धान के बीज में मिलाएं सिर्फ 4 ग्राम ये चमत्कारी दवा, फसल होगी बंपर और रोगमुक्त

Paddy Nursery Tips: जून का दूसरा हफ्ता आते ही किसान भाई मोटे धान की रोपाई की तैयारी में जुट जाते हैं। धान हमारी खरीफ की सबसे बड़ी फसल है, और अच्छी पैदावार के लिए स्वस्थ पौध तैयार करना बहुत जरूरी है। अगर पौधे मजबूत और रोगमुक्त हों, तो फसल भी शानदार होगी और मुनाफा बढ़ेगा। लेकिन कई बार रोग और कीट फसल को नुकसान पहुँचाते हैं। अच्छी खबर ये है कि बीज उपचार के देसी और आसान तरीकों से आप अपनी फसल को रोगों से बचा सकते हैं।

स्वस्थ नर्सरी, मजबूत फसल

धान की खेती का पहला कदम है स्वस्थ नर्सरी तैयार करना। अगर पौधे कमजोर होंगे, तो फसल भी कमजोर होगी। ज्यादातर किसान भाई पहले नर्सरी तैयार करते हैं, फिर उसकी रोपाई करते हैं। नर्सरी के लिए ऐसी जगह चुनें, जहाँ पानी की अच्छी व्यवस्था हो और मिट्टी उपजाऊ हो। खेत को अच्छे से जोतें और उसमें गोबर की खाद मिलाएँ। इससे पौधों को शुरू से ही पोषण मिलेगा। नर्सरी की बुवाई जून के पहले हफ्ते में शुरू करें, ताकि रोपाई के लिए पौधे 20-25 दिन में तैयार हो जाएँ। स्वस्थ पौधे न सिर्फ रोगों से लड़ते हैं, बल्कि पैदावार भी बढ़ाते हैं।

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रोगों से बचाव का आसान तरीका

धान की फसल में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट (BLB) जैसे रोग बड़ी मुसीबत ला सकते हैं। ये रोग पत्तियों को खराब करता है, जिससे फसल की पैदावार कम हो जाती है। लेकिन अगर बुवाई से पहले बीज का उपचार कर लिया जाए, तो इन रोगों से बचा जा सकता है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी बताते हैं कि बीज उपचार से न सिर्फ रोग कम होते हैं, बल्कि कीट भी फसल को कम नुकसान पहुँचाते हैं। इससे खेती का खर्चा भी कम होता है। गाँव में ये काम बड़े आसानी से हो सकता है, बस सही तरीका अपनाना है।

बीज उपचार कैसे करें?

20 किलो धान के बीज को उपचारित करने के लिए एक बड़ा ड्रम या बाल्टी लें और उसमें 25 लीटर पानी डालें। अब इसमें 40-50 ग्राम थियोफैनेट मिथाइल 70 WP या कार्बेन्डाजिम डालकर अच्छे से मिलाएँ। अगर बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट से बचाव करना है, तो 4 ग्राम स्ट्रिप्टोसाइक्लिन को पानी में घोलें। इस घोल में धान के बीज डालें और 24 घंटे तक भिगोकर रखें।

इस दौरान हल्के और खराब बीज ऊपर तैरने लगेंगे, जिन्हें निकाल दें। 24 घंटे बाद बीज को पानी से बाहर निकालकर छायादार जगह पर रखें। बीजों को एक भीगी टाट की बोरी से ढक दें, ताकि नमी बनी रहे। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे। जब बीज में छोटी-छोटी कोंपलें निकल आएँ, तब नर्सरी में बुवाई करें।

नर्सरी तैयार करने की आसान तरकीब

नर्सरी के लिए खेत का एक छोटा हिस्सा चुनें, जो समतल हो और पानी रुकने की जगह हो। मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएँ। खेत को अच्छे से जोतकर समतल करें और उसमें हल्का पानी भर दें। अब अंकुरित बीजों को बिखेरकर बुवाई करें। ऊपर से हल्की मिट्टी की परत डालें, ताकि बीज मिट्टी में अच्छे से जम जाएँ। हर 2-3 दिन में हल्का पानी डालते रहें, लेकिन खेत को ज्यादा गीला न करें। 20-25 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाएँगे। गाँव में अगर पानी की कमी है, तो ड्रिप इरिगेशन या छिड़काव का इस्तेमाल करें।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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