MP के किसानों के लिए खुशखबरी! मूंग और उड़द की MSP तय, 19 जून से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया

मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। लंबे समय से मूंग और उड़द की समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी की माँग कर रहे किसानों की आवाज आखिरकार सरकार तक पहुँची। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की सरकारी खरीदी का ऐलान कर दिया है। सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजकर खरीदी की मंजूरी ली है, और 19 जून 2025 से किसानों का पंजीयन शुरू होगा। यह फैसला उन किसानों के लिए वरदान साबित होगा, जिन्होंने गर्मियों में इन फसलों की बंपर पैदावार ली है।

MSP और फसल का दायरा

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, मूंग का समर्थन मूल्य ₹8,682 प्रति क्विंटल और उड़द का ₹7,400 प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह दरें बाजार मूल्य से काफी बेहतर हैं, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम मिलेगा। मध्य प्रदेश में मूंग की खेती 36 जिलों में लगभग 14.35 लाख हेक्टेयर में हुई है, और अनुमानित उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन है। वहीं, उड़द की खेती 13 जिलों में 0.95 लाख हेक्टेयर में हुई है, जिसका उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है। यह खरीदी किसानों की आय बढ़ाने और बाजार में कम कीमतों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करेगी।

पंजीयन की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

मूंग और उड़द को MSP पर बेचने के लिए किसानों को पहले पंजीयन कराना होगा। पंजीयन की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है। इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेज चाहिए होंगे: आधार कार्ड, राष्ट्रीयकृत या जिला सहकारी बैंक का खाता विवरण, IFSC कोड, और भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की फोटोकॉपी। बटाईदार किसानों को बटाई अनुबंध की प्रति भी जमा करनी होगी। पंजीयन के बाद किसानों को नजदीकी खरीदी केंद्र पर अपनी उपज बेचने का मौका मिलेगा। हर किसान को तौल रसीद और भुगतान का प्रिंटेड विवरण प्रदान किया जाएगा।

ये भी पढ़ें- खेती में अपनाएं ये मॉर्डन मशीनें, लागत का 50% देगी सरकार! होगी तगड़ी कमाई

पारदर्शी और डिजिटल खरीदी प्रक्रिया

मध्य प्रदेश सरकार ने खरीदी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं। खरीदी केंद्रों पर समय पर तुलाई होगी, और भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में डिजिटल रूप से किया जाएगा। खरीदी का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचा जा सके। सहकारी समितियाँ इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभालेंगी। सरकार ने गुणवत्ता मानकों को भी तय किया है, जिसके तहत नमीयुक्त या खराब अनाज को खरीदा नहीं जाएगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल को अच्छी तरह सुखाकर और साफ करके खरीदी केंद्र पर लाएँ।

किसानों के हित में सरकार का संकल्प

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर खरीदी की मंजूरी सुनिश्चित की। यह फैसला किसानों की माँग और उनके आंदोलनों के बाद लिया गया, जिससे साफ है कि सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे 19 जून से पहले अपने दस्तावेज तैयार कर लें और समय पर पंजीयन कराकर इस अवसर का लाभ उठाएँ।

ये भी पढ़ें- बागवानी फसलों में कीट नियंत्रण के लिए यह सरकार दे रही 50-75% तक सब्सिडी, जानें कैसे उठाएं योजना का पूरा लाभ

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment