयार हो जाती हैं, और सूखी लोबिया बाद में मिलती है।

पैदावार और कमाई का सीधा हिसाब

लोबिया से एक बीघे में 8-10 क्विंटल हरी फलियाँ और 3-4 क्विंटल सूखी लोबिया निकल सकती है। हरी फलियाँ 30 रुपये किलो से 2,400-3,000 रुपये और सूखी लोबिया 100 रुपये किलो से 30,000-40,000 रुपये देती हैं। कुल कमाई 35-45 हज़ार रुपये तक हो सकती है। बीज और खाद का खर्च 2-3 हज़ार रुपये पड़ता है। अपने इलाके में इसे हेल्थ फूड स्टोर या ऑनलाइन बेचें, तो दाम और बढ़ सकता है। ये फसल मिट्टी को भी फायदा देती है, तो अगली फसल भी लहलहाती है। ये मेहनत का शानदार फल है।

लोबिया से सेहत और जेब दोनों संवारें

अपने आसपास लोबिया की खेती इसलिए खास है, क्यूँकि ये औषधीय गुणों से भरपूर है और बाजार में इसकी कीमत बढ़िया मिलती है। मार्च में तैयारी करें, तो मानसून में फायदा शुरू हो जाएगा। घर में बहनें कहती हैं कि इसका साग और दाल स्वादिष्ट बनती है। तो भाइयों, लोबिया की खेती शुरू करें, सेहत और जेब दोनों संवारें और मोटी कमाई का मज़ा लें। ये फसल आपकी मेहनत को चमकाएगी!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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