Mango Farming Tips : आम का पेड़ हर किसान के लिए अनमोल है। ये न सिर्फ स्वादिष्ट फल देता है, बल्कि उनकी कमाई का बड़ा ज़रिया भी है। लेकिन अगर इस पर दीमक का हमला हो जाए, तो सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। दीमक मिट्टी में तेज़ी से फैलने वाला कीट है, जो आम के पेड़ की जड़ों में घुसकर उसे खोखला कर देता है।
इससे पेड़ की बढ़त रुक जाती है, फल कम लगते हैं और अगर समय पर काबू न किया जाए, तो पेड़ सूखकर बर्बाद हो सकता है। किसानों के लिए ये नुकसान किसी बड़े झटके से कम नहीं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं, सही उपायों से दीमक को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कि दीमक का प्रकोप क्या है और इसे कैसे कंट्रोल करें।
दीमक का प्रकोप: पेड़ों का छिपा दुश्मन
दीमक मिट्टी में तेज़ी से फैलती है और आम के पेड़ की जड़ों को अपना निशाना बनाती है। ये कीट जड़ों में घुसकर उन्हें खा जाती है, जिससे पेड़ को पानी और पोषण नहीं मिल पाता। नतीजा ये होता है कि पेड़ की ग्रोथ रुक जाती है और फल का उत्पादन कम हो जाता है। अगर दीमक को वक्त रहते कंट्रोल न किया जाए, तो पेड़ धीरे-धीरे खोखला होकर सूख जाता है। ये नुकसान किसानों के लिए बहुत भारी पड़ता है, क्योंकि आम का बगीचा उनकी सालों की मेहनत का फल होता है। इसलिए दीमक को रोकना बेहद जरूरी है, वरना ये छोटा सा कीट बड़े सपनों को चट कर सकता है।
दीमक की रोकथाम के रासायनिक उपाय
दीमक से छुटकारा पाने के लिए रासायनिक उपाय तेज़ और असरदार हैं। इसके लिए क्लोरोपायरिफॉस 50% (CHLORPYRIPHOS 50%) का इस्तेमाल करें। इस दवा को 2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल लें। फिर आम के पेड़ की जड़ों के आसपास मिट्टी को खुरपी से थोड़ा खोदें और इस घोल को वहाँ डाल दें। ये दवा दीमक को फौरन खत्म कर देती है और पेड़ को राहत मिलती है। इससे पेड़ की बढ़त फिर से शुरू हो जाती है। ये तरीका जल्दी असर दिखाता है और किसानों के लिए आसान भी है। बस इसे सावधानी से इस्तेमाल करें, ताकि मिट्टी और पेड़ को नुकसान न हो।
दीमक की रोकथाम के जैविक उपाय
अगर आप रसायनों से बचना चाहते हैं, तो जैविक उपाय भी बहुत कारगर हैं। इसके लिए बावेरिया बेसियाना (Bavaria Bassiana) का इस्तेमाल करें। ये एक प्राकृतिक उत्पाद है, जो दीमक को खत्म करता है। इसे गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मीकंपोस्ट में मिलाएँ। फिर आम के पेड़ की जड़ों के पास मिट्टी खोदकर इस मिश्रण को डाल दें और हल्का पानी छिड़क दें। ये तरीका धीरे-धीरे दीमक को नष्ट करता है और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखता है। ये जैविक उपाय न सिर्फ पेड़ के लिए अच्छा है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी बरकरार रखता है। किसानों के लिए ये एक सस्ता और सुरक्षित रास्ता है।
दीमक से बचाव के आसान सुझाव
दीमक को रोकने के लिए कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। मिट्टी की नियमित जाँच करें, क्योंकि दीमक नमी और अंधेरे में तेज़ी से बढ़ती है। मिट्टी को सूखा रखने की कोशिश करें। आम के पेड़ों को ज्यादा पानी न दें, क्योंकि ओवरवाटरिंग से दीमक का खतरा बढ़ता है। सही मात्रा में सिंचाई करें। बगीचे की सफाई भी बहुत ज़रूरी है। गिरे हुए पत्तों और पुरानी शाखाओं को हटाएँ, क्योंकि ये दीमक के लिए छिपने की जगह बन सकते हैं। इन छोटे कदमों से दीमक को दूर रखा जा सकता है।
सही देखभाल से बगीचा सुरक्षित
आम के बगीचे में दीमक का प्रकोप एक बड़ी मुसीबत बन सकता है, लेकिन सही वक्त पर सही कदम उठाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। चाहे रासायनिक तरीका हो या जैविक, दोनों ही दीमक को रोकने में कारगर हैं। किसानों को अपने बगीचे की समय-समय पर देखभाल करनी चाहिए और दीमक से बचाव के इन उपायों को अपनाना चाहिए। इससे न सिर्फ उनका बगीचा बचेगा, बल्कि अच्छे फल और मुनाफे के रूप में उनकी मेहनत का फल भी मिलेगा। दीमक छोटी है, लेकिन इसका नुकसान बड़ा हो सकता है। सही जानकारी और सावधानी से इसे आसानी से हराया जा सकता है।
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