Moong Price: मॉनसून के साथ खरीफ की बुवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन जायद (ग्रीष्मकालीन) फसलों जैसे मूंग और उड़द की कीमतों ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसानों को परेशान कर रखा है। केंद्र सरकार ने इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मंजूरी दे दी है, लेकिन मंडियों में दाम अभी भी MSP से काफी नीचे चल रहे हैं। मूंग और अरहर जैसे दालों के दाम गिरने से किसान भाई परेशान हैं।
केंद्र की MSP खरीद योजना क्या है?
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में मूंग और उड़द, और उत्तर प्रदेश में उड़द की खरीद को प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश में ये फैसला राज्य सरकार के प्रस्ताव के बाद लिया गया, जबकि उत्तर प्रदेश में पहले मूंग की खरीद को मंजूरी मिल चुकी थी। इस योजना में NAFED और NCCF जैसी एजेंसियाँ सीधे किसानों से MSP पर फसल खरीदेंगी।
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मूंग का MSP 2025-26 के लिए 8,768 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द का 7,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इस कदम से सरकार का मकसद है कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले और व्यापारियों के कम दाम देने की आदत खत्म हो। लेकिन इस खरीद के लिए सरकार को बड़ा खर्चा उठाना पड़ेगा।
मंडियों में दाम क्यों गिर रहे हैं?
हालांकि सरकार ने MSP पर खरीद की मंजूरी दे दी है, लेकिन मंडियों में मूंग और अरहर जैसे दालों के दाम अभी भी MSP से काफी कम हैं। एगमार्कनेट पोर्टल के मुताबिक, 24 जून 2025 को मंडियों में मूंग का औसत दाम 6,912 रुपये प्रति क्विंटल था, जो MSP (8,768 रुपये) से 1,769 रुपये कम है। एक हफ्ते पहले 17 जून को ये दाम 6,981.81 रुपये और एक महीने पहले 24 मई को 7,810.47 रुपये प्रति क्विंटल था।
अरहर का MSP 7,550 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन 24 जून को इसका दाम 6,589.37 रुपये और 17 जून को 6,466.68 रुपये प्रति क्विंटल था। मध्य प्रदेश की कुछ मंडियों में तो मूंग के दाम 200 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए, जो किसानों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं। नई फसल आने के बाद व्यापारियों ने दाम और गिरा दिए, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
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मध्य प्रदेश में MSP खरीद की देरी का असर
मध्य प्रदेश में हालात पहले और बुरे थे, क्योंकि राज्य सरकार ने समय पर MSP खरीद का प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा था। इससे व्यापारियों ने मौका उठाकर दाम बहुत कम कर दिए। किसानों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेजा और अब केंद्र ने खरीद को मंजूरी दे दी है।
मध्य प्रदेश में मूंग और उड़द की खरीद के लिए पंजीकरण 19 जून से शुरू हो चुका है और खरीद अगस्त 2025 से होगी। लेकिन तब तक मंडियों में कम दाम की मार किसानों को झेलनी पड़ रही है। उत्तर प्रदेश में उड़द की खरीद की मंजूरी मिली है, और मूंग की खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है, लेकिन वहाँ भी मंडी के दाम MSP से नीचे हैं।
मूंग और उड़द की MSP पर खरीद की मंजूरी किसानों के लिए बड़ी राहत है, लेकिन मंडियों में कम दाम अभी भी परेशानी का सबब हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान भाई समय पर पंजीकरण करें और सरकारी खरीद का फायदा उठाएं।
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