आज के समय में किसानों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द है अपनी फसल को जंगली और आवारा जानवरों से बचाना। नीलगाय, जंगली सुअर और हिरण रातों-रात पूरी फसल तहस-नहस कर देते हैं। मेहनत से उगाई गई सब्जियाँ, फल और अनाज बर्बाद हो जाते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। इस परेशानी को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत मिशन के तहत तार फेंसिंग अनुदान योजना शुरू की है। सागर की हॉर्टिकल्चर डिप्टी डायरेक्टर पीएस बडोले बताती हैं कि ये योजना किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने का एक बढ़िया जुगाड़ है। इससे खेतों में तार की बाड़ लगाकर जंगली जानवरों को रोका जा सकता है।
तार फेंसिंग से फसलों को सुरक्षा
इस योजना का मकसद है किसानों को आर्थिक मदद देना, ताकि वे अपने खेतों की तारबंदी कर सकें। तार फेंसिंग से जंगली जानवर खेतों में घुस नहीं पाते, और फसलें सुरक्षित रहती हैं। सागर में हॉर्टिकल्चर डिप्टी डायरेक्टर पीएस बडोले के मुताबिक, प्रति मीटर तार फेंसिंग की लागत करीब 300 रुपये है, जिसमें से 50 फीसदी यानी 150 रुपये सरकार अनुदान के तौर पर देती है। यानी, अगर आप 1000 मीटर की तारबंदी कराते हैं, तो आपको 1.5 लाख रुपये की लागत में से 75,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। ये योजना खासकर उन किसानों के लिए वरदान है, जो आर्थिक तंगी की वजह से तारबंदी नहीं कर पाते।
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कौन ले सकता है योजना का लाभ
ये योजना हर किसान के लिए नहीं है। पीएस बडोले बताते हैं कि इसका लाभ सिर्फ़ वही किसान उठा सकते हैं, जो सब्जियाँ, फल, फूल, मसाले या अन्य बागवानी फसलों की खेती करते हैं। इसमें एक किसान को अधिकतम 1000 रनिंग मीटर तारबंदी के लिए अनुदान मिलेगा। हर जिले में अलग-अलग लक्ष्य तय किए गए हैं, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को फायदा हो। योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपनी जमीन पर बागवानी फसलें उगानी होंगी, जैसे टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, आम, अमरूद या औषधीय पौधे। इससे न सिर्फ़ फसलें सुरक्षित रहेंगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा।
आवेदन का आसान तरीका
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पहले पंजीयन करवाना होगा। इसके लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी और बी1 खसरा की नकल जैसे दस्तावेज़ चाहिए। उद्यानिकी विभाग के अधिकारी खेत का मुआयना करेंगे और मौके की जाँच के बाद अनुदान मंजूर होगा। पीएस बडोले सलाह देती हैं कि किसान अपने नज़दीकी उद्यानिकी विभाग कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर पंजीयन करवाएँ। आवेदन के बाद जाँच पूरी होने पर अनुदान सीधे किसान के बैंक खाते में जमा होगा। ये प्रक्रिया पारदर्शी और आसान रखी गई है, ताकि छोटे और सीमांत किसानों को दिक्कत न हो।
फसल और कमाई दोनों सुरक्षित
तार फेंसिंग योजना से न सिर्फ़ फसलें सुरक्षित होंगी, बल्कि किसानों की मेहनत भी बर्बाद नहीं होगी। जंगली जानवरों से होने वाला 30-40 फीसदी नुकसान रोका जा सकता है। इससे किसानों की कमाई बढ़ेगी और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित होगा। साथ ही, बागवानी फसलों को बढ़ावा मिलने से गाँवों में हरियाली भी छाएगी। मध्य प्रदेश सरकार की ये योजना छोटे किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है। अगर आप भी बागवानी फसलों की खेती करते हैं, तो इस योजना का फायदा उठाएँ और अपने खेतों को जंगली जानवरों से बचाएँ।
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