Onion Price: महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों में हाहाकार मच गया है। 24 नवंबर 2025 को लासलगांव और नासिक की प्रमुख मंडियों में प्याज के भाव 1,100 से 1,300 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुके हैं, जबकि किसानों की उत्पादन लागत ही 2,000 रुपये क्विंटल है। बेमौसम बारिश ने फसल को बर्बाद कर दिया, जबकि केंद्र सरकार के एक्सपोर्ट प्रतिबंध ने विदेशी बाजार बंद कर दिए। नासिक के 90% से ज्यादा किसान प्रभावित हैं, और अगर जल्द राहत न मिली तो अगले सीजन में प्याज की खेती ही छोड़नी पड़ सकती है। ये संकट सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश की सब्जी आपूर्ति पर असर डाल रहा है।
बारिश ने तोड़ा किसानों का सपना
मई-जून की बेमौसम बारिश ने नासिक, अहमदनगर और नाशिक जिलों में प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। नमी बढ़ने से प्याज की गुणवत्ता गिर गई, और स्टोरेज गोदामों में रखे 50% से ज्यादा माल खराब हो गया। लेट खरीफ प्याज नवंबर-दिसंबर में बाजार में आ रहा है, लेकिन बारिश की वजह से सड़न और काला पड़ना (ब्लैक मिल्ड्यू) शुरू हो गया। नासिक के सडाना गांव के किसान संजय वाघ ने बताया कि उनकी 10 एकड़ फसल में से आधी तो खेत में ही सड़ गई, और बाकी का वजन भी कम हो गया। पुरानी रबी फसल पर भी रोग का असर पड़ा, जिससे किसानों को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है।
एक्सपोर्ट बैन से विदेशी बाजार बंद
केंद्र सरकार के प्याज निर्यात प्रतिबंध ने किसानों की कमर तोड़ दी। बांग्लादेश जैसे देश, जो भारत से 30% प्याज आयात करता था, अब पाकिस्तान की ओर रुख कर चुके हैं। वहां प्याज के दाम 100 टका प्रति किलो तक पहुंच गए, लेकिन भारतीय प्याज बाजार से बाहर हो गया। महाराष्ट्र से दुनिया भर में प्याज जाता था, लेकिन बैन के बाद सप्लाई चेन टूट गई। विशेषज्ञों का कहना है कि ये नीति उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज तो दे रही है, लेकिन किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रही। अगर बैन हटाया जाए तो दाम 2,500 रुपये क्विंटल तक पहुंच सकते हैं, लेकिन फिलहाल कोई राहत के संकेत नहीं।
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बंपर आवक ने दामों को धकेला नीचे
इस सीजन में खरीफ और लेट खरीफ प्याज की आवक 30-35% बढ़ गई, जबकि मांग स्थिर रही। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश से भी प्याज आ रहा है, साथ ही पुराना स्टॉक भी बाजार में उतर आया। नतीजा, ओवर सप्लाई से दाम लुढ़क गए। लासलगांव APMC में गर्मियों का प्याज 1,150 रुपये क्विंटल और लाल प्याज 1,350 रुपये क्विंटल पर बिक रहा है। कुछ किसानों को तो 1,100-1,200 रुपये ही मिल रहे। व्यापारी सस्ते में खरीदकर स्टॉक कर रहे हैं और बाद में आर्टिफिशियल कमी पैदा कर दाम चढ़ा देते हैं। नासिक के बालचंद्र सोनवने जैसे किसान कहते हैं कि अच्छी फसल होने के बावजूद मुनाफा नाममात्र का रह गया।
ये हैं आज के ताजा रेट
- लासलगांव APMC: गर्मियों का प्याज – 1,100-1,200 रुपये/क्विंटल
- लाल प्याज: 1,300-1,350 रुपये/क्विंटल
- नासिक मंडी: औसत भाव 1,150 रुपये/क्विंटल (क्वालिटी के आधार पर) ये दाम रोज गिर रहे हैं, और अगले 10-15 दिनों में और नीचे जाने की आशंका है।
किसानों को कब मिलेगी राहत?
सरकार पर किसानों का गुस्सा भड़क रहा है। एक्सपोर्ट नीति को गलत बताते हुए मांग उठ रही है कि बैन हटाया जाए और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए। महाराष्ट्र सरकार ने स्टोरेज सब्सिडी की बात कही है, लेकिन अभी कोई ठोस कदम नहीं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिसंबर तक नई फसल की आवक बढ़ने से दाम और गिर सकते हैं, लेकिन अगर एक्सपोर्ट खुला तो उछाल आ सकता है। किसान भाइयों, अभी फसल बेचने से पहले लोकल मंडी चेक करें और सरकारी हेल्पलाइन से संपर्क करें।