पशुओं के लिए आई दूध बढ़ाने वाली चॉकलेट! खिला दो, फिर देखो दुहते-दुहते थक जाओगे

Chocolate For Animals: पशुपालक भाइयों, अब आपकी गाय-भैंस को स्वस्थ रखने और दूध बढ़ाने का एक नया तरीका आ गया है पशु चॉकलेट! ये कोई इंसानों वाली चॉकलेट नहीं, बल्कि पशुओं के लिए खास बनाया गया पौष्टिक आहार है। सुल्तानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार और डॉ. गौरव पांडे ने बताया कि भारत में पशुओं की संख्या तो बहुत है, लेकिन दूध उत्पादन कम है। इसका बड़ा कारण है पौष्टिक आहार की कमी। इस पशु चॉकलेट ने गाँवों में कमाल कर दिया है। ये सस्ता है, बनाना आसान है, और आपकी गाय-भैंस की सेहत को दुरुस्त रखता है। आइए जानते हैं कि ये चॉकलेट क्या है और आपके लिए कैसे फायदेमंद है।

पशु चॉकलेट क्या है?

पशु चॉकलेट, जिसे यूरिया मोलासेस मिनरल ब्लॉक (UMMB) भी कहते हैं, पशुओं के लिए एक खास आहार है। इसे गाय, भैंस, भेड़ और बकरी जैसे दुधारू पशुओं को खिलाने के लिए बनाया गया है। ये चॉकलेट फसल के बचे हुए हिस्सों, जैसे भूसा, में पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करती है। इसमें गुड़ का शीरा, यूरिया, खनिज लवण, कैल्साइट पाउडर, चूना, गेहूं का भूसा, और महुआ की खली जैसी चीजें मिलाई जाती हैं। ये पशुओं को प्रोटीन, नाइट्रोजन, और खनिज देता है, जिससे उनका पाचन बेहतर होता है और दूध 10-14% तक बढ़ जाता है। इसे बनाने में सस्ती और स्थानीय चीजों का इस्तेमाल होता है, जो हर गाँव में आसानी से मिल जाती हैं।

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कैसे बनता है ये चॉकलेट?

पशु चॉकलेट बनाने के लिए कई सस्ती और पौष्टिक चीजों को मिलाया जाता है। इसमें 45% गुड़ का शीरा, 15% यूरिया, 15% खनिज लवण, 8% चूना, 4% कैल्साइट पाउडर, 3% बेटोनाइट, 10% कटान सीड मिल, 10% तेल रहित महुआ की खली, 20% गेहूं का भूसा, और 20% पिसा हुआ मक्का मिलाया जाता है। इसे बनाने के लिए इन चीजों को 2 लीटर पानी में अच्छे से मिलाया जाता है, फिर मशीन में प्रेस करके ब्लॉक बनाए जाते हैं। इन ब्लॉक्स को एक हफ्ते तक सुखाया जाता है। तैयार चॉकलेट को पशुशाला में चारे के पास रख दें, ताकि गाय-भैंस इसे चाट सकें। ये चाटने से यूरिया नाइट्रोजन बनाता है, जो प्रोटीन में बदलता है और पशुओं को ताकत देता है।

पशुओं की सेहत के लिए क्यों जरूरी?

फसल के बचे हुए हिस्से, जैसे भूसा, पशुओं का मुख्य खाना हैं, लेकिन इनमें नाइट्रोजन, प्रोटीन, और खनिज की कमी होती है। भूसे में लिग्निन ज्यादा होने की वजह से पशु इसे पूरी तरह पचा नहीं पाते। इससे उनकी सेहत कमजोर होती है और दूध कम मिलता है। पशु चॉकलेट इन कमियों को दूर करता है। इसमें मौजूद खनिज लवण और प्रोटीन पशुओं के पाचन को ठीक करते हैं। गर्मियों में, जब हरा चारा कम मिलता है, ये चॉकलेट खास तौर पर फायदेमंद है। ये भूसे को पचाने में मदद करता है और पशुओं की खुराक की पौष्टिकता 25-30% तक बढ़ा देता है। इससे दूध में 14% और वसा में 11% की बढ़ोतरी होती है।

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पाइका बीमारी से छुटकारा

कई बार पशुओं में खनिज लवण की कमी से पाइका बीमारी हो जाती है। इसमें गाय-भैंस दीवार चाटने, कागज खाने, या पेशाब पीने लगते हैं, जो उनकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। पशु चॉकलेट इस बीमारी को ठीक करने में कारगर है। ये पशुओं को जरूरी खनिज और पोषक तत्व देता है, जिससे उनकी बुरी आदतें छूट जाती हैं। साथ ही, गर्भवती पशुओं में गर्भाशय के बाहर निकलने की समस्या को भी ये कम करता है। सुल्तानपुर और बरेली के कृषि विज्ञान केंद्रों में इसे आजमाया गया है, और पशुपालकों ने इसके शानदार नतीजे देखे हैं।

कैसे खिलाएँ और कहाँ से लें?

पशु चॉकलेट को खिलाना बहुत आसान है। इसे पशुशाला में चारे के पास रख दें, ताकि गाय-भैंस इसे चाट सकें। एक साल से बड़े पशु को रोज़ 300 ग्राम तक चॉकलेट दे सकते हैं। ध्यान रखें कि इसके साथ 4-5 किलो भूसा देना जरूरी है, वरना यूरिया हानिकारक हो सकता है। आप इसे घर पर बना सकते हैं या नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से खरीद सकते हैं। सुल्तानपुर और बरेली के केंद्रों में ये चॉकलेट बाँटी जा रही है। अपने जिले के कृषि विभाग या KVK से संपर्क करें, वो आपको बनाने की पूरी ट्रेनिंग और सामग्री की जानकारी देंगे।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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