Rooftop Farming Yojana : शहर में रहने वाले भाइयों-बहनों, अब घर की छत को खाली मत छोड़िए। सरकार ने “छत पर बागवानी योजना” शुरू की है, ताकि आप ताजे फल, फूल, और सब्जियाँ अपने हाथों से उगा सकें। पटना, भागलपुर, गया, और मुजफ्फरपुर के शहरी इलाकों में ये योजना धूम मचा रही है। दो रास्ते हैं – फार्मिंग बेड और गमले की योजना। कुल खर्च का 75% सरकार देगी, बाकी थोड़ा आप डालिए। छत को हरा-भरा करिए, और ताजी फसल थाल में लाइए। चलिए, इसकी पूरी कहानी समझते हैं।
फार्मिंग बेड: छत पर बड़ा बगीचा
अगर आपकी छत पर 300 वर्ग फीट जगह है, तो फार्मिंग बेड योजना आपके लिए बनी है। इसमें कुल खर्च 48,574 रुपये का है। सरकार 75% यानी 36,430.50 रुपये अनुदान देगी, और आपको सिर्फ 12,143.50 रुपये देने होंगे। अपने मकान के मालिक दो इकाइयाँ ले सकते हैं। अपार्टमेंट वालों को सोसाइटी से हरी झंडी चाहिए। स्कूल, कॉलेज, या बड़े संस्थानों को पाँच इकाइयाँ तक मिलेंगी। ये योजना छत को बगीचे में बदल देगी, और फल-सब्जियाँ घर में लाएगी।
फार्मिंग बेड का पूरा सामान
इस योजना में आपको खेती का सारा सामान मिलेगा। 40 वर्ग फीट का पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम, जिसमें 30 वर्ग फीट चलने की जगह होगी। 9 महीने की ऑर्गेनिक गार्डनिंग किट, जिसमें खाद और बीज शामिल हैं। 6 फलदार पौधों के बैग – जैसे नींबू, आम, या अमरूद। 5 राउंड बैग पालक या दूसरी सब्जियों के लिए। ड्रिप सिस्टम, मोटर, बाल्टी, और स्प्रेयर भी साथ में। 18 महीनों तक हर महीने ऑन-साइट मदद मिलेगी, ताकि खेती में कोई दिक्कत न आए। बस छत तैयार करिए, और हरियाली शुरू।
गमले की योजना: छोटी छत का बड़ा कमाल
अगर छत छोटी है, तो गमले की योजना चुनिए। प्रति इकाई खर्च 8,975 रुपये, जिसमें सरकार 6,731.25 रुपये देगी। आपको सिर्फ 2,243.75 रुपये जेब से डालने होंगे। एक शख्स पाँच इकाइयाँ ले सकता है, मगर स्कूल-कॉलेज जैसे संस्थानों के लिए ये नहीं है। गमलों में फल, औषधीय पौधे, फूल, और सजावटी पेड़-पौधे उगा सकते हैं। बालकनी या छत के कोने को हरा करिए, और ताजी खुशबू घर में भरिए।
गमलों से घर की शान
गमले की योजना में ढेर सारा सामान है। फलदार पौधों में आम, अमरूद, नींबू, चीकू, केला, सेब बेर – 5 तक चुनिए। औषधीय में पुदीना, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, स्टीविया, करी पत्ता, लेमन ग्रास, वसक – 5 तक। फूलों में गुलाब, चमेली, हिबिस्कस, टैगोर, आलमोंडा, बोगनवेलिया – 10 तक। सजावटी में अरेका पाम, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, क्रोटन, सिंगोनियम, क्रिसमस प्लांट – 10 तक। गमले रखिए, और घर को महकाइए।
हर वर्ग को मौका, महिलाओं को तरजीह
इस योजना में सबको हिस्सा मिलेगा। 78.6% सामान्य वर्ग, 20% अनुसूचित जाति, और 1.4% अनुसूचित जनजाति के लिए जगह है। महिलाओं को 30% प्राथमिकता दी जाएगी। चाहे आप मकान मालिक हों, किरायेदार हों, या अपार्टमेंट में रहें, छत को बगीचे में बदलने का मौका सबके लिए है। सरकार शहरों को हरा-भरा करना चाहती है, और आपकी थाली को ताजा रखना चाहती है।
कैसे लगाएँ हाथ इस योजना पर
इसका लाभ लेने के लिए बिहार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट (horticulture.bihar.gov.in) पर जाइए। ऑनलाइन फॉर्म भरिए। फार्मिंग बेड के लिए 12,143.50 रुपये या गमले के लिए 2,243.75 रुपये जमा करिए। अपार्टमेंट वालों को सोसाइटी से एनओसी लानी होगी। पैसा जमा होते ही सरकारी अफसर छत देखेंगे, सामान पहुँचाएँगे, और खेती शुरू करवाएँगे। फॉर्म में नाम, पता, और छत की डिटेल साफ लिखिए, ताकि कोई अड़चन न आए।
छत से कमाई का खेल
फार्मिंग बेड से 300 वर्ग फीट में सालभर में 50-60 हजार की सब्जियाँ-फल उग सकते हैं। 12 हजार खर्च कर 40-50 हजार का फायदा। गमले की 5 इकाइयाँ लीजिए, 11 हजार खर्च कर 20-25 हजार की फसल पाइए। ताजी सब्जियाँ घर में खाइए, बची हुई बेचिए। फूल और औषधीय पौधे बेचकर भी कमाई हो सकती है। सरकार की 75% मदद से छत सोने की खान बनेगी।
खेती शुरू करने के टिप्स
छत मजबूत हो, पानी की निकासी का इंतजाम करिए। फार्मिंग बेड को धूप वाली जगह रखिए। गमलों में मिट्टी हल्की रखिए, गोबर खाद मिलाइए। ड्रिप सिस्टम सही चलाइए, पानी बर्बाद न हो। पौधों की देखभाल के लिए सरकारी मदद लीजिए। फसल तैयार हो, तो मोहल्ले में बेचकर देखिए, दाम अच्छा मिलेगा। अपार्टमेंट वालों सोसाइटी से पहले बात कर लीजिए।
तो भाइयों-बहनों, छत पर बागवानी का मौका मत छोड़िए। फार्मिंग बेड हो या गमला, 75% मदद लेकर हरियाली फैलाइए। ताजा फल-सब्जियाँ उगाइए, घर सजाइए, और कमाई भी करिए। छत से हरियाली शुरू कर दीजिए, फायदा आपके हाथ में होगा!
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