Medhon par Masala ki kheti : किसान भाइयों, गाँव में खेत की मेड़ें अक्सर खाली पड़ी रहती हैं, लेकिन क्या आपने सोचा कि इन छोटी जगहों से भी कमाई हो सकती है? हल्दी, अदरक, मिर्च जैसे मसाले उगाकर आप मेड़ों को सोने की खान बना सकते हैं। ये मसाले न सिर्फ खाने में स्वाद डालते हैं, बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी लाते हैं। मेड़ों पर नमी रहती है और मेहनत भी कम लगती है। आइए, समझें कि कैसे मेड़ों पर मसालों की खेती करें और फायदा उठाएँ।
मेड़ों को तैयार करने का आसान तरीका
सबसे पहले मेड़ों को थोड़ा तैयार करना पड़ता है। बरसात से पहले मई-जून का महीना इसके लिए सबसे बढ़िया है। मेड़ अगर टेढ़ी-मेढ़ी हो, तो उसे फावड़े से थोड़ा समतल कर लें। ऊपर की मिट्टी को हल्का खुरचकर गोबर की सड़ी खाद मिला दें, करीब एक-दो मुट्ठी हर मेड़ पर। गाँव में मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए थोड़ा राख भी डाल सकते हैं, ये पुराना नुस्खा है। मेड़ पर पानी की निकासी ठीक रखें, ताकि बारिश में मसाले सड़ें नहीं। ऐसा करने से मेड़ खेती के लिए तैयार हो जाएगी।
हल्दी उगाने का जुगाड़
हल्दी को मेड़ पर उगाना बहुत आसान है। इसके लिए छोटे-छोटे हल्दी के टुकड़े लें, जिनमें एक-दो आँखें हों। इन्हें मेड़ पर 6-8 इंच की दूरी पर मिट्टी में दबा दें, ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर ढक दें। बरसात में हल्दी अपने आप बढ़ने लगती है। गाँव में पानी कम हो तो हफ्ते में एक बार हल्का पानी डाल दें। 8-9 महीने में जब पत्तियाँ सूख जाएँ, तो मिट्टी खोदकर हल्दी निकाल लें। एक मेड़ से 10-15 किलो हल्दी मिल सकती है, जो बाजार में अच्छा दाम देती है।
अदरक का मेड़ पर कमाल
अदरक भी मेड़ों के लिए बना है। इसके लिए अदरक के छोटे टुकड़े लें, जिनमें कलियाँ हों। इन्हें मेड़ पर 6 इंच की दूरी पर हल्की मिट्टी में रोप दें। ऊपर से गोबर की खाद की पतली परत डाल दें, ये इसे ताकत देगा। बरसात में पानी की जरूरत कम पड़ती है, लेकिन सूखा पड़े तो हल्का पानी छिड़कें। 7-8 महीने बाद अदरक तैयार हो जाता है। गाँव में नीम की पत्तियों का पानी छिड़कें, इससे कीड़े दूर रहते हैं। एक मेड़ से 8-12 किलो अदरक निकल सकता है, जो घर और बाजार दोनों के लिए फायदेमंद है।
मिर्च की खेती मेड़ पर
मिर्च के लिए पहले नर्सरी में पौधे तैयार करें। जब पौधे 4-5 इंच के हो जाएँ, तो उन्हें मेड़ पर 1 फीट की दूरी पर रोप दें। रोपाई के बाद हल्का पानी डालें। मिर्च को धूप और नमी दोनों चाहिए, जो मेड़ पर आसानी से मिल जाती है। गाँव में कीड़ों से बचाने के लिए लहसुन का पानी छिड़कें, ये देसी तरीका बहुत काम करता है। 3-4 महीने में मिर्च तोड़ने लायक हो जाती है। एक मेड़ से 5-7 किलो मिर्च मिल सकती है, जो बाजार में अच्छा भाव लाती है।
अन्य मसाले जो मेड़ पर उगा सकतें हैं
हल्दी, अदरक और मिर्च के अलावा धनिया, सौंफ या अजवाइन जैसे मसाले भी मेड़ पर आजमा सकते हैं। धनिया के बीज को मेड़ पर छिड़क दें और हल्की मिट्टी डालें, 30-40 दिन में हरा धनिया तैयार। सौंफ और अजवाइन को भी ऐसे ही उगाएँ, इनके लिए गोबर की खाद ही काफी है। गाँव में ये छोटे मसाले घर में काम आते हैं और बचे हुए को बेचकर थोड़ा पैसा भी मिल जाता है। मेड़ की छोटी जगह से ये बड़ा फायदा दे सकते हैं।
फायदा और कमाई का हिसाब
मेड़ों पर मसालों की खेती(Masala ki kheti) से खेत की खाली जगह काम में आती है। एक बीघे की मेड़ से हल्दी, अदरक और मिर्च मिलाकर 25-30 किलो मसाला निकल सकता है। बाजार में हल्दी 100-150 रुपये किलो, अदरक 80-120 रुपये किलो और मिर्च 50-80 रुपये किलो बिकती है। यानी 3-5 हज़ार रुपये की कमाई आसानी से हो सकती है। गाँव में बचे हुए मसाले सुखाकर भी बेच सकते हैं, ये दोहरा फायदा देगा। मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा, यही इस खेती की खासियत है।
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