इस फल की कीमत ₹800 किलो! खेती शुरू करें आज से, मुनाफा गिनते रहेंगे सालों-साल

Mamra Badam Ki Kheti: मुरादाबाद के खेत-खलिहान आजकल नई फसलों की खुशबू से महक रहे हैं। यहाँ के किसान भाई पारंपरिक खेती के साथ-साथ कुछ नया आजमाने में जुटे हैं। ऐसा ही एक नया और मुनाफे वाला प्रयोग है ममरा बादाम की खेती, जिसे रॉयल बादाम भी कहते हैं। मुरादाबाद की कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक मेहंदी रता बताते हैं कि यह किस्म एक बार लगाओ और सालों तक मुनाफा कमाओ का शानदार मौका देती है। बाजार में ममरा बादाम 750 से 800 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। आइए जानते हैं कि इसकी खेती कैसे आपके खेतों को सोना उगलने वाला बना सकती है।

ममरा बादाम: खास किस्म, बड़ा मुनाफा

ममरा बादाम कोई साधारण फसल नहीं है। यह ईरान, अफगानिस्तान और कश्मीर की घाटियों में उगाई जाने वाली खास किस्म है। इसके छोटे, चमकदार और स्वादिष्ट दाने बाजार में बाकी बादामों से अलग पहचान रखते हैं। मुरादाबाद के किसानों के लिए यह किस्म इसलिए खास है, क्योंकि यह कम मेहनत में बंपर कमाई देती है। एक एकड़ में इसकी खेती से लाखों रुपये की कमाई हो सकती है।

डॉ. दीपक बताते हैं कि एक बार पेड़ लगाने के बाद यह 4-5 साल में फल देना शुरू करता है और फिर सालों तक मुनाफा देता रहता है। एक पेड़ से हर साल 2-2.5 किलो बादाम मिल सकते हैं, जो बाजार में ऊँची कीमत पर बिकता है।

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खेती के लिए सही मिट्टी और तैयारी

ममरा बादाम की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई-चिकनी या दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। खेती26#रोपाई से पहले पौधों को नर्सरी में तैयार करें। नर्सरी में 6-8 महीने तक पौधे तैयार किए जाते हैं, फिर उन्हें खेत में रोपें। रोपाई के लिए 5-8 मीटर की दूरी पर 2-3 फीट गहरे गड्ढे खोदें। गड्ढों में गोबर की खाद और केंचुआ खाद डालें, ताकि मिट्टी को पोषण मिले। रोपाई के बाद पेड़ों को नियमित पानी दें, लेकिन ज्यादा पानी ना ठहरे।

खेती के आसान टिप्स

ममरा बादाम की खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जाँच करवाएँ। नर्सरी में पौधे तैयार करते समय बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करें, ताकि रोग ना लगें। रोपाई के बाद हफ्ते में एक बार हल्की सिंचाई करें। मधुमक्खी पालन को साथ में अपनाएँ, क्योंकि यह परागण बढ़ाता है और उपज में इजाफा करता है। पेड़ों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशक, जैसे नीम का तेल, इस्तेमाल करें। 4-5 साल बाद जब पेड़ फल देने लगें, तो फलों को सावधानी से तोड़ें और सुखाएँ। सही देखभाल से एक एकड़ में 200-250 किलो बादाम मिल सकता है, जो बाजार में ऊँची कीमत पर बिकता है।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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