Mango Export: किसान भाइयों, अब आपके खेतों की मिठास दुनिया भर में महक रही है! उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहमानखेड़ा से दशहरी आम की 1200 किलोग्राम की खेप पहली बार सीधे दुबई भेजी गई है। यह खबर न सिर्फ लखनऊ के किसानों के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू हुआ कृषि निर्यात का अभियान अब नई ऊँचाइयों को छू रहा है। इस ऐतिहासिक कदम से उत्तर प्रदेश के आम उत्पादक वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना रहे हैं। आइए जानें कि कैसे लखनऊ का दशहरी आम दुबई तक पहुँचा और इसके पीछे की कहानी क्या है।
दशहरी आम की दुबई यात्रा
लखनऊ का दशहरी आम अपनी मिठास और खुशबू के लिए मशहूर है। इस बार, रहमानखेड़ा के मैंगो पैक हाउस से 1200 किलोग्राम दशहरी आम का कन्साइनमेंट हवाई मार्ग से दुबई भेजा गया। इस खेप में 400 पैक थे, जिनमें प्रत्येक पैक का वजन 3 किलोग्राम था। इस कन्साइनमेंट की कुल कीमत 2992 अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.5 लाख रुपये) है। दुबई की आयातक कंपनी वरग्रो ट्रेडिंग एलएलसी ने इस ऑर्डर को पूरा किया। यह पहली बार है जब लखनऊ के दो किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) ने सीधे दुबई को आम निर्यात किया है। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक मील का पत्थर है, जो अब वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना रहे हैं।
योगी सरकार का कृषि निर्यात को बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा किसानों की उन्नति को प्राथमिकता दी है। उनकी सरकार ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। लखनऊ के मैंगो पैक हाउस जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से लेकर किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानकों की ट्रेनिंग तक, योगी सरकार हर कदम पर किसानों के साथ है। इस बार, इंडो-जर्मन एग्रीमार्केट डेवलपमेंट (एएमडी) प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ क्षेत्र के तीन एफपीओ को चुना गया। इनमें इरादा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और मलिहाबाद फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने दुबई से सीधा ऑर्डर हासिल किया। इन एफपीओ को निर्यात के लिए प्रशिक्षण, गुणवत्ता प्रमाणन, और पैकेजिंग में सहायता दी गई, जिसके चलते यह ऐतिहासिक निर्यात संभव हुआ।
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किसानों की मेहनत को नई पहचान
उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, और कृषि विदेश व्यापार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने इस कन्साइनमेंट को दुबई के लिए हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के किसान वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पहचान बनाएँ। यह निर्यात न सिर्फ आमों की बिक्री है, बल्कि हमारे किसानों की मेहनत और सपनों को पंख देने का मौका है।” इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के सचिव इंद्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव टी.के. शिबु, और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) लखनऊ के निदेशक मौजूद थे। इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट की जयपुर टीम ने भी इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई।
दशहरी आम की खासियत
लखनऊ का दशहरी आम अपनी रेशा-रहित मिठास और अनोखी खुशबू के लिए दुनिया भर में मशहूर है। मलिहाबाद, जिसे ‘मैंगोलैंड’ के नाम से जाना जाता है, दशहरी आम का गढ़ है। यहाँ की मिट्टी और मौसम दशहरी को खास बनाते हैं। सरकार ने दशहरी आम को जियो टैगिंग देकर इसकी पहचान को और मजबूत किया है। इसकी मांग न सिर्फ भारत में, बल्कि दुबई, जापान, और अमेरिका जैसे देशों में भी बढ़ रही है। दशहरी की इस खेप को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से पैक किया गया, जिसमें फूड सेफ्टी और गुणवत्ता के लिए GAP और FSSAI प्रमाणन शामिल थे।
एफपीओ की भूमिका और प्रशिक्षण
इस निर्यात की सफलता का श्रेय लखनऊ के दो एफपीओ—इरादा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी और मलिहाबाद फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी—को जाता है। इन एफपीओ ने पहली बार अपने दम पर दुबई को आम निर्यात किया। इंडो-जर्मन एएमडी प्रोजेक्ट ने इन्हें निर्यात की प्रक्रिया, पैकेजिंग, और गुणवत्ता नियंत्रण की ट्रेनिंग दी। इसके अलावा, मैंगो पैक हाउस ने आधुनिक तकनीक से पैकिंग और ग्रेडिंग की सुविधा दी, जिससे आमों की गुणवत्ता बरकरार रही। यह मॉडल अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा है कि वे संगठित होकर वैश्विक बाजार में कदम रख सकते हैं।
लखनऊ का दशहरी आम अब दुबई के बाजारों में अपनी मिठास बिखेर रहा है। यह योगी सरकार और किसानों की मेहनत का नतीजा है। अपने खेतों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए आज ही कदम उठाएँ और इस क्रांति का हिस्सा बनें।
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