Maur Mirch Ki Kheti : भाइयों, गर्मी शुरू होते ही लोग ठंडी चीजों के साथ कुछ चटपटा खाना पसंद करते हैं। ऐसे में मौर मिर्च (सूखी दही मिर्च) का स्वाद और ताजगी हर किसी को भाता है। तमिलनाडु के तंजावुर जिले में हर साल मौर मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इस साल भी यहाँ अच्छी पैदावार हुई है। ये मिर्च न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती है, बल्कि किसानों के लिए मुनाफे का शानदार जरिया बन रही है। चलिए, मौर मिर्च की खेती की पूरी बात समझते हैं।
तंजावुर की खास पहचान
तमिलनाडु में मौर मिर्च की खेती में तंजावुर सबसे आगे है। यहाँ थिरुकानूरपट्टी, वल्लम, मरुंगुलम, सामीपट्टी और ओरत्तनाडु जैसे इलाकों में 500 एकड़ से ज्यादा जमीन पर मौर मिर्च उगाई जाती है। अपने चटपटे स्वाद और शानदार क्वालिटी की वजह से इसे “तंजावुर मौर मिर्च” के नाम से जाना जाता है। गर्मियों में इसकी मांग बढ़ जाती है, जिससे ये तंजावुर की खास पहचान बन गई है।
मौर मिर्च की खेती का तरीका- Maur Mirch Ki Kheti
मौर मिर्च की खेती आसान और सस्ती है। तंजावुर में इसे फरवरी-मार्च में बोया जाता है, जब गर्मी की शुरुआत होती है। अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में बीज डालें। हर 15-20 दिन में हल्की सिंचाई करें। 60-70 दिन में मिर्च कटाई के लिए तैयार हो जाती है। कटाई के बाद इसे छाछ (मट्ठा) में डुबोकर धूप में सुखाया जाता है। ये तरीका इसे चटपटा और खास बनाता है। लागत कम लगती है, और मेहनत का फल जल्दी मिलता है।
कम लागत, मोटा मुनाफा
मौर मिर्च की खेती में लागत बहुत कम आती है। आधे एकड़ में करीब 8,000 रुपये खर्च करके 500 किलो तक मिर्च उगा सकते हैं। बाजार में इसे 60-70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है। यानी 30,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है। लागत घटाने पर 22,000 रुपये से ज्यादा का शुद्ध मुनाफा! गर्मियों में मांग बढ़ने पर दाम 80 रुपये तक भी जा सकते हैं। ये छोटे किसानों के लिए बड़ा फायदा देने वाली फसल है।
मौर मिर्च की खासियत
मौर मिर्च का स्वाद इसे सबसे अलग बनाता है। इसे छाछ में डुबोकर सुखाने से इसका स्वाद चटपटा और अनोखा हो जाता है। गर्मियों में लोग इसे दही, लस्सी या खाने के साथ बड़े चाव से खाते हैं। इसकी तीखी खुशबू और लंबी शेल्फ लाइफ इसे बाजार में हिट बनाती है। तंजावुर के किसान इसकी बिक्री से अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहे हैं, खासकर गर्मी के मौसम में।
मुनाफे का हिसाब
मान लो, आप आधे एकड़ में मौर मिर्च की खेती करते हैं। 8,000 रुपये की लागत से 500 किलो मिर्च तैयार हुई। 60 रुपये प्रति किलो से बेचें, तो 30,000 रुपये की कमाई। लागत निकालें, तो 22,000 रुपये का मुनाफा। अगर गर्मी में दाम 70-80 रुपये तक गए, तो 35,000-40,000 रुपये तक कमा सकते हैं। ये साबित करता है कि कम जमीन पर भी सही फसल से बड़ी कमाई हो सकती है।
गर्मियों का प्लान
भाइयों, तंजावुर की मौर मिर्च गर्मियों में कमाई का धांसू मौका देती है। कम लागत और मेहनत से फसल तैयार करिए। बाजार में मांग बढ़ रही है, तो 2025 की गर्मी में इसकी खेती ट्राई करें। छाछ में सुखाइए, बेचिए, और मुनाफा कमाइए। तंजावुर के किसानों की तरह आप भी इस चटपटी फसल से मालामाल हो सकते हैं!
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