मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना के तहत मछुआरों को मिलेगा मुफ्त शिकारमाही किट और 50% अनुदान

मछली पालन आजकल किसानों और मछुआरों के लिए कमाई का अच्छा जरिया बन रहा है। इसे और बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने “मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना” शुरू की है। इस योजना का मकसद है कि मछुआरे भाईयों को मछली पकड़ने और बेचने में आसानी हो, ताकि ताजी मछली साफ-सुथरी हालत में लोगों तक पहुंचे। साथ ही, मछुआरों और मत्स्य विक्रेताओं को रोजगार के नए रास्ते मिलें और उनकी सालाना कमाई में अच्छी बढ़ोतरी हो। सरकार इसके लिए मुफ्त किट और सस्ते दाम पर वाहन जैसी सुविधाएं दे रही है। आइए, इस योजना को अच्छे से समझते हैं।

योजना का मकसद क्या है?

बिहार में मछुआरे मेहनत तो खूब करते हैं, लेकिन कई बार सही सामान न होने की वजह से उनकी मछली अच्छे दाम पर नहीं बिक पाती। इस योजना से मछुआरों को मछली पकड़ने और बेचने के लिए मुफ्त किट मिलेगी, जिसमें शिकारमाही और विपणन का सामान होगा। इसके अलावा, जो लोग मछली बेचते हैं, उन्हें थ्री-व्हीलर वाहन और आइस बॉक्स सस्ते दाम पर दिए जाएंगे। इससे मछली खराब नहीं होगी और ग्राहकों तक ताज़ा पहुंचेगी। जब मछली की क्वालिटी अच्छी होगी, तो दाम भी बढ़िया मिलेगा और मछुआरों की जेब में ज्यादा पैसा आएगा।

कितना अनुदान और किसे मिलेगा?

इस योजना में दो तरह की मदद है। पहला, मछुआरों, मछली बेचने वालों और छोटे वेंडरों को मछली पकड़ने और बेचने की किट मुफ्त में दी जाएगी। यानी इसके लिए आपको एक पैसा भी नहीं देना पड़ेगा 100% अनुदान सरकार की तरफ से। दूसरा, जो लोग थोक या खुदरा मछली बेचते हैं, उन्हें थ्री-व्हीलर वाहन और आइस बॉक्स के लिए 50% अनुदान मिलेगा। मान लो वाहन की कीमत 1 लाख रुपये है, तो 50,000 रुपये सरकार देगी और बाकी आपको देने होंगे। ये सुविधा मछली को दूर-दूर तक ले जाने और ताज़ा रखने में काम आएगी।

कौन ले सकता है लाभ?

इस योजना का फायदा हर वो मछुआरा या मत्स्य विक्रेता ले सकता है, जो बिहार में मछली के धंधे से जुड़ा है। इसमें मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य, अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग, जीविका समूह और एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइज़ेशन) वाले शामिल हैं। अगर आप मछली बेचने का काम करते हैं, तो ये आपके लिए सुनहरा मौका है। बस आपको आवेदन करना होगा, जिसमें कुछ जरूरी चीजें लगेंगी:

  • अपना मोबाइल नंबर, बैंक का नाम, खाता नंबर और IFSC कोड लिखना होगा।
  • अपनी दुकान या मछली बेचने की जगह की पोस्टकार्ड साइज फोटो देनी होगी, जिसमें आप खुद दिखें।
  • एक हस्ताक्षर वाला कागज देना होगा, जिसमें लिखा हो कि आपकी दुकान या जगह पर कोई विवाद नहीं है और आपने पहले ऐसी कोई सरकारी मदद नहीं ली है।
    चयन का जिम्मा उप मत्स्य निदेशक की अगुवाई वाली कमेटी के पास होगा। वो देखेगी कि कौन सच में इसके लायक है।

योजना कैसे काम करेगी?

इस योजना को लागू करने का तरीका भी आसान रखा गया है। सबसे पहले आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। फिर:

  • अगर आपको थ्री-व्हीलर या किट चाहिए, तो सूचीबद्ध एजेंसी से उसका कोटेशन (कीमत का कागज) लेकर जिला मत्स्य कार्यालय में जमा करना होगा।
  • इसके बाद आपको अपना हिस्सा (अगर वाहन ले रहे हैं तो 50%) बैंक ड्राफ्ट से एजेंसी या कार्यालय में जमा करना होगा। जमा करने की पावती ले लें।
  • जिला मत्स्य पदाधिकारी आपकी पावती और कोटेशन चेक करेगा। सब ठीक रहा, तो एजेंसी को सामान देने का ऑर्डर देगा।
  • फिर जिले में कैंप लगाकर ये सारी चीजें थ्री-व्हीलर, आइस बॉक्स और किट बांटी जाएंगी।
    ये तरीका इसलिए बनाया गया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सही लोगों तक मदद पहुंचे।

आवेदन कहाँ और कब तक करें?

इस योजना में हिस्सा लेने के लिए आपको ऑनलाइन जाना होगा। बिहार मत्स्य निदेशालय की वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की आखिरी तारीख है 31 मार्च 2025, तो जल्दी करो, मौका हाथ से न निकलने देना। अगर कुछ समझ न आए, तो अपने जिले या प्रखंड के मत्स्य कार्यालय में जाकर पूछ लो। वैसे, टोल-फ्री नंबर 1800-345-6185 पर भी फोन करके सारी जानकारी ले सकते हैं। वहाँ लोग आपकी मदद के लिए तैयार बैठे हैं।

मछुआरों के लिए क्यों जरूरी है ये योजना?

बिहार में मछली का धंधा सालों से चलता आ रहा है, लेकिन कई मछुआरे सही संसाधन न होने की वजह से पीछे रह जाते हैं। मछली पकड़ने और बेचने में जो दिक्कतें आती हैं—जैसे मछली का खराब हो जाना या दूर तक न ले जा पाना ये योजना उन्हें दूर करेगी। मुफ्त किट से मछली पकड़ना आसान होगा, और थ्री-व्हीलर व आइस बॉक्स से बिक्री बढ़ेगी। जब बिक्री बढ़ेगी, तो कमाई भी बढ़ेगी। साथ ही, नए लोगों को भी इस धंधे में आने का मौका मिलेगा। ये योजना मछुआरों की मेहनत को सही दाम दिलाने का वादा करती है।

मछली पालन सिर्फ पेट भरने का जरिया नहीं, बल्कि अच्छी कमाई का रास्ता भी बन सकता है। मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना से मछुआरों को वो ताकत मिलेगी, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी। अगर आप इस काम से जुड़े हैं, तो अभी से तैयारी शुरू कर दो। सही वक्त पर सही कदम उठाओ, ताकि आपकी मेहनत रंग लाए और घर में खुशहाली आए।

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  • Shashikant

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