Mahogany Tree Farming: उत्तर प्रदेश के किसानों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मुश्किलों के बीच महोगनी का पेड़ उम्मीद की नई किरण बनकर आया है। विशेषज्ञ कहते हैं कि महोगनी न सिर्फ लंबे वक्त तक मोटी कमाई का जरिया बन सकता है, बल्कि पर्यावरण को भी बचा सकता है। अगर आप अपने खेतों में महोगनी के पौधे लगाएँ, तो 10-12 साल में मालामाल हो सकते हैं।
इसकी लकड़ी की कीमत 40,000 से 50,000 रुपये प्रति पेड़ तक होती है, और विदेशों में भी इसकी भारी डिमांड है। जहाज, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियाँ बनाने में ये लकड़ी काम आती है। खास बात ये कि पानी से ये खराब नहीं होती और सालों तक टिकी रहती है। खेत के किनारे इसे लगाकर भी आप कमाई बढ़ा सकते हैं। चलिए, महोगनी की खेती का पूरा तरीका और फायदे समझते हैं।
महोगनी का पेड़: खासियत और जलवायु- Mahogany Tree Farming
महोगनी तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है, जो 50 से 150 फीट तक ऊँचा हो सकता है। इसे बर्फबारी वाले इलाकों को छोड़कर कहीं भी उगाया जा सकता है। किसी भी तरह की मिट्टी में ये चल जाता है, लेकिन दोमट मिट्टी में इसका विकास सबसे शानदार होता है। ICAR की सलाह है कि इसे खेत के किनारे या बंजर जमीन पर लगाने से ज़मीन का सही इस्तेमाल होता है। ये पेड़ गर्मी, बरसात और ठंड को सह लेता है, बस बहुत ठंडे पहाड़ी इलाकों से बचाइए। इसकी जड़ें गहरी जाती हैं, जो मिट्टी को मज़बूत करती हैं और पानी को सोखने में मदद करती हैं।
खेती का तरीका और देखभाल
महोगनी का पौधा नर्सरी में 50-70 रुपये में मिल जाता है। इसे लगाने के लिए पौधे से पौधे की दूरी 7-8 फीट रखिए, ताकि हर पेड़ को बढ़ने की जगह मिले। खेत तैयार करने के लिए 2-3 फीट गहरा गड्ढा खोदिए, उसमें 5-7 किलो गोबर खाद और मिट्टी मिलाइए। बरसात की शुरुआत यानी जून-जुलाई में पौधे लगाइए, ताकि जड़ें मज़बूत हो जाएँ। पहले साल हफ्ते में 2-3 बार हल्की सिंचाई करिए, फिर बारिश पर निर्भर रहिए। ICAR कहता है कि पहले 2-3 साल खरपतवार साफ करते रहिए और पेड़ के चारों तरफ मिट्टी चढ़ाइए। इसके बाद ये अपने आप बढ़ता है। कीट-रोग कम लगते हैं, लेकिन दीमक से बचाने के लिए नीम तेल का छिड़काव कर सकते हैं।
कमाई का हिसाब
महोगनी की लकड़ी की कीमत ही इसकी ताकत है। 10-12 साल में एक पेड़ 40,000-50,000 रुपये तक बिकता है। मान लीजिए, आप 1 हेक्टेयर में 400 पेड़ लगाते हैं, तो 12 साल बाद 1.6-2 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है। शुरू में लागत सिर्फ 25,000-30,000 रुपये (पौधे, खाद, मज़दूरी) आएगी। सालाना 2-3 हज़ार रुपये देखभाल में लगें, तो भी ये धंधा लाखों का मुनाफा देगा। खेत के किनारे 50 पेड़ भी लगाएँ, तो 20-25 लाख रुपये बनते हैं। बीजों से तेल, छाल और पत्तियों से दवा बनाकर और कमाई बढ़ सकती है।
पर्यावरण को फायदा
महोगनी का पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड सोखकर हवा में ऑक्सीजन बढ़ाता है। एक बड़ा पेड़ सालाना 20-25 किलो CO2 सोख सकता है। ये मिट्टी की उर्वरता बरकरार रखता है और कटाव रोकता है। पक्षी और कीट-पतंगों के लिए आश्रय देता है, जिससे जैव विविधता बढ़ती है। ICAR की रिपोर्ट कहती है कि महोगनी जैसे पेड़ जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते हैं। खेत में इसे लगाने से दूसरी फसलों को भी छाया मिलती है।
औषधीय और अन्य इस्तेमाल
महोगनी की लकड़ी के अलावा इसकी छाल और पत्तियाँ औषधीय दवाओं में काम आती हैं बुखार, डायबिटीज और सूजन में फायदा देती हैं। बीजों से तेल निकालकर मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स और कीटनाशक बनते हैं। ये सब बेचकर भी कमाई हो सकती है। विदेशों में इसकी लकड़ी की डिमांड बढ़ रही है, तो एक्सपोर्ट का रास्ता भी खुला है।
2025 में शुरू करें धंधा
भाइयों, 2025 में महोगनी की खेती शुरू करिए। ये लंबी कमाई का जरिया है, जो 10-12 साल बाद करोड़पति बना सकता है। खेत के किनारे या बंजर जमीन पर लगाइए, पर्यावरण बचाइए और जेब भरिए। सरकार की वृक्षारोपण योजनाओं से सब्सिडी भी ले सकते हैं। ICAR की सलाह है कि इसे दूसरी फसलों के साथ मिलाकर लगाएँ, ताकि सालाना आय भी चलती रहे। मेहनत करिए, मालामाल होइए!
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