March Me Kaun Si Sabji Lagaye: मार्च का महीना गर्मी की शुरुआत का समय होता है, जब मौसम धीरे-धीरे गर्म होने लगता है। यह समय किसानों और बागवानी करने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय कई सब्जियों की बुवाई और रोपाई की जा सकती है। मार्च में लगाई गई सब्जियां गर्मी के मौसम में अच्छी पैदावार देती हैं। यहां हम उन सब्जियों के बारे में चर्चा करेंगे जो मार्च में लगाने से अधिक फायदा दे सकती हैं।
खीरा और ककड़ी
खीरा और ककड़ी गर्मी के मौसम की मुख्य सब्जियां हैं। इन्हें मार्च में लगाने से अच्छी पैदावार मिलती है। खीरा और ककड़ी को उगाने के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इनकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है। खीरा और ककड़ी को बीज के माध्यम से लगाया जा सकता है और इन्हें लगभग 45-60 दिनों में तैयार किया जा सकता है।
लोबिया
लोबिया एक फलियां वाली सब्जी है जो गर्मी के मौसम में अच्छी तरह से उगती है। इसे मार्च में लगाया जा सकता है। लोबिया की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 60-70 दिनों में तैयार किया जा सकता है। लोबिया में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो इसे एक पौष्टिक सब्जी बनाती है।
करेला
करेला गर्मी के मौसम की सब्जी है और इसे मार्च में लगाने से अच्छी फसल मिलती है। करेले की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 60-70 दिनों में तैयार किया जा सकता है। करेले में कई औषधीय गुण होते हैं, जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं।
लौकी
लौकी भी गर्मी के मौसम में अच्छी तरह से उगती है। इसे मार्च में लगाने से अधिक फायदा होता है। लौकी की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 50-60 दिनों में तैयार किया जा सकता है। लौकी में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो इसे गर्मी के मौसम में एक ताज़गी देने वाली सब्जी बनाती है।
तुरई
तुरई गर्मी के मौसम की सब्जी है और इसे मार्च में लगाने से अच्छी पैदावार मिलती है। तुरई की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 50-60 दिनों में तैयार किया जा सकता है। तुरई में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाती है।
पेठा (कुम्हड़ा)
पेठा गर्मी के मौसम में अच्छी तरह से उगता है। इसे मार्च में लगाया जा सकता है। पेठा की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 60-70 दिनों में तैयार किया जा सकता है। पेठा में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है, जो इसे एक पौष्टिक सब्जी बनाती है।
खरबूजा और तरबूज
खरबूजा और तरबूज गर्मी के मौसम के मुख्य फल हैं। इन्हें मार्च में लगाने से अच्छी फसल मिलती है। इनकी खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इन्हें बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इन्हें लगभग 80-90 दिनों में तैयार किया जा सकता है। खरबूजा और तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो इन्हें गर्मी के मौसम में एक ताज़गी देने वाले फल बनाती है।
भिंडी
भिंडी गर्मी के मौसम की मुख्य सब्जी है। इसे मार्च में लगाने से अच्छी पैदावार मिलती है। भिंडी की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 50-60 दिनों में तैयार किया जा सकता है। भिंडी में फाइबर और विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाती है।
अरबी
अरबी को भी गर्मी के मौसम में लगाया जा सकता है, लेकिन इसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। अरबी की खेती के लिए गर्म और आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 90-120 दिनों में तैयार किया जा सकता है। अरबी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो इसे एक ऊर्जा देने वाली सब्जी बनाती है।
पालक
पालक को ठंडे मौसम की सब्जी माना जाता है, लेकिन इसे मार्च में भी लगाया जा सकता है, खासकर ठंडे क्षेत्रों में। पालक की खेती के लिए ठंडा और नम मौसम उपयुक्त होता है। इसे बीज के माध्यम से लगाया जाता है और इसे लगभग 30-40 दिनों में तैयार किया जा सकता है। पालक में आयरन और विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो इसे एक पौष्टिक सब्जी बनाती है।
मार्च का महीना गर्मी की शुरुआत का समय होता है, और इस समय कई सब्जियों की खेती के लिए उपयुक्त मौसम होता है। खीरा, ककड़ी, लोबिया, करेला, लौकी, तुरई, पेठा, खरबूजा, तरबूज, भिंडी, अरबी और पालक जैसी सब्जियों को मार्च में लगाने से अच्छी पैदावार मिल सकती है। हालांकि, यह जरूरी है कि आप अपने क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के अनुसार सही फसल का चयन करें। साथ ही, सिंचाई और खाद का उचित प्रबंधन करना भी आवश्यक है।
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