मार्च में करिए इस लोकप्रिय सब्जी की बुआई, एक एकड़ से कमाइए 5 लाख, 4 महीने तक देता है लगातार फल

 Parwal ki kheti : परवल की खेती करना किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है। परवल उगाने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती और यह कम समय में तैयार हो जाता है। इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, और मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। गर्म जलवायु और बारिश का मौसम परवल की खेती के लिए बिल्कुल सही होता है। बीज बोने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करके उसमें गोबर की खाद मिला देनी चाहिए।

खेती की तैयारी और बुवाई

परवल की खेती (Parwal ki kheti) शुरू करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है। खेत की गहरी जुताई करके उसमें गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें। बीज बोने का सही समय फरवरी से मार्च या जून से जुलाई का महीना होता है। उत्तर भारत में यह अक्तूबर के महीने में इसके डंठल को जमीन में गाड कर लगाया जाता है,  बीज को 2-3 सेमी की गहराई में बोएं और पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें ताकि उन्हें फैलने के लिए जगह मिल सके।

सिंचाई

परवल के पौधों को नियमित रूप से पानी देना जरूरी है, खासकर गर्मी के मौसम में हर 4-5 दिन में सिंचाई करें। खरपतवार को समय-समय पर निकालते रहें और पौधों को सहारा देने के लिए बांस या लकड़ी की ट्रेलिस बना दें।बांस का छप्पर बना देने से या रस्सी का मचान बना देने से पौधों का ग्रोथ अच्छा होता है , अच्छी पैदावार के लिए खेत में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें और जरूरत के हिसाब से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश जैसे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।

कीट और रोगों के उपाय 

परवल के (Parwal ki kheti) पौधों को कीट और रोगों से बचाने के लिए नीम का तेल या गोमूत्र का छिड़काव करना फायदेमंद होता है। अगर कीट ज्यादा हों, तो कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसका कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। फसल को फंगल इंफेक्शन से बचाने के लिए समय-समय पर निगरानी करते रहें।

मुनाफा

परवल की फसल बोने के 2-3 महीने बाद तैयार हो जाती है। जब परवल का आकार मध्यम हो जाए और रंग हरा दिखने लगे, तो उसे तोड़ लेना चाहिए। फसल को सावधानी से तोड़ें ताकि पौधे को नुकसान न पहुंचे। एक एकड़ खेत से लगभग 80-100 क्विंटल परवल की पैदावार हो सकती है, और बाजार में इसकी कीमत अच्छी मिलती है। इस तरह, परवल की खेती (Parwal ki kheti) करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यह खेती छोटे और मध्यम किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प है, जो कम लागत में अच्छा लाभ दे सकती है।

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment