कीजिए ऐसे पेड़ की खेती जिसका हर हिस्सा बेंच सकते हैं, फुल, फल, छाल,लकड़ी। सालाना कमाई होगी 3 लाख

प्यारे किसान भाइयों, महुआ एक ऐसा पेड़ है, जो कम मेहनत में जबरदस्त लाभ देता है। इसका वैज्ञानिक नाम मधुका लॉन्गिफोलिया है, और ये भारत के जंगलों, मैदानों में खूब पाया जाता है। महुआ के फूल, फल, बीज, छाल, हर हिस्सा काम आता है, फूल से शराब, मिठाई बनती है, फल की सब्जी बनती है, बीज से तेल निकलता है। ये पेड़ सूखे में भी उग जाता है, और एक बार लग जाए, तो सालों तक कमाई देता है। बाजार में इसकी डिमांड बढ़ रही है, तो चलिए, जानते हैं कि महुआ की खेती कैसे करें, और इससे मुनाफा कैसे पाएं।

महुआ की खेती की खासियत

महुआ का पेड़ 20-25 मीटर तक बढ़ता है, और 20-25 साल में फल देना शुरू करता है। एक पेड़ सालाना 20-200 किलो बीज दे सकता है, जो उम्र पर निर्भर करता है। इसके फूल मार्च-अप्रैल में गिरते हैं, जिन्हें इकट्ठा कर बेचा जा सकता है। ये पेड़ कम पानी में भी चल जाता है, और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है। रोग कम लगते हैं, देखभाल आसान है। एक एकड़ में 100-150 पेड़ लगा सकते हैं, और ये लंबे समय तक फायदा देते हैं। औषधीय गुणों की वजह से भी इसकी कीमत बढ़ती जा रही है।

बीज और रोपण का तरीका

महुआ की खेती शुरू करने के लिए बीज चाहिए, जो नजदीकी वन विभाग, नर्सरी या ऑनलाइन इंडिया मार्ट से मिल सकते हैं। स्वस्थ, पके फलों से बीज लें, इन्हें जून-जुलाई में बोना सही है। बीज को 24 घंटे पानी में भिगोएं, फिर 1-2 सेंटीमीटर गहराई पर बो दें। पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी बनाएं, 6-12 महीने में पौधे खेत में लगाने लायक हो जाते हैं। खेत में 6×6 मीटर की दूरी पर गड्ढे खोदें, प्रति गड्ढा 5-6 किलो गोबर की खाद डालें। बारिश शुरू होते ही पौधे लगाएं, शुरू में हल्का पानी दें।

खेत की तैयारी और देखभाल

महुआ हर मिट्टी में उगता है, दोमट, रेतीली मिट्टी इसके लिए बेस्ट है। खेत की दो-तीन बार जुताई करें, पानी निकासी का ध्यान रखें। शुरू में पौधों को हर 7-10 दिन में पानी दें, बड़े होने पर बारिश काफी है। खरपतवार हटाने के लिए साल में दो बार गुड़ाई करें, कीटों से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) छिड़कें। पहले 2-3 साल छायादार पौधे जैसे मूंग, उड़द साथ में बो सकते हैं, इससे मिट्टी मजबूत होगी। पेड़ बड़ा हो, तो देखभाल कम लगती है।

उत्पादन और कटाई

महुआ के फूल 20-25 साल बाद शुरू होते हैं, मार्च-अप्रैल में गिरते हैं, इन्हें सुबह जल्दी इकट्ठा करें। फल जून-जुलाई में पकते हैं, पके फल अपने आप गिरते हैं, इन्हें चुन लें। बीज निकालने के लिए फल सुखाएं, फिर तोड़कर गिरी निकालें। एक एकड़ से 2-3 टन फूल, 1-2 टन बीज मिल सकते हैं। फूल सुखाकर भी बेच सकते हैं, तेल निकालने के लिए बीज प्रोसेस करें। कटाई आसान है, मेहनत कम लगती है, और सालों तक चलती है।

जबरदस्त लाभ कैसे मिलेगा

महुआ से कमाई के कई रास्ते हैं, सूखे फूल 50-60 रुपये किलो बिकते हैं, एक एकड़ से 1-1.5 लाख की कमाई हो सकती है। बीज 30-40 रुपये किलो, तेल 100-150 रुपये लीटर मिलता है। फल की सब्जी लोकल मार्केट में 20-30 रुपये किलो बिकती है। शराब बनाने वाले, मिठाई उद्योग, तेल मिलें इसकी बड़ी खरीदार हैं। एक एकड़ से शुरू में 50-70 हजार, बाद में 2-3 लाख सालाना मुनाफा संभव है। लागत कम है, 10-15 हजार में खेती शुरू हो जाती है। लकड़ी भी बेच सकते हैं, जो फर्नीचर में काम आती है।

सावधानियाँ और टिप्स

पानी ज्यादा न रुके, जड़ें सड़ सकती हैं, शुरू में पौधों को जानवरों से बचाएं। जैविक खाद डालें, रसायन कम इस्तेमाल करें। बीज, पौधे अच्छी क्वालिटी के लें, वन विभाग से सलाह लें। छोटे स्तर से शुरू करें, 10-20 पेड़ लगाएं, फिर बढ़ाएं। सरकार की वन योजना से सब्सिडी लें, लागत और कम होगी। फूल, फल जल्दी बेचें, ताजगी बनी रहेगी। बेकरी, आयुर्वेदिक दवा कंपनियों से संपर्क करें, डिमांड बढ़ेगी।

महुआ की खेती किसानों के लिए वरदान है, कम मेहनत में ये सालों तक मुनाफा देता है। फूल, फल, बीज, तेल से कई रास्तों से कमाई होती है। इसे अपने खेत में लगाएं, सही देखभाल करें, और देखें कैसे ये पेड़ आपकी मेहनत को सोने में बदलता है। प्रकृति का ये तोहफा लंबे समय तक साथ देगा, आज शुरू करें, कल लाभ पाएं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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